फैक्ट एंड फिगर
783 -स्कूली वाहन हंै पंजीकृत
95- वाहनों पर चल रही कार्रवाई
01- जुलाई से खुले स्कूल

बरेली(ब्यूरो)। बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए लगाए गए निजी स्कूली वाहनों द्वारा उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थिति यह है कि इन लोगों ने बिजनौर में हुई दुर्घटना से भी सबक नहीं लिया। अधिकारी अनफिट वाहनों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैैं। उनका कहना है कि जिले में 783 स्कूली वाहन है। इनमें से 95 वाहनों की जांच चल रही है। अनफिट स्कूली वाहनों को लेकर पिछले माह अधिकारियों ने कार्रवाई की बात कही थी। मगर स्कूलों के बाहर खड़े निजी स्कूली वाहन अब भी मासूमों को ढोकर ले जा रहे हैं। अधिकारियों का इसको लेकर कहना है कि स्कूल के बाहर खड़े होने वाले अनफिट वाहन निजी हैैं, जिन्हें पैरेंट्स ने हायर किया है। लेकिन दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने थर्सडे को जब रियलिटी चेक किया तो पता चला कि अब भी कई बिना फिटनेस के वाहन बच्चों को ले जा रहे हैं।

बिजनौर में हो चुका है हादसा
बिजनौर में प्राइवेट स्कूली वैन में सवार 32 छात्र-छात्राएं घर से स्कूल जा रहे थे। अचानक वैन का गेट खुल गया, जिससे चार बच्चे सडक़ पर गिर गए। एक छात्रा के सिर में गहरी चोट आने के कारण उसकी दुर्घटनास्थल पर मौत हो गई। दो बच्चों को मामूली चोट आई। मामले में पुलिस ने स्कूली वैन को सीज कर दिया था। इस दुर्घटना के बाद भी न तो अभिभावकों ने सबक लिया, न ही वाहन चालकों का रवैया बदला है।

बेमानक दौड़ रहे निजी वाहन
स्कूली वाहनों के अलावा जो निजी वाहन स्कूलों में चलाए जा रहे हैैं, वे सरेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैैं। जिले में धड़ल्ले से बेमानक स्कूलों में सैैंकड़ों की संख्या में ऐसे निजी वाहन दौड़ रहे हैैं। उनके बारे में आरटीओ को भी जानकारी नही है। सब की आंखों में धूल झोंकते यह वाहन बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैैं।

नहीं दूसरा ऑप्शन
स्कूल में बच्चो को भेजने के लिए सबसे सबसे बड़ी परेशानी नौकरी पेशा पैरेंट्स के साथ है। वे लोग बच्चों को रोज-रोज स्कूल छोडऩे नहीं जा सकते। इसका फायदा स्कूली वाहन संचालक अच्छे से उठा रहे हैैं। पैरेंट्स इसके लिए मनमाने पैसे चालकों को दे रहे हैैं। लेकिन, उसके बाद भी बच्चों की सेफ्टी ताक पर रखी जा रही है।

हो रही कार्रवाई
अधिकारियों की मानें तो स्कूल में चल रहे 783 स्कूली वाहनों की अभियान के दैरान जांच की गई थी। जिसमें से 95 वाहनों पर इस समय फिटनेस नहीं पाए गए हैैं। इन वाहन स्वामियों को नोटिस दिया गया है। वहीं स्कूलों के बाहर अब भी अनफिट वाहन खड़ें होने के सवाल पर कहा कि स्कूल के बाहर खड़े वाहन निजी वाहन हो सकते हैं, पैरेंट्स द्वारा इन्हें हायर कर लिया जाता है। इसकी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

कार्रवाई के दिए थे आदेश
संभागीय परिवहन अधिकारी ने पिछले माह बैठक में बताया था कि जनपद के समस्त शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक व स्कूली वाहन स्वामियों से अपील की गई है। वह अपनी स्कूली वाहनों को उच्च न्यायालय एवं परिवहन आयुक्त यूपी द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करेंं। स्कूली वाहनों के संचालन के लिए निर्धारित मानक के अनुरुप एवं समस्त प्रपत्रों को पूरा कराने के बाद ही संचालित की जाये। यदि कोई भी अनफिट अथवा अधोमानक स्कूली वाहन मार्ग पर संचालित पाया जाता है। संबंधित विद्यालय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की संस्तुति कर दी जायेगी। साथ ही उन्होंने बताया था कि पैरेंट्स वाहन के पंजीकृत होने और प्रपत्रों-पंजीयन स्थिति, फिटनेस, टैक्स, बीमा, पीयूसीसी और परमिट की वैधता स्थिति को मोबाइल में एप वाहन पोर्टल के माध्यम से पंजीयन संख्या के आधार पर ऑन लाइन प्राप्त कर सकते हैैं।

वर्जन
स्कूली अनफिट वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इसमें अभी 95 वाहनों पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। बाकि स्कूलों में चल रहे वाहनों का मानक चेक कर लिया गया है। स्कूलों के बाहर खड़े निजी वाहन पैरेंट्स द्वारा हायर किए हो सकते हैैं, इनपर जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
-दिनेश कुमार, एआरटीओ(ई)