50 percent boys ने किया vote
गल्र्स के मुकाबले ब्वॉयज में वोटिंग को लेकर ज्यादा क्रेज दिखा। बीसीबी में ब्वॉयज वोटर्स की संख्या 7,313 और गल्र्स की संख्या 9,108 है। इलेक्शन में 3,694 ब्वॉयज और 2,527 गल्र्स ने वोटिंग की। ब्वॉयज का जहां वोटिंग परसेंटेज 50.51 रहा वहीं गल्र्स का महज 27.74 परसेंट रहा।
Morning में girls की रही भीड़
कॉलेज में सुबह 9:00 बजे से वोटिंग स्टार्ट हो गई थी। हालांकि वोटिंग की स्टार्टिंग बहुत ही धीमी थी, लेकिन उसमें भी गल्र्स ही ज्यादा दिखीं। ब्वॉयज की संख्या में बढ़ोतरी 11 बजे से देखने को मिली। दोपहर 12 बजे तक करीब 15 परसेंट ही वोट पड़े।
11 बजे के बाद बढऩे लगी भीड़
जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, कैंपस में वोटर्स की संख्या बढ़ती गई। 11 बजे के बाद से वोटिंग परसेंटेज में बढ़ोतरी देखने को मिली। दोपहर एक बजे काफी बूथ्स पर स्टूडेंट्स की लंबी लाइन देखने को मिली। साइंस फैकल्टी में बने गल्र्स के लिए पोलिंग बूथ और कॉमर्स में ब्वॉयज के पोलिंग बूथ पर इस समय में काफी लंबी लाइन लगी थी। जीसीआर में बने 3 पोलिंग बूथ पर एक बजे तक 10 से 15 परसेंट वोट पड़ चुके थे।
वहीं कॉमर्स ब्लॉक में इस समय सभी बूथों पर करीब 30 से 35 परसेंट वोट पड़ चुके थे। इसी समय साइंस फैकल्टी में बने गल्र्स के पोलिंग बूथों पर 40 से 50 परसेंट वोट पड़ चुके थे। पीजी कोर्स के स्टूडेंट्स के मुकाबले यूजी कोर्सेज के स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़कर वोट डाले। इस समय तक पीजी कोर्सेज के स्टूडेंट्स के केवल 15 परसेंट वोट ही पड़े।
3 बजे तक ठंडा पड़ा जोश
वोटिंग शाम 5:00 बजे तक होनी थी पर बीसीबी में शाम होते ही स्टूडेंट्स का जोश ठंडा पड़ चुका था। 3 बजे अधिकांश पोलिंग बूथ्स पर सन्नाटा पसर चुका था। जीसीआर, साइंस फैकल्टी, बीकॉम ब्लॉक, सभी फैकल्टी के पोलिंग बूथ्स पर इक्का-दुक्का स्टूडेंट्स ही वोट डालने आए। इस समय तक केवल पोलिंग एजेंट और कैंडीडेट्स ही वोट डालने के लिए बच गए थे।
कई गड़बडिय़ां भी सामने आईं
बरेली कॉलेज के स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में जितने भी स्टूडेंट्स वोट देने आए, उनके चेहरे पर गजब का उत्साह था और हो भी क्यों न पहली बार कैंपस के चुनावी समर में जो पार्टिसिपेट कर रहे थे। इनमें से अधिकांश तो ऐसे थे जिन्होंने अभी तक लोकतंत्र के किसी भी इलेक्शन में वोट कास्ट नहीं किया था। कॉलेज गेट से चेकिंग कराकर इंट्री करना, अपना बूथ ढंूढना, वोटर्स लिस्ट में नाम देखकर वोटर स्लिप लेना, अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग कलर के बैलेट पेपर पर स्टैंप लगाकर वोट कास्ट करना और आईडी पर मार्क लगवाना कि वे वोट दे चुके हैं, प्रक्रिया के हर स्टेप का एक्सपीरिएंस उनके लिए एक्साइटिंग से भरपूर रहा।
Campaigning तब भी थी जारी
वोटिंग के दौरान भी कैंडीडेट्स कैंपेनिंग से नहीं चूके। बीसीबी के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर कैंडीडेट्स और उनके पोलिंग एजेंट जमे हुए थे। वोट कॉस्ट करने आ रहे हर स्टूडेंट्स को अपने पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे थे। यहां तक पोलिंग बूथ ढूंढने में भी हेल्प कर रहे थे। किसी स्टूडेंट्स को वोट कास्ट करने में डिफिकल्टी आ रही थी उसका सॉल्यूशन भी करा रहे थे।
150 से ज्यादा को किया बाहर
करीब 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स को वोट कास्ट करने का मौका नहीं मिला। उन्हें मेन गेट से अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। एंट्री के लिए आईकार्ड और फीस रिसिप्ट दोनों जरूरी थीं। अधिकांश एक ही लेकर चले आए। वहीं कुछ ऐसे भी थे जो 2010 और 2011 का आईकार्ड लेकर चले आए। एंट्री गेट पर टीचर्स के साथ पुलिसकर्मी हर स्टूडेंट्स की कड़ाई से चेकिंग कर रहे थे।
Voters list में मिली गड़बड़ी
कई स्टूडेंट्स ने वोटर्स लिस्ट में गड़बड़ी होने की शिकायत भी की, जिससे उन्हें वोट कास्ट करने में प्रॉब्लम आई। स्टूडेंट्स के आईकार्ड और फीस रिसिप्ट में दिए गए नाम और रोल नम्बर वोटर्स लिस्ट में दिए गए नाम से मैच नहीं कर रहे थे। पोलिंग बूथ पर एडमिशन फॉर्म भी रखे गए थे। उसमें से देखकर उनका वैरीफिकेशन किया गया।
Boys की लिस्ट में girls का नाम
बीसीबी में गल्र्स के लिए 23 और ब्वॉयज के लिए 22 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। कुछ ऐसी गल्र्स अपनी शिकायत लेकर आईं जिनका नाम गल्र्स की वोटर लिस्ट में न शामिल होकर ब्वॉयज की वोटर लिस्ट में शामिल था। दरअसल उनके नाम को लेकर कंफ्यूजन था जो ब्वॉयज से ज्यादा मेल खाता था। बाद में वैरीफिकेशन के बाद उनको वोट कास्ट करने का मौका दिया गया।
On spot बनाए गए I-card
स्टूडेंट्स वोट देने से न चूक जाएं, इसके लिए मौके पर ही आईकार्ड बनाए जाने की पूरी व्यवस्था की गई थी। जिन स्टूडेंट्स ने हाल ही में एडमिशन लिया, लेकिन उनका आईकार्ड नहीं बना था। ऐसे स्टूडेंट्स फीस रिसिप्ट दिखा कर मौके पर ही आईकार्ड बनवा रहे थे।
Teachers पर biased होने के भी लगे आरोप
वोटिंग के दौरान कई बार टीचर्स पर किसी खास कैंडीडेट्स के लिए बायज्ड होने के भी आरोप लगे। पालिंग एजेंट्स ने कई रूम्स में यह स्थिति होने की कंपलेन भी की। जिसके बाद चीफ प्रॉक्टर ने उन रूम्स का निरीक्षण भी किया।
पटाखे की आवाज से मचा हड़कंप
करीब 4 बजे कैंपस के बाहर एक छत पर किसी ने क्रैकर छोड़ा तो कैंपस में हड़कंप मच गया। सीओ थर्ड, एसीएम फस्र्ट वंदना श्रीवास्तव समेत कई पुलिसकर्मियों ने घर ढूंढकर क्रैकर न छुड़ाने की सख्त हिदायत दी।
लगते रहे अधिकारियों के चक्कर
आरयू व बीसीबी में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के दौरान पुलिस का कड़ा पहरा रहा। किसी भी व्यक्ति को बिना कार्ड प्रवेश करने नहीं दिया गया। पोलिंग बूथ पर भी पुलिस सतर्कता के साथ डटी रही। बीसीबी कैंपस में आरएएफ ने चुनाव के दौरान फ्लैग मार्च भी निकाला। मेन गेट पर प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। बीसीबी व आरयू का डीआईजी एलवी एंटनी देवकुमार ने दौरा किया। उन्होंने कैंपस के अंदर कंवेंसिग कर रहे कैंडीडेट्स व एजेंट को भी पुलिसकर्मियों को बाहर निकलने के लिए कहा। एसएसपी सत्येंद्र वीर सिंह ने पश्चिमी गेट पर मोर्चा संभाला। एडीएम सिटी देवेंद्र दीक्षित, एसपी सिटी शिवसागर सिंह, एसपी ट्रैफिक डीपी श्रीवास्तव, सीओ फस्र्ट राजकुमार अग्रवाल, सीओ थर्ड ओमप्रकाश यादव तथा सीओ नवाबगंज आनंद कुमार ने भी कई बार बीसीबी कैंपस का जायजा लिया। आरयू में मुख्य रूप से सिक्योरिटी की जिम्मेदारी एसपी रूरल एरिया विनय कुमार यादव के पास रही। यहां मेन गेट पर वज्र व पीएसी की ड्यूटी लगाई गई थी।
Campus के बाहर लगा मेला
कैंपस के बाहर का सीन किसी मेले से कम नहीं था। थोड़ी दूरी पर कैंडीडेट्स के कैंप लगाए गए थे, जहां पर बंपर कैंपेनिंग हो रही थी। हर तरफ प्रचार के प्रिंटेड मैटीरियल बिखरे हुए थे। हर आने वाले व्हीकल पर स्टिकर चिपका रहे थे। बस और गाडिय़ों की लंबी लाइन लगी हुई थी जिसमें स्टूडेंट्स को वोट कास्ट करने के लिए भरकर लाया गया। कई बार जुलूस निकालने और नारेबाजी करने की भी कोशिश की तो पुलिस फोर्स ने फटकार लगाकर शांत कराया।