- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की सुनवाई

- जुलाई के पहले हफ्ते में लीचेट प्लांट बनाने की योजना ने दम तोड़ा

- पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड से प्लांट की एनओसी पाने पर संकट के बादल

BAREILLY: पिछले सवा साल से तमाम उतार चढ़ाव देख रहे नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की किस्मत एक बार फिर कोर्ट के फैसले पर करवट लेगी। फ्राइडे को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बंद पड़े प्लांट को लेकर सुनवाई होनी है। निगम एनजीटी के सामने प्लांट को पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की एनओसी दिलाने और इसे फिर से शुरू कराने की अपील करेगा। हालांकि इस कवायद में निगम की अपनी हीलाहवाली ही प्लांट के लिए फिर से मुश्किलें खड़ी कर सकती है। पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की शर्तो के तहत निगम प्लांट में लीचेट प्लांट नहीं बना सका है, जिसका यूज प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए होना था, लेकिन तय समय तक ऐसा न करने पर जानकार एक बार फिर प्लांट को एनओसी दिलाने में मुश्किलें खड़ी होने की आशंका जता रहे हैं।

निगम के दावे हुए हवा

पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के प्लांट की एनओसी रद करने पर एनजीटी ने इसे आधार बनाते हुए प्लांट को बंद करने के आदेश दिए। साथ ही एनओसी के लिए जरूरी प्लांट में ड्रेनेज सिस्टम, ग्रीन बेल्ट और लीचेट प्लांट बनाने को कहा। इस पर मेयर ने जून में म् जुलाई तक प्लांट में बाउंड्री वॉल के किनारे ड्रेनेज सिस्टम बनाने, ग्रीन बेल्ट तैयार करने और लीचेट प्लांट बनाने के दावे कर दिए, लेकिन तय समय तक निगम अपनी तैयारियों में जुटा रहा। वहीं ख्भ् जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले तक जिम्मेदार लीेचेट प्लांट बनवाने का काम शुरू भी न करा सकें।

लीचेट प्लांट का टेक्निकल पेन

तय डेडलाइन तक लीचेट प्लांट का काम शुरू न होने के पीछे जिम्मेदार टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह गिना रहे। मेयर ने बताया कि लीचेट प्लांट बनाने के लिए जो टेक्निकल प्रॉब्लम्स आ रही हैं उसे दूर करने को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से भी मदद नहीं मिल पा रही। ऐसे में किसी एक्सपर्ट से ही इस बारे में सुझाव लेकर लीचेट प्लांट का काम शुरू कराया जा सकेगा। हालांकि यह भी समझ से परे है कि डेडलाइन खत्म होने के बाद ही जिम्मेदारों को लीचेट प्लांट बनवाने में टेक्निकल दिक्कतें नजर आई। इससे पहले तक ड्रेनेज और ग्रीनबेल्ट के साथ ही इसे भी तैयार करने के बराबर दावे किए जाते रहे।

लीचेट प्लांट बनाने में टेक्निकल प्रॉब्लम सामने आ रही है, जिसे दूर करने को एक्सपर्ट की जरूरत है। एनजीटी से इसे बनाने के लिए और समय मांगा जाएगा। तब तक प्लांट से निकलने वाले पानी को रिजरवॉयर में स्टोर किया जाएगा। उम्मीद है जनहित में पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से प्लांट के लिए एनओसी मिल जाएगी।

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर