केस 1- कांस्टेबल मोहम्मद उमर इस वक्त मुरादाबाद डिस्ट्रिक्ट में तैनात हैं। बरेली जिले से 19 जनवरी 2009 को ट्रांसफर हो गया, लेकिन अभी तक सरकारी आवास पर दबंगों की तरह कब्जा जमाए हुए हैं।

केस-2 कांस्टेबल राम रत्‍‌न सिंह बरेली डिस्ट्रिक्ट से 27 मई 2005 को ट्रांसफर होकर चले गए हैं। इस वक्त बदायूं डिस्ट्रिक्ट में ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन ये भी बरेली में सरकारी आवास छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं।

केस-3 कोतवाली बरेली के दबंग इंस्पेक्टर कहे जाने वाले राजा सिंह का तबादला पीलीभीत हो गया था, लेकिन ये भी सरकारी आवास पर पूरी दबंगई से काबिज हैं। राजा सिंह का ट्रांसफर दिसंबर 2012 में हुआ था।

- कई वर्षो से सरकारी क्वार्टरों पर जमाए हैं कब्जा

- दूसरे पुलिसकर्मियों को नहीं मिल पा रहा क्वार्टर

फीगर स्पीक

- 375 क्वार्टर हैं पुलिस लाइन में

- 62 पुलिसकर्मियों ने नहीं खाली किए क्वार्टर

- 180 नई अप्लीकेशन क्वार्टर के लिए पेंडिंग

- 1120 पुलिसकर्मियों के बार्डर स्कीम लागू तहत ट्रांसफर

वसूली जाएगी राशि

- 4.25 लाख रुपए कटेंगे सिपाही मोहम्मद उमर की सैलरी से

- 3.15 लाख रुपए काटे जाएंगे सिपाही राम रत्न की सैलरी से

- 4.20 लाख रुपए कांटे जाएंगे इंस्पेक्टर राजा सिंह की सैलरी से

BAREILLY :

नौकरी किसी और जिले में और सरकारी मेहमाननवाजी कहीं और, जी हां बरेली में दर्जनों पुलिस वाले नियम-कानूनों को ताक पर रखकर मौज कर रहे हैं। असल में हम बात कर रहे हैं पुलिस लाइन में बने सरकारी आवासों का। अपनी पहुंच और दबंगई के बल पर बरसों से अवैध ढंग से कब्जा जमाए इन लोगों की वजह से करीब सौ पुलिसवालों के पास रहने की ठौर तक नहीं है। अपने विभाग के ऐसे ही दबंगों से निपटने के लिए पुलिस विभाग सख्ती का फैसला कर लिया है। ऐसे लोगों से जुर्माने के तौर पर लाखों रुपये वसूली की तैयारी है।

थ्री टाइप के क्वार्टर

सूत्रों के मुताबिक नई व पुरानी पुलिस लाइन में थ्री टाइप के क्वार्टर बने हुए हैं। इसमें फ‌र्स्ट टाइप के क्वार्टर का एरिया ख्भ् वर्ग मीटर, सेकेंड टाइप का एरिया भ्7.7 वर्ग मीटर और थर्ड टाइप का एरिया 79 मीटर है। पुलिसकर्मियों को ओहदे के हिसाब से क्वार्टर अलाट किया जाता है। यहां कुल फ्7भ् क्वार्टर है। प्रत्येक क्वार्टर का किराया ब्0 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से वसूला जाता है। साथ ही बिजली व पानी का खर्च अलग से लिया जाता है। इसके अलावा अलग-अलग थानों में भी पुलिसकर्मियों के रहने के लिए क्वार्टर बनाए गए हैं।

नहीं किए क्वार्टर खाली

पुलिस लाइन के क्वार्टरों की बात करें तो यहां म्ख् क्वार्टर हैं, जिन पर पुलिसकर्मियों ने अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है। इन क्वार्टरों में उनकी फैमिली आराम से रह रही हैं। पुलिसकर्मी ट्रांसफर होने के बाद दूसरे डिस्ट्रिक्ट में आराम से ड्यूटी करते हैं। डिपार्टमेंट के द्वारा खाली करने के आदेश के वाबजूद भी ये पुलिसकर्मी क्वार्टर खाली करने को राजी ही नहीं हो रहे हैं। इनमें से कई तो एक दशक से क्वार्टरों पर कब्जा जमाए हुए हैं। पुलिस लाइन में नए क्वार्टर के लिए क्80 अप्लीकेशन पेंडिंग पड़ी है।

क्वार्टर खाली ना करने की वजह

क्वार्टर खाली ना करने की कई वजह पुलिसकर्मियों के पास हैं। इसके लिए वह बच्चों की पढ़ाई का हवाला देते हैं। कई बार फैमिली में पत्‍‌नी या बुजुर्ग माता-पिता की बीमारी के इलाज का भी बहाना बनाया जाता है। कुछ लोग अधिकारियों से अप्लीकेशन पर साइन कराकर कुछ दिन और ठहरने की अनुमति भी ले लेते हैं, लेकिन ऐसे पुलिसकर्मियों की वजह से दूसरे पुलिसकर्मियों को प्राब्लम होती है। कांस्टेबल मोहम्मद उमर, कांस्टेबल राम रत्‍‌न, इंस्पेक्टर राजा सिंह के अलावा क्वार्टर ना खाली करने वालों में पिछले आरआई सुरेंद्र सिंह, एसओजी में रहे और अब एसटीएफ में तैनात सिपाही विकास सक्सेना, बाबू एसआई सुरेंद्र पाल भी हैं।

कार्रवाई की तैयारी

सरकारी क्वार्टर खाली ना करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार ही कार्रवाई की जा रही है। जैसे कि सरकारी क्वार्टर को ट्रांसफर के एक महीने बाद ही खाली करना होता है। ऐसे में एक महीने से अधिक होने के बाद मानकों के अनुसार तनख्वाह से दूसरे महीने में डबल किराया और तीन महीने बाद तीन गुना किराया काटा जाता है। इसके बाद हर महीने क्वार्टर का तीन गुना किराया और बिजली पानी का अलग किराया वसूला जाता है। पुलिस लाइन से जारी की गई म्ख् लोगों की लिस्ट के अनुसार सभी के खिलाफ तैनाती वाले जिले में तनख्वाह से किराया काटने का आदेश जारी किया जा रहा है। इस हिसाब से सिपाही मोहम्मद उमर की सैलरी से सवा चार लाख रुपये, राम रत्‍‌न को फ् लाख क्भ् हजार रुपये और इंस्पेक्टर राजा सिंह को ब् लाख ख्0 हजार रुपये काटे जाएंगे।

इनका हुआ ट्रांसफर

बार्डर स्कीम लागू होने के बाद जिले से क्क्ख्0 पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर की लिस्ट आ गई है। इसमें से ख्8 दरोगा विशेष श्रेणी, सिविल पुलिस के हेड कांस्टेबल ख्क्फ् व कांस्टेबल भ्78, आ‌र्म्ड पुलिस के हेड कांस्टेबल ख्ब् व कांस्टेबल ख्ब्फ्, ड्राइवर फ्0, और घुड़सवार पुलिस ब् हैं। वहीं डीआईजी आफिस से जिन फ्ब्क् पुलिसकर्मियों के बरेली में आने की लिस्ट आयी हैं उनमें फ् दरोगा विशेष श्रेणी, ख्0 हेड कांस्टेबल सिविल पुलिस, ख्77 कांस्टेबल सिविल पुलिस, भ् हेडकांस्टेबल आ‌र्म्ड पुलिस, ख्7 कांस्टेबल आ‌र्म्ड पुलिस, भ् ड्राइवर और ब् एससीएमटी हैं।

नियमों के अनुसार एक महीने के अंदर क्वार्टर खाली कर देना चाहिए। जिन लोगों ने क्वार्टर खाली नहीं किया है इसके लिए अधिकारियों को पत्र लिखकर क्वार्टर खाली कराए जाएंगे।

एसपी सिंह, एसपी क्राइम व एसपी पुलिस लाइन