- जकाती मोहल्ले के सर्राफ से किला क्षेत्र के मोहल्ला कूंचा में स्कूटी लूट का मामला

- पांच दिन बाद चार बदमाश दबोचे, परोल पर छूटे थे दो बदमाश, ट्यू़जडे को पुलिस ने जेल भेजा

बरेली। किला क्षेत्र में 17 मार्च को हुई स्कूटी लूट को चार बदमाशों ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया था। लेकिन उनकी किस्मत खराब थी कि स्कूटी की डिग्गी में सोने-चांदी के जेवरात की जगह सिर्फ डिब्बे निकले। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए बदमाशों में दो हत्यारोपी हैं और परोल पर छूटे हुए हैं। वहीं बाकी दो आरोपियों का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है।

घर लौटते वक्त हुई थी घटना

किला के जकाती मोहल्ले के रहने वाले सर्राफ राजेश रस्तोगी की हजियापुर में दुकान है। 17 मार्च को वह घर में मेहमान आने के कारण जल्दी ही दुकान छोड़कर निकल गए थे। इसी दौरान दुकान के पास से ही बदमाश उनके पीछे लग गए थे। जिन्होंने रास्ते में मोहल्ला कूंचा की गली में घटना को अंजाम दिया। बदमाश सर्राफ की स्कूटी में टक्कर मारने के बाद झगड़ा करते हुए उनकी स्कूटी लेकर भाग निकले थे।

एक ने सिविल लाइंस तो दूसरे ने दिल्ली में की थी हत्या

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि लखीमपुर के मोहम्मदी में गांव नकेड़ा का रहने वाला बब्लू उर्फ विजय कुमार पिछले करीब 15 सालों से बिहार की तिहाड़ जेल में बंद था। साल 2010 में उसने दिल्ली में रोहिणी के थाना अशोक बिहार की रहने वाली एक महिला की हत्या की थी। जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। कुछ दिन पहले ही वह पेरोल पर छूटा था। वहीं किला के रहने वाले फैज ने साल 2005 में सिविल लाइंस निवासी एक महिला की हत्या की थी। वह साथी बदमाशों के साथ कारोबारी ब्रह्ममानंद अग्रवाल के घर घुस गए थे। वहां विरोध करने पर एक गर्भवती महिला रितु की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी।

कर्ज में डूबे थे हत्यारोपी

पुलिस की पूछताछ में बब्लू ने बताया कि मां के इलाज के लिए उनसे कुछ कर्जा लिया था, जोकि वह चुका नहीं सका था। इस बीच जेल चला गया। अब कर्जा निपटाने के लिए लूट की योजना बनाई थी। वहीं अन्य आरोपियों ने भी कर्जा निपटाने की बात कही। इनमें दो आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।