- बीमा कंपनी पर 50,000 रुपए का जुर्माना

- क्लेम का पैसा देने से मना कर रही थी कंपनी

BAREILLY: बीमा कंपनी के एजेंट लोगों के पास पॉलिसी लेने के लिए खूब चक्कर लगाते हैं, लेकिन जब क्लेम देने की बारी आती हैं तो बीमा कंपनियां आनाकानी करती हैं। सिटी में ऐसे ही एक मामले में क्लेम का पैसा पीडि़त को ना देना बीमा कंपनी को भारी पड़ गया। कंज्यूमर फोरम ने पीडि़त के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी के खिलाफ जुर्माना लगाया है।

डेट ऑफ बर्थ का बहाना

द्योरनिया के रहने वाले अब्दुल नवी ने भारतीय जीवन बीमा निगम की एक पॉलिसी ली थी। चार साल पॉलिसी का प्रीमियम जमा करने के बाद अब्दुल की डेथ हो गई। अब्दुल ने अपनी पॉलिसी का नॉमिनी अपनी वाइफ कनीज बानो को बनाया था। जब कनीज ने क्लेम किया तो बीमा कंपनी ने पैसे देने से मना कर दिया। कंपनी का कहना था कि अब्दुल ने पॉलिसी लेते वक्त अपनी डेट ऑफ बर्थ का जिक्र गलत किया था। क्लेम का पैसा नहीं मिलने से परेशान कनीज ने कंज्यूमर फोरम में बीमा कंपनी के खिलाफ कंप्लेन दर्ज कराई थी।

भ्0,000 का जुर्माना

इस मामले में कंज्यूमर फोरम के प्रेसीडेंट बालेंदु सिंह ने पीडि़त के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। बीमा कंपनी को पीडि़त को भ्0,000 रुपए की पेनाल्टी देनी होगी। जुर्माने के अलावा भ्,000 रुपए फिजिकल व मेंटल हैरेसमेंट और केस की सुनवाई पर खर्च हुए फ्,000 रुपए बीमा कंपनी को एक महीने के अंदर पीडि़त पक्ष को देने होंगे। अगर बीमा कंपनी ऐसा नहीं करती है तो क्0 परसेंट सालाना ब्याज भी देना होगा।