बरेली के अलावा गाजियाबाद और अंबेडकर नगर के केस में होगा पॉलीग्रॉफ टेस्ट

मनीष और नरेंद्र केस में होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, तस्लीम केस में संदिग्ध का हुआ टेस्ट

BAREILLY: क्रिमिनल पुलिस से कितना भी झूठ बोल ले, लेकिन उनका बच पाना आसान नहीं है। फिलहाल झूठ को पकड़ने के लिए बरेली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए क्राइम ब्रांच इंपॉरटेंट केसेस में लाई डिटेक्टर टेस्ट यानि पॉलीग्रॉफ टेस्ट कराने का सहारा ले रही है। यूपी पुलिस के फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं कि पूरे यूपी में बरेली पुलिस की क्राइम ब्रांच इसका सबसे बेहतर फायदा उठा रही है। वर्ष ख्0क्ब् में पूरे यूपी से भ् केसेस लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए सेलेक्ट किए गए, जिसमें से गाजियाबाद और अंबेडकर नगर को छोड़कर तीन बरेली पुलिस के ही हैं। इनमें से एक केस में लाई डिटेक्टर टेस्ट किया भी जा चुका है। आइए बताते हैं कि कौन से हैं वो केस जिनमें पुलिस ने लिया लाई डिटेक्टर टेस्ट का सहरा--------

केस-क् मनीष मर्डर केस - ब् अप्रैल ख्0क्क्

को बारादरी थाना एरिया में नाले के डॉक्टर मनीष की लाश मिली थी। पोस्टमाटर्म में गला दबाकर हत्या की बात सामने आयी थी। पुलिस की शुरुआती जांच में केस में परिवार के ही लोगों पर शक जताया जा रहा था। इस केस की फाइल भी बंद हो चुकी थी, लेकिन वर्ष ख्0क्ब् में एक बार फिर से केस की जांच रीओपन की गई। तत्कालीन एसएसपी ने जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। केस की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईएस के एसआई हरपाल सिंह कर रहे हैं। हरपाल सिंह की जांच में भी सामने आया कि परिवार के लोग ही इसमें शामिल हैं। इसलिए केस में आईओ ने पॉलीग्रॉफ टेस्ट कराने का डिसीजन लिया। टेस्ट की पूरी प्रोसेस करने और संदिग्धों से परमीशन लेने के बाद ख्9 दिसंबर को इसमें पूरे डॉक्यूमेंट फोरेंसिक साइंस लेब्रोरेट्री को सौंप दिए गए हैं। इस केस में डॉक्टर मनीष की पत्‍‌नी डॉक्टर मीनाक्षी, ससुर मुलकी सिंह और साले डॉक्टर विपिन कुमार का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा।

केस ब्- मीडिया पर्सन नरेंद्र केस - क्7 िसतंबर ख्0क्ब्

क्7 सितंबर ख्0क्ब् को शाहजहांपुर में मीडिया पर्सन नरेंद्र यादव पर बाइक सवारों ने जानलेवा हमला किया था। बाइक सवारों में से एक ने नरेंद्र का हंसिया से गला काट दिया था। नरेंद्र बाइक से आफिस बंदकर घर लौट रहे थे। उसे बरेली के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। डीआईजी आरकेएस राठौर ने केस की जांच बरेली ट्रांसफर कर क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी। केस की जांच एसआईएस के एसआई राजीव कुमार कर रहे हैं। इस केस में भी अब आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट होगा। इस केस में जाकिर समेत 8 लोगों को लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए भेजा गया है। फोरेसिंक साइंस लेबोरेट्री से जल्द ही इसमें पॉलीग्रॉफ टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा।

केस फ्- भोजीपुरा तस्लीम मर्डर केस ब् अप्रैल ख्0क्ब्

भोजीपुरा में आटो मालिक क्9 वर्षीय तस्लीम शाह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तस्लीम रात में अपने घर वापस लौट रहा था। रास्ते में टेंपो खराब होने के चलते वह बब्बू समेत तीन लोगों के साथ टेंपो में रुक गया था। सुबह के वक्त में अज्ञात बदमाशों ने तस्लीम को गोली मार दी थी। उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल लाया गया था लेकिन उसकी मौत हो गई थी। पुलिस की जांच में ड्राइवर पर ही शक हुआ। भोजीपुरा थाना से केस की जांच क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर की गई थी। इस केस में क्राइम ब्रांच से पॉलीग्रॉफ टेस्ट के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के लिए भेजा गया था। इस केस में कुछ दिनों पहले लाई डिटेक्ट टेस्ट किया जा चुका है। इसके अलावा घटना का रीकंस्ट्रक्शन भी किया जा चुका है।

काफी लंबी है प्रोसेस

पॉलीग्रॉफ टेस्ट की प्रोसेज काफी लंबी होती है। इसके लिए आईओ को भी काफी स्ट्रांग बनना पड़ता है। सबसे पहले उसे अपने अधिकारियों से पॉलीग्रॉफ टेस्ट के लिए परमीशन लेनी पड़ती है। उसके बाद जिन संदिग्धों का टेस्ट कराना होता है उनसे भी टेस्ट के लिए परमीशन लेनी होती है। उसके बाद रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होती है। कोर्ट पॉलीग्रॉफ टेस्ट का आदेश करता है जिसके बाद फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में फाइल भेजी जाती है। इसके लिए आईओ को क्वेश्चनआर भी तैयार करके भेजने होते हैं। फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भी पूरी रिपोर्ट स्टडी करती है और अपना भी क्वेश्चआर तैयार कराती है।

डीएनए से अंशी के मां-बाप की हाेगी पहचान

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ने भी फोरेसिंक साइंस का यूज कर अंशी के असली मां-बाप का पता लगाने का डिसीजन लिया है। भमोरा की तीन साल की अंशी की जुलाई ख्0क्ब् में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज की गई थी। कई महीनों बाद उसका खोपड़ी का कंकाल मिला था। ये खोपड़ी अंशी की है इसके लिए केस के आईओ सिकंदर खान ने डीएनए टेस्ट कराने का डिसीजन लिया। कोर्ट से इसकी परमीशन मिल गई है। जल्द ही माता-पिता के सैंपल कलेक्ट किए जाएंगे।

ब्लाइंड केसेस ओपन करने के लिए तीन केसेस पॉलीग्रॉफ टेस्ट के लिए सेलेक्ट किए गए हैं। पूरे यूपी में सेलेक्टेड पांच केसेस में से फ् बरेली से हैं। एक केस में टेस्ट कंप्लीट हो गया है।

डॉ एसपी सिंह, एसपी क्राइम