Pending Bill देखकर शक
दरअसल एकाउंट डिपार्टमेंट में तैनात बाबू बजट के कुछ कागज पर एसएसपी आकाश कुलहरि के साइन कराने आफिस पहुंचे। कागज में कई मद में एसएसपी ने लाखों के पेंडिंग बिल देखे तो उन्हें कुछ डाउट हुआ। उन्होंने साइन कराने पहुंचे बाबू से इस बारे में सवाल-जवाब किया तो वह संतोष जनक जवाब नहीं दे सके। जब उन्होंने स्टेशनरी व स्पोर्ट कोटे के बजट के बारे में पूछा तो काफी पेंडिंग बताया गया। एसएसपी को यह भी शक हुआ कि जिन सामान का पेंडिंग बिल दिखाया गया है वह सामान उनकी नजर में नहीं आया है। आफिस में उस वक्त सीओ पुलिस लाइन किरीट कुमार राठौर भी मौजूद थे। वह स्पोर्ट की भी देखरेख करते हैं। स्पोट्र्स के बजट में पेंडिंग बिल देखकर वह भी आश्चर्य में पड़ गए। इस पर एसएसपी को कुछ खामियां दिखीं तो उन्होंने इसकी जांच शुरू कर दी।
Last Year का budget पूरा खर्च
लास्ट ईयर पुलिस का बजट 16 लाख रुपये आया था। सारे बजट का सामान खरीद लिया गया। इसमें अदर के लिए 6-7 लाख, स्टेशनरी का बजट करीब सवा तीन लाख, फर्नीचर का बजट करीब तीन लाख व स्पोर्टस का बजट 40 हजार रुपये था। यही नहीं बजट से अधिक का सामान भी खरीद लिया गया। इसीलिए बिल लाखों में पेंडिंग हो गए. पेंडिंग बिल की भरपाई के लिए लाखों के बजट की डिमांड की गई। जिसमें 30 लाख रुपये अदर, 15 लाख फर्नीचर, 10 लाख स्टेशनरी व 3 लाख स्पोट्र्स के लिए बजट में डिमांड की गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि लाखों का बिल पेंडिंग पड़ा हुआ है।