- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इंसानियत शर्मशार

-हॉस्पिटल में कायाकल्प करने के लिए फीमेल वार्ड से पेशेंट्स को निकाला बाहर

- 1 घंटे तक बाहर खड़ा रहे पेशेंट, कुछ पेशेंट्स की बिगड़ी हालत

बरेली : डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का कायाकल्प करने के लिए संडे को पेशेंट्स की जान से खिलवाड़ किया गया। गंभीर हालत में फीमेल वार्ड में एडमिट पेशेंट्स को वार्ड में पेंट करने के चक्कर में बाहर निकाल दिया गया। मरीज करीब 1 घंटे तक वार्ड के बाहर ही खड़े रहे जिससे कुछ पेशेंट्स की हालत भी बिगड़ गई। वार्ड में पेंट होने के बाद उन्हें दोबारा से वार्ड में शिफ्ट किया गया। हैरत की बात है कि मरीज वार्ड के खड़े रहे लेकिन जिम्मेदारों ने उनकी सुध नहीं ली।

कराहते रहे पेशेंट्स

सूबे में मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है जिसमें महिलाओं के सशक्त बनाने का बीड़ा उठाया गया है लेकिन स्वास्थ्य महकमे का कार्य व्यवहार इस अभियान को पलीता लगा रहा है। संडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के फीमेल वार्ड में एडमिट पेशेंट्स को बाहर कर दिया गया। गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज करीब एक घंटे तक वार्ड से बाहर जमीन पर बैठी कराहती रहीं लेकिन कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा।

हाथ में यूरिन बैग और ड्रिप

हैरत की बात तो यह है कि वार्ड में दो बुजुर्ग महिला मरीज भी एडमिट हैं। ऐसे में दो महकमे के दो कर्मचारियों ने वार्ड में आकर मरीजों से कहा कि वार्ड में पेंटिंग होनी है इसलिए वार्ड खाली करो, बाद में बेड पर लेटना आकर इतना कहकर मरीजों को बाहर निकाल दिया गया। हाथ में ड्रिप यूरीन बैग लगाए मरीज वार्ड के बाहर बैठ कर इंतजार करते रहे।

उल्टियां करते रहे पेशेंट

वार्ड के बाहर बैठे मरीजों में एक महिला की हालत भी बिगड़ गई। वह पास में रखे डस्टबिन में उल्टियां करती रहीं। लेकिन इसके बावजूद न तो कोई नर्स उसे देखने आई और न ही कोई वार्ड ब्वॉय। महिला के साथ मौजूद तीमारदार उसकी देखरेख करती रही। ऐसे में महिला की तबीयत और ज्यादा बिगड़ सकती थी लेकिन जिम्मेदारों को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

मरीजों से बात

1. वार्ड में पेंट करने का बोलकर बाहर निकाल दिया, शुगर और किडनी में इंफेक्शन है, पेट में दर्द हो रहा है। स्टाफ से कई बार बोल चुकी हूं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

शायरा बेगम, चक महमूद

2. पेट में दर्द हुआ था तीन दिन पहले एडमिट हुए हैं। सुबह से करीब एक घंटा हो गया वार्ड के बाहर बैठे हुए काफी परेशानी हो रही है। पेट में असहनीय दर्द हो रहा है।

सुशीला, पीलीभीत

मामला गंभीर है इस प्रकार का कोई आदेश नहीं है कि मरीजों को वार्ड से बाहर निकाल कर सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाए, संबंधित स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जबाव संतोषजनक न होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। सुबोध शर्मा, एडीएसआईसी।