- आईएमए ऑडोटोरियम में देर शाम दिखाई दिया सामाज का विकृत चेहरा
<- आईएमए ऑडोटोरियम में देर शाम दिखाई दिया सामाज का विकृत चेहरा
BAREILLY:
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पुरुष प्रधान समाज में नारी मन की व्याकुलता और छोटी छोटी बातों को पर बदले की भावना को सुलझाने में प्रस्तुत प्ले सफल साबित हुआ। थर्सडे को नेशनल थिएटर फेस्टिवल रंग समागम ख्0क्भ् का शुभारंभ हुआ। फेस्ट के प्रथम दिन रंग प्रशिक्षु थिएटर ग्रुप की ओर से गिरिजानन्दन त्रिगुणाय आकुल द्वारा लिखित और अमित रंगकर्मी के निर्देशन में 'असित चंद्र अवदात चंद्रिका' का मंचन किया गया। जिसमें कलाकारों की परफार्मेस, पृष्ठध्वनि और रंग संयोजन का बेहतर प्रयोग किया गया। मुख्य भूमिका में महरोज, सुजीत, गरिमा और जमालारा ने अपनी अदाकारी और संवाद अदायगी से सामाजिक ताने बाने को सुलझाने की जिम्मेदारी दर्शकों को सौंप दी।
छलकी नारी मन की पीड़ा
प्रस्तुत प्ले असित चंद्र अवदात चंद्रिका में अजमेर शासक पृथ्वीराज चौहान और कन्नौज के शासक जयचंद्र की पुत्री संयोगिता की प्रेम कहानी के माध्यम से पिता और पति के बीच में पुत्री की स्थिति को दर्शाया गया। तो दूसरी ओर जयचंद द्वारा मुहम्मद गौरी के साथ मिलाकर पृथ्वीराज चौहान के ऊपर आक्रमण करने के दृश्य के जरिए मानव स्वभाव के अहंकार और स्वार्थ सिद्धि के लिए देश की आन बान और शान को दांव पर लगाने की हिमाकत को परिलक्षित किया गया। प्ले के दौरान कमिश्नर प्रमांशु, डीआईजी आरकेएस राठौर, एडीएमई अरुण कुमार, एसपी सिटी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव व अन्य लोग मौजूद रहे।