पहले लागू तो करो हेलमेट

चेकिंग की शुरुआत में ही ट्रैफिक पुलिस का युवाओं के अजीबो-गरीब लॉजिक से सामना हुआ। पहले चालान में ही बिना हेलमेट पहने एक युवा ने टीआई से सवाल दागा कि चालान तो काट रहे हैं, लेकिन पहले ये बताएं कि सिटी में हेलमेट पहनना लागू कहां है? शहर में कौन हेलमेट पहन कर घूम रहा है जो मुझे पकड़ा। इन सवालों पर टीएसआई ने हेलमेट के रूल्स समझाने के  बाद डॉक्यूमेंट भी पूरे न होने पर चालान किया। ऐसे सवाल करने वाले कई यंगस्टर्स ट्रैफिक पुलिस से जूझते रहे, लेकिन सभी को फाइनली बिना हेलमेट राइडिंग के लिए चालान कटाने के बाद ही छोड़ा गया।

Girls भी पीछे नहीं

बिना हेलमेट और डॉक्यूमेंट्स के राइडिंग करने में सिटी की गल्र्स भी पीछे नहीं हैं। कुल 11 गल्र्स बिना हेलमेट चालान के लिए रोकी गई थीं, लेकिन जांच में पता चला कि इनमें से ज्यादातर के पास न तो डीएल था, न ही प्रॉपर डॉक्यूमेंट्स। कई के पास फाइन जमा करने के लिए पैसे भी नहीं थे। कुछ तो किसी और के नाम वाली स्कूटर चला रही थीं। इन गल्र्स में ज्यादातर 18 साल से कम उम्र में होने के बावजूद रोड्स पर राइडिंग कर रही थीं। हालांकि चेकिंग के दौरान सिटी ट्रैफिक पुलिस गल्र्स के लिए काफी सॉफ्ट नजर आई। बगल से बिना हेलमेट गुजरी कई गल्र्स को ट्रैफिक पुलिस के जवान आराम से जाने दे रहे थे। टीआई रमेश चंद्र त्रिपाठी के टोकने पर ट्रैफिक पुलिस हरकत में आई और बिना हेलमेट वाली कुछ गल्र्स को रोका।

रुतबे की धमक

पकड़े जाने पर यंगस्टर्स ने टीआई को पहुंच, पैसा और ये दोनों चूक जाने पर एटीट्यूड दिखाया। कुछ यंगस्टर्स ने हेलमेट को लेकर चालान की बात पर हैरत जताई। फिर जान पहचान वालों से मोबाइल पर बात करने की अपील की। इनमें कोई आर्मी पर्सन तो कोई पुलिसवाले का बेटा था। वहीं कुछ ने पैसे ऑफर कर मामला सुलझाने की रिक्वेस्ट तक की। एक लड़की ने पुलिस को खूब परेशान किया। चालान न कराने की जिद पर ना तो डॉक्यूमेंट्स टीआई को दिखाएं और ना ही फाइन जमा किया।