-फीमेल हॉस्पिटल में एडी हेल्थ ने पिलाई दवा, बच्चा वार्ड के बच्चों को ही नही दी गई वैक्सीन
-बड़ी लापरवाही, वार्ड में एडमिट हैं 21 बच्चे, डीआईओ का बयान पिलाई गई है पोलियो दवा
BAREILLY:
बरेली मंडल से पोलियो के संभावित खतरों को भी खत्म करने के सीएमओ के दावे दो दिन बाद ही खोखले साबित हुए। 21 जून को जिले भर में शुरू किए गए पोलियो अभियान में सीएमओ ऑफिस ने लापरवाही की सारी हदें तोड़ दी। मिशन इंद्रधनुष के तहत शुरू पोलियो अभियान में संडे को फीमेल हॉस्पिटल में भी एक पोलियो बूथ बना। एडी हेल्थ डॉ। सुबोध शर्मा ने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर अभियान की शुरुआत भी की, लेकिन चिराग तले अंधेरा कहावत को हकीकत करते हुए सीएमओ की टीम बूथ से चंद कदम दूर डिस्ट्रिक्ट मेल हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में ही एडमिट 21बच्चों को जिम्मेदार पोलियो वैक्सीन पिलाना भूल गए।
एसीएमओ के दावे पर 'सवाल'
21 से 26 जून तक चलने वाले पोलियो अभियान के तहत कुल 873 फिक्स बूथों पर 7,53,290 बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। डीआईओ डॉ। मनोज शुक्ला ने बताया कि संडे को अभियान के पहले दिन 3.78 लाख बच्चों को पोलियो दवा पिलाई गई। सीएमएस डॉ। डीपी शर्मा ने वार्ड में एडमिट ड्रॉप न पीने वाले बच्चों को आने वाले दिनों में दवा पिला देने की बात कही।
आखिर कौन बोल रहा सच
डीआईओ ने बताया कि उनके सामने बच्चा वार्ड में डायरिया पीडि़त 4 बच्चों को छोड़ ज्यादातर को पोलियो की दवा पिलाई गई। जबकि संडे रात 9 बजे तक वार्ड में एडमिट बच्चों के उंगली में न पोलियो दवा पिलाने के समय लगाई जाने वाली इंक लगी थी। न ही परिजनों ने दवा पिलाने की पुष्टि की।