- मेंटीनेंस वर्क से उड़ने वाली घूल से बढ़ रहा एक्यूआई, नहीं होता पानी का छिड़काव
- लॉकडाउन में था नॉर्मल, अक्टूबर में चार गुना से ज्यादा हो गया एक्यूआई
बरेली: शहर की आबो-हवा फिर से बहुत खराब हो गई है। ऐसे हम नहीं बल्कि पर्यावरण विभाग के आंकड़े बता रहे हैं। मार्च में जो एक्यूआई यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स 54 था, अक्टूबर में बढ़कर 340 तक पहुंच गया जिसका मतलब है कि आप बहुत ही खराब हवा में सांस ले रहे हैं जिससे आपको सांस के साथ कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हैरत की बात तो यह है यह सब जानते हुए भी पर्यावरण विभाग की ओर से इस कम करने के कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं बल्कि जिम्मेदार इसे बढ़ाने में जुटे हुए हैं। क्योंकि शहर में हो रहे मेंटीनेंस वर्क से डेली धूल के साथ खतरनाक कण हवा में घुल रहे हैं लेकिन इसके लिए पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है।
इस वजह से बढ़ा एक्यूआई
शहर में चौपुला, आईवीआरआई, सैटेलाइट पर तेजी से ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है। वहीं शहर में बिजली विभाग की ओर से भी कई इलाकों में अंडरग्राउंड केबिल डालने का कार्य किया जा रहा है जिससे खुदाई के दौरान धूल उड़ रही है।
जनवरी-अक्टूबर तक एक्यूआई
जनवरी - 224
फरवरी - 240
25 मार्च - 54
अप्रैल - 70
मई - 75
जून - 150
जुलाई - 200
अगस्त - 257
सितंबर - 300
अक्टूबर - 340
तो बढ़ सकता है एक्यूआई
लॉक डाउन के चलते मार्च से अब तक एक्यूआई यानि एयर क्वालिटी इंडेक्ट का ग्राफ सामान्य स्तर से काफी कम था लेकिन अब इसका ग्राफ बढ़ेगा वजह यह है कि शहर में निर्माण कार्य दोबारा से जारी हो गए हैं। जिससे उड़ने वाली धूल से आबो-हवा फिर से जहरीली होने की संभावना है।
एक साल में कागजों में पौधरोपण
वर्ष 2019-20 में शहर में करीब एक लाख पौधे शासन की ओर से लगाने का लक्ष्य था लेकिन यह पौधे कहां लगाए गए इसका डाटा तक वन विभाग के पास नहीं है। वजह यह है कि शासन वन विभाग को पौधे मुहैया कराता है, वन विभाग की ओर से समस्त सरकारी विभागों को पौधे दिए जाते हैं लेकिन यह पौधे सरकारी विभाग कहां लगाता है इसकी रिपोर्ट भी वन विभाग के पास किसी सरकारी विभाग ने नहीं भेजी है।
पर्यावरण विभाग की कार्य योजना भी ठंडे बस्ते में
- सड़कों को साफ सुथरा रखा जाएगा, जिससे ज्यादा धूल न उड़े
- ट्रैफिक कॉरीडोर में हरे भरे और पत्तेदार पौधे लगाएं जाएंगे
- इलेक्ट्रिक वाहनों को दिया जाएगा बढ़ावा
- फैक्ट्रियों में धुंआ को फिल्टर करने के लिए साइक्लोन डस्ट कलेक्टर लगेंगे
- पानी को प्यूरीफाई करने के लिए एसटीपी प्लांट लगाने की कवायद
वर्जन
पॉल्युशन के स्तर को कम करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत है अवेयरनेस की। लॉक डाउन में एक्यूआई की स्तर सामान्य से भी नीचे आ गया इससे सीखने की जरुरत है यह क्रम बरकरार रखने की जरूरत है।
डॉ। आलोक खरे, पर्यावरण विद्
वर्जन
पॉल्युशन के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए कार्य योजना बनाई है। संबंधित विभागों को इससे अवगत भी करा दिया है। कड़ाई से पालन और निरीक्षण भी किया जाएगा।
रोहित कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड
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एक्यूआई के बारे में यह भी जानें
0-50 = अच्छा
51-100 = संतोषजनक
101-200 = थोड़ा प्रदूषित
201-300 = खराब
301-400 = बहुत खराब
401- 500 = भीषण-खतरनाक
यह होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स
दरअसल हर देश में वायु की गुणवत्ता की माप के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाये गए हैं, जो कि हमें ये बताते हैं कि जिस हवा में हम जीवन जी रहे हैं, उसमें कितनी शुद्धता है, उसमें नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की कितनी मात्रा है।
एक्यूआई बढ़ने पर ये हो सकती हैं प्रॉब्लम्स
- सांस की बीमारियां जैसे सीओपीडी, वायु प्रदूषण के कारण ब्रॉन्कियल अस्थमा उग्र रूप धारण कर लेता है।
- थकान, सिरदर्द और चिंता।
- आंखों, नाक, गले में जलन।
- तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचना।
- कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर बुरा असर पड़ना।
पॉल्युशन से खुद को ऐसे रखें सेफ
1. घर के भीतर एयर प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं
घर की भीतरी हवा को नियंत्रित रखने के लिए प्राकृतिक पौधे लगाएं, जो हवा को साफ करते हैं जैसे एलोवेरा, आईवी, मनीप्लांट, सेनसेवियरा और स्पाइडर प्लांट। ये पौधे प्रदूषित हवा को साफ करते हैं। घर में रासायनिक फ्रेशनर, क्लीनर, मोमबत्ती, धूम्रपान आदि का इस्तेमाल न करें।
2. वेंटीलेशन घर में पर्याप्त हो
कभी-कभी घर की खिड़कियां खोलें, ताकि घर में हवा का आवागमन ठीक बना रहे। छोटे-छोटे उपायों से घर में प्रदृषण को नियंत्रित रखा जा सकता है। इससे घर में ताजी हवा आती रहती है।
3. मास्क पहनें
जब वायू प्रदूषण का स्तर गंभीर हो, उस समय मास्क का उपयोग करें। मास्क में कार्बन फिल्टर और एक्जॉस्ट वैल्यू होना चाहिए। मास्क ऐसा हो कि आपके चेहरे पर फिट हो जाए, साथ ही इसे पहनना आरामदायक हो, ताकि आप लम्बे समय तक इसे पहने रख सकें। सुनिश्चित करें कि मास्क और त्वचा के बीच अंतर न हो ताकि प्रदूषित हवा सांस के साथ भीतर न जा सके।
3. खुले में व्यायाम न करें
खुले में भारी व्यायाम न करें, जैसे साइकल चलाना, जॉगिंग। खासतौर पर सुबह और शाम के समय वायू प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक होता है, उस समय बाहर न जाएं। इसकी बजाय घर के भीतर व्यायाम या जिम कर सकते हैं। बच्चों के लिए भी आउटडोर गतिविधियां सीमित कर दें।
वायु प्रदूषण के साइड एफेक्ट को कम करेंगे ये 4 हर्ब्स
1. विटामिन सी युक्त आहार लें
अपने आहार में विटामिन सी, मैग्निशियम, ओमेगा फैटी एसिड का सेवन भरपूर मात्रा में करें। ये पोषक तत्व शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाते हैं और आपको प्रदूषण के घातक प्रभावों से सुरक्षित रखते हैं।
गुड़ का सेवन करें
गुड़ आपको वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाता है। यह प्राकृतिक क्लिंजिंग एजेन्ट है, जो शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है।
खूब पानी पिएं
इससे शरीर के वायुमार्ग साफ हो जाते हैं। नियमित चाय की बजाय हर्बल चाय, अदरक या तुलसी की चाय पिएं। ये शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करती हैं।
अपने आपको सुरक्षित रखें
व्यस्त स्थानों, भीड़भाड़ भरे इलाकों या कन्सट्रक्शन साइट के नजदीक ना जाएं। अगर सांस लेने में तकलीफ हो, बहुत खांसी हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।