एक साथ तीन स्थानों पर छापेमारी

25 अगस्त को क्राइम ब्रांच के सीओ कालू सिंह के नेतृत्व में एसआई मनोज कुमार व उनकी टीम और तत्कालीन महिला थाना प्रभारी के साथ सिटी में तीन स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान पांच महिलाओं व तीन युवकों को सेक्स रैकेट ऑपरेट करने के आरोप में पकड़ा गया था। इस पूरे मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं। पुलिस ने एफआईआर में लिखा कि सीओ क्राइम व अन्य टीम चौपुला चौराहा पर चेकिंग कर रही थी। मुखबिर ने सूचना दी कि सिटी में सेक्स रैकेट चल रहा है।

नियम-कानून का किया पालन

जांच ने पुलिस ने अपनी ही बात को गलत साबित किया है। एक जगह पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि ऑन स्पाट देह व्यापार हो रहा था और ग्राहकों से पैसे लिए जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने कहीं भी पैसों की बरामदगी नहीं दिखाई। एफआईआर में के अनुसार एक ही समय में एक पर्सन को दो जगह दिखाया गया है। पुलिस पहले गोल्डन ग्रीन पार्क गई तो वहां का टाइम 11 बजकर 10 मिनट था और बाद में जगतपुर गई तो वहां का टाइम ग्यारह के बाद का होना चाहिए जबकि टाइम 10 बजकर तीस मिनट लिखा गया है। इसके अलावा एफआईआर में जगह भी अलग-अलग दिखाई गई है। जब पुलिस की तरफ से फर्द बनायी गई तो जगतपुर में पकड़ी गई लड़की का एड्रेस बीडीए कालोनी तुलाशेरपुर इज्जतनगर की जगह बीडीए कालोनी करगैना लिखा गया। वहीं फर्द में गोल्डन ग्रीन पार्क को तीसरा व जगतपुर को दूसरा घटनास्थल लिखा गया है।

पैसों की नहीं हुई बरामदगी

इन सबको देखते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि बचाव पक्ष के वकील जितेंद्र सिंह राणा की दलील के अनुसार पुलिस ने अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धारा 15 का अनुपालन नहीं किया है। इसके अलावा कहीं भी रुपयों की बरामदगी भी नहीं दिखाई गई। इसके अलावा किसी का मेडिकल भी नहीं कराया गया। इसके अलावा मौके पर कोई गवाह भी नहीं लिया गया।