पुलिस के पास नहीं है इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिमिनल्स का रिकॉर्ड

पुलिस की लापरवाही का बदमाश उठाते हैं फायदा

आईजी के आदेश पर तैयार कराए जा रहे डोजियर में भी अपराधियों की नहीं है पूरी डिटेल

BAREILLY: पुलिस अपराधियों पर लगाम कसने का अक्सर दम भरती रहती हैं लेकिन असलियत की जमीन पर उनका ये दावा दम तोड़ता ही नजर आ रहा है। हम ऐसा नहीं कह रहे पर पुलिस के रिकॉर्ड इस बात की गवाही दे रहे हैं। दरअसल जिन क्रिमिनल्स को पकड़ने की पुलिस बड़ी-बड़ी बाते करती है, उनकी उन्हें कोई खैर खबर ही नहीं है। अपने डिस्ट्रिक्ट के क्रिमिनल्स के बारे में तो फिर भी पुलिस के पास थोड़ी बहुत डिटेल है पर बरेली जोन के किसी डिस्ट्रिक्ट के पास अपने पड़ोसी जिले के बदमाश का कोई भी रिकॉर्ड नहीं है। आईजी के आदेश पर तैयार किए जा रहे बदमाशों के डोजियर तैयार कराने के दौरान पुलिस की ये एक और लापरवाही सामने आई है। बदमाशों के बारे में पूरी डिटेल ना होने के चलते ही डोजियर वापस कर दिए हैं। एसएसपी ने ख्भ् जून तक सभी डोजियर तैयार करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि ख्8 जून को आईजी मीटिंग के दौरान पूरा रिकॉर्ड देखकर एक्शन लेंगे।

दूसरे जिले के बदमाशों का पता नहीं

जब भी कोई बड़ी वारदात होती है तो पुलिस पुराने बदमाशों का रिकॉर्ड खंगालती है। साथ ही पुलिस पता लगाती है कि कौन सा गैंग प्रेजेंट में एक्टिव है। इसके अलावा वारदात के पैटर्न के आधार पर भी अपराध व अपराधियों की पहचान की जाती है। जिस तरह का अपराध होता है उसी तरह के अपराधियों की धरपकड़ की जाती है। लेकिन पुलिस को सबसे ज्यादा प्रॉब्लम दूसरे जिलों के अपराधियों को दबोचने में होती है क्योंकि ये बदमाश दूसरे जिले में वारदात कर आसानी से अपने जिले में भाग जाते हैं। वहीं सोने पर सुहागा कि इनका पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड भी नहीं होता। ऐसे में 90 परसेंट वारदातों का खुलासा क्यों नहीं होता, आप समझ ही सकते हैं।

इन्हें दिया गया है टास्क

आईजी ने जोन के सभी जिलों को लुटेरे व डकैतों व इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिमिनल के डोजियर तैयार करने का टास्क दिया था। रेंज में बरेली को क्79, बदायूं को क्70, शाहजहांपुर को म्भ् व पीलीभीत को ब्7 लुटेरे व डकैतों का डोजियर तैयार करना है। बरेली डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो लास्ट संडे को डीसीआरबी में सभी बदमाशों के डोजियर थानों से मंगाए गए थे, लेकिन किसी भी थाना के डोजियर पूरी तरह से तैयार ही नहीं थे। इनमें से कई ने तो डोजियर बनाकर ही नहीं भेजे। इस वजह से सभी डोजियर वापस कर दिए गए और ख्भ् जून तक हर हाल में डोजियर बनाकर देने के निर्देश दिए हैं।

डोजियर में थीं कई कमियां

डीसीआरबी में भेजे गए डोजियर में किसी में अपराधी का पूरा एड्रेस नहीं था तो किसी का फोटो ही नहीं लगाया गया था। कई में अपराधियों के सहयोगियों की जानकारी नहीं दी गई थी। किसी में वह किस गैंग का मेंबर है यह नहीं लिखा हुआ था। कुछ डोजियर में यह भी नहीं मेंशन था कि वो प्रेजेंट में क्या कर रहा है। इसके अलावा भी डोजियर में कई खामियां थीं। वहीं बारादरी पुलिस को क्0 डोजियर तैयार करने थे लेकिन उन्होंने एक की भी रिपोर्ट नहीं भेजी। आंवला पुलिस को ख्0 डोजियर कंप्लीट करने थे लेकिन डोजियर लेकर पहुंचे पुलिसकर्मी ने बताया कि उसे एक बदमाश का पता नहीं मालूम क्योंकि वह दिल्ली में है। कोतवाली के एक डोजियर में भी पता नहीं मेंशन था। सभी डोजियर में कोई न कोई खामी होने के चलते उसे वापस कर ि1दया गया।

होनी चाहिए पूरी इंफॉर्मेशन

बदमाश का डोजियर तैयार करने के लिए उसमें दो दर्जन से अधिक प्वॉइंट पर रिपोर्ट तैयार करनी होती है। इसमें नाम, जाति, परमानेंट एड्रेस व प्रेजेंट एड्रेस, नियरेस्ट पुलिस चौकी या पीसीआर वेन, रंग, लंबाई, उम्र, कद-काठी, हुलिया, एजुकेशन, स्कूल का नाम, हिस्ट्री, फोटो, बैंक अकॉउंट डिटेल, गाडि़यां, रजिस्ट्रेशन नंबर, फैमिली डिटेल, क्राइम करने का तरीका, गंदी आदतें जैसे नशा, अवैध संबंध, वैश्यावृति व घर के फोन नंबर, दोस्त के फोन नंबर, पड़ोस में रहने वाले लोगों की डिटेल, नियरेस्ट पीसीओ का नंबर, क्राइम का पैटर्न, साथी क्रिमिनल, मकान, प्रेजेंट स्थिति, पेरोकार का नंबर, संरक्षण देने वाले, जमानतदार व अन्य डिटेल फिल करनी होती हैं।

लुटेरों व डकैतों के डोजियर तैयार कराए जा रहे हैं। जोन के जिलों की पुलिस के पास इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिमिनल का कोई भी रिकॉर्ड नहीं है, जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। ख्8 जून को मीटिंग कर टास्क की समीक्षा की जाएगी।

-जकी अहमद, आईजी बरेली जोन