बरेली (ब्यूरो)। संडे और मंडे को मौसम विज्ञानियों ने 10-14 एमएम बारिश होने की संभावना जताने के साथ आसपास के जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया था, लेकिन संडे को सुबह से बादल छाए रहे, हालांकि दोपहर में धूप निकली। मंडे को बादल छाए रहे और हल्की ही बूंदाबांदी के बाद मौसम साफ होने लगा। जबकि मौसम विज्ञानियों की बारिश की संभावना पर लोग अलर्ट भी हो गए। वहीं पिछले सप्ताह हुई दो दिन बारिश ने ठंडक जरूर बढ़ाई लेकिन इससे शहर का प्रदूषण जरूर धुल गया। जनवरी माह की शुरूआत में जहां एक्यूआई 100 से ऊपर और 90 के आसपास रहा वह बारिश के बाद से 70 तक पहुंच गया। इससे शहर की आवोहवा भी साफ हुई और लोगों को राहत भी मिली।

आज से साफ होगा मौसम
बरेली मंडल में संडे और मंडे को करीब 10 से 25 एमएम वर्षा होने मौसम विज्ञानियों ने संभावना जताई। जिसमें से करीब 10 एमएम वर्षा संडे को होनी थी, तो 15 एमएम मंडे को होनी थी। मगर इसका उल्टा हुआ। संडे को बारिश तो दूर बादल भी सही ढंग से नहीं छाए, तेज धूप ने लोगों को राहत दी। मगर पहाड़ों पर हुई वर्षा ने ठंडक का दोबारा से एहसास जरूर कर दिया। मंडे को करीब 15 एमएम बारिश की संभावना जताई गई थी। सुबह से काले घने बादलों को देखकर ऐसा लग रहा था कि बारिश जरूर होगी, लेकिन दोपहर में हल्की बूंदाबांदी हुई और शाम को सूर्य की चमक दिखाई देने लगी। पहाड़ी क्षेत्रों में भी करीब एक से दो एमएम तक ही वर्षा हुई। मौसम वैज्ञानिक डॉ। आरके ङ्क्षसह ने बताया कि, ट्यूजडे से मौसम पूरी तरह से साफ हो जाएगा। अभी किसी भी तरह का कोई अलर्ट नहीं है। तापमान में भी करीब चार से पांच डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।

निर्माण कार्य भी हुए पूरे
शहर में पॉल्यूशन की स्थित में सुधार के पीछे बड़ा कारण शहर के कई निर्माण कार्य पूरे होना और रोड पर निर्माण सामग्री को हटाया जाना भी है। क्योंकि पिछले माह तक कई निर्माण कार्य पूरे हो गए। जिस कारण शहर में प्रदूषण का लेवल कम हुआ है। इससे लोगों को भी राहत मिली है।

बन सकते हैं बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, इस हफ्ते में होने वाली बारिश भले ही न हुई हो। लेकिन अगले हफ्ते में फिर से बारिश के आसार बन सकते हैं। होली तक दो से तीन बार बारिश के आसार बनेंगे। हालांकि, अभी फरवरी तक लोगों के गर्मी का एहसास नहीं होगा।

कुछ फसलों के लिए फायदेमंद
कृषि विशेषज्ञ रंजीत ङ्क्षसह के मुताबिक, बिन मौसम हो रही यह बूंदाबांदी गेहूं, जौ, गन्ना और पत्तेदार सब्जियों के लिए अच्छी साबित हो सकती है। मगर जो फसलें पक कर कटने के लिए लगभग तैयार हो चुकी हैं, उनके लिए यह बूंदाबांदी नुकसान दायक साबित हो सकती है।