- थाना बारादारी का निरीक्षण करने जा रहे थे आईजी और डीआईजी

- मामला बढ़ते देख पुलिस चालक को देने लगी पैसे

- पुलिस ने सादे कागज पर लिखवाकर किया समझौता

BAREILLY: जरूरी मीटिंग के लिए जा रहे आईजी और डीआईजी ट्रैफिक जाम में क्या फंसे उनके मातहतों का पारा सातवें आसमां पर पहुंच गया। अपनी नौकरी बचाने और आकाओं को खुश करने के लिए सरेआम डंडे बरसाने लगे। किसी का सर फूटे तो उनकी बला से। श्यामगंज चौराहे पर ऐसी एक सिचुएशन में ट्रैफिक एसआई ने आईजी और डीआईजी की गाड़ी जाम से निकालने के लिए सरेआम ऑटो वालों पर डंडे बरसाना शुरू कर दिया। जिसकी चपेट में आने से बैट्री ऑटो चलाने वाले चालक का सिर फट गया। उसके माथे से खून बहने लगा और वह वहीं पर तड़पने लगा। किसी तरह आईजी व डीआईजी की गाड़ी पास हुई तो एसआई के जान में जान आई। तब कहीं जाकर उसने उस ऑटो वाले की सुध ली और उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। वहीं कुछ रुपये देकर उसकी सहानुभूति भी बटोरने की काेशिश की।

और फोड़ दिया सिर

सैटरडे दोपहर एक बजे के करीब गांधी उद्यान की तरह से आईजी विजय मीना और डीआईजी आरकेएस राठौर को बारादरी थाने का निरीक्षण करनी थी। इसके मद्देजनर ट्रैफिक पुलिस के जवान ट्रैफिक को कंट्रोल करने में जुटे हुए थे। इसबीच बैटरी चलित ऑटो चालक सादिक सवारियां बैठाकर कालीबाड़ी की तरफ से सैटेलाइट की ओर जा रहा था। वह अभी श्यामगंज चौराहे के पास पहुंचा ही था कि ड्यूटी पर तैनात एएसआई राम पाल सिंह यादव ने ऑटो चालक के सिर पर डंडा दे मारा। जिसके कारण सादिक का सिर फूट गया। वहीं ऑटो में लगा साइड मिरर भी टूट गया।

दर्द से कराहता रहा मगर

सादिक को चोट इतनी तेज लगी थी कि वह दर्द से कराहता रहा। उसके सर से भी लगातार ब्लड बह रहा था। वहीं पुलिस वाले सादिक को श्यामगंज चौकी लाकर यही चेतावनी देते रहे कि कंप्लेन दर्ज कराआगे तो तुम ही परेशान होगे। इसबीच मामले की खबर मिलने पर व्यापारी संगठन के लोग भी मौके पर पहुंच गए। लेकिन वे पुलिस वालों का ही सपोर्ट करते दिखे। इसबीच कंप्लेन दर्ज ना कराने के लिए ऑटो चालक को पुलिस और व्यापारी पैसे देने लगे, ताकि वह उनके खिलाफ किसी प्रकार का मामला दर्ज न कराए। इसके बाद पुलिस ने सादिक से सादे कागज पर समझौते करवा लिए।

ले गए इलाज के लिए

हालांकि कहासनुी के बाद पुलिस वालों ने ख्0 मिनट बाद सादिक को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले गए। मगर तब तक उसके सिर से काफी खून बह चुका था। वहीं श्यामगंज चौराहे पर मौजूद प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के जवानों का रोज का यही काम है। डंडा इतना तेज भांजते हैं कि ऑटो वाले ही नहीं बाइक सवार भी कई बार चोटिल हो जाते हैं।

कुछ दिन पहले भी

कुछ दिन पहले सेटेलाइट चौराहे पर भी एक ऐसी ही घटना हुई थी। ट्रैफिक सुधारने के नाम पर पुलिस वालों ने ऑटो चालकों को पीट दिया था। जिससे दो चालकों के शरीर पर काफी चोटें आई थीं। इसको लेकर ऑटो चालकों ने जमकर हंगामा किया था।