लैपटाप चोरी की दो अलग-अलग लिखवाई अप्लीकेशन
दोनों पर थाना की लगाकर दे दी मुहर
BAREILLY: कोतवाली पुलिस का एक और खेल सामने आया है। कार 'हाईजैक' के बाद अब चोरी की एफआईआर दर्ज न कर पीडि़त से गुमशुदगी की अप्लीकेशन लिखवा ली। यही नहीं पीडि़त के मन में कानूनी प्रोसेस का डर भी बैठा दिया गया। हैरत की बात यह है कि थाना के मुंशी ने दोनों अप्लीकेशन पर मोहर लगाकर भी पीडि़त को दे दी। क्या है पूरा मामला आइए बताते हैं
बस से चोरी हुआ थ्ा लैपटाप
निर्देश त्रिवेदी बिहारीपुर करोलान में रहते हैं। वह प्राइवेट कंपनी में बिजनेस डेवलपमेंट एग्जिक्यूटिव हैं। निर्देश ने बताया कि ख्क् मई की सुबह वह कंपनी के काम से रुद्रपुर जा रहे थे। वह सुबह करीब आठ बजे पुराना रोडवेज पर पहुंचे तो बस पूरी तरह से भरी हुई थी। वह 9:ख्0 बजे जाने वाली खाली बस में जाकर बैठ गए। उन्होंने बस में ऊपर लगेज जाली में लैपटाप बैग रख दिया। वह मोबाइल से फोन पर बातचीत करने लगे। धीरे-धीरे बस में अन्य सवारी आ गई। जब उन्होंने मेल करने के लिए लैपटाप बैग उठाया तो देखा कि चैन ओपन है और उसमें रखा लैपटाप गायब था।
पेशी पर जाने से डराया
निर्देश ने बताया कि ख्ख् मई को कोतवाली में चोरी की रिपोर्ट लिखाने के लिए गए। उन्होंने अप्लीकेशन में भी लैपटाप का माडल नंबर लिखकर बस से चोरी की बात लिखी। कोतवाली में मौजूद मुंशी ने उन्हें अप्लीकेशन में मुहर लगाकर दे दिया और कहा कि दूसरे दिन एफआईआर की कापी लेकर जाएं। वह ख्फ् मई को दोबारा पहुंचे और मुंशी से एफआईआर की कापी मांगी। इस पर मुंशी ने उनसे कहा कि एफआईआर लिखाने पर मामला कोर्ट में जाएगा और उन्हें पेशी पर जाना होगा। एफआईआर लिखाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि उन्हें नंबर सर्विलांस पर लगवाना है तो वह गुमशुदगी की दूसरी अप्लीकेशन लिखकर दे दें। वह इस पर जीडी नंबर डाल देंगे, जिससे नंबर सर्विलांस पर लग जाएगा। जिसके बाद उन्होंने दूसरी अप्लीकेशन लिखकर दी। इस पर भी मुंशी ने थाना की मुहर लगाकर दे दिया।
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गाड़ी हाईजैक मामले की जांच सीओ को
कोतवाली की सिविल लाइंस चौकी पुलिस द्वारा कार हाईजेक कर कासगंज भेजने के मामले को एसपी सिटी ने गंभीरता से लिया है। एसपी सिटी ने मामले की जांच सीओ सिटी फर्स्ट मुकुल द्विवेदी को सौंप दी। सीओ को तीन दिन में जांच रिपोर्ट भेजनी है। जांच में दोषी पाए जाने पर एएसआई ऋषिपाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी और थाना पुलिस इस मामले को पूरी तरह से दबाने में लगा हुआ है। पुलिस का कहना है कि अब गाड़ी तो मिल गई है।
शिकायत के बाद आइर् थी कार
बता दें कि संडे को सिविल लाइंस चौकी के एएसआई ऋषिपाल ने टीचर योगेश की बोलेरो जबरन ड्राइवर के साथ कासगंज भेज दी थी। यह कार चौकी इंचार्ज के कहने पर भेजी गई थी। योगेश ने एसएचओ से मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद कई घंटे बाद कार वापस लौटी थी। पुलिस की दबंगई के मामले को एसपी सिटी ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की बात कही थी।
एक ही मामले की अप्लीकेशन पर दो बार अलग-अलग तरह से लिखाकर मुहर लगाकर देने का मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। जबरन कार भेजने के मामले की जांच सीओ सिटी फर्स्ट को सौंप दी गई है।
राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली