- अमृत योजना के तहत तालाब का किया जा रहा सौंदर्यीकरण
- टाइल्स और बॉश रूम संबंधी कार्य अधूरे, लेकिन कागजों में पूर्ण
बरेली : शहर को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर नगर निगम लगातार प्रयासरत है। कई प्रोजेक्ट्स पर वर्क स्टार्ट भी किया गया है। वहीं शहर के बदहाल तालाबों की सूरत संवारने के के लिए शासन की ओर से अमृत योजना लागू कर इनका सौंदर्यीकरण कराने के प्रस्ताव पर मुहर भी लगी, लेकिन अफसर तालाबों के सौंदर्यीकरण कराने के जो दावे कागजों में पेश कर रहे हैं वह धरातल पर दम तोड़ रहे हैं। जी हां बरेली क्लब रोड स्थित अक्षर विहार पार्क पिछले कई वर्षो से बदहाल था लेकिन तीन माह पहले यहां सौंदर्यीकरण का कार्य नगर निगम ने शुरू कराया है। अब बरेलियंस को आस जगी है कि पार्क की सूरत संवर जाएगी।
तीन साल पहले जारी हुआ
शासन की ओर से करीब तीन साल पहले अमृत योजना के अंतर्गत अक्षर विहार पार्क का चुनाव सौंदर्यीकरण के लिए किया। लेकिन तीन साल तक योजना के अंतर्गत बजट न मिलने के कारण कार्य अधर में लटका रहा। तीन माह पहले ही शहर के दो तालाब, अक्षर विहार और डेलापीर तालाब के लिए करीब डेढ़ करोड़ का बजट शासन ने जारी किया।
कागजों में यह कार्य पूर्ण
निगम अफसरों के अनुसार पिछले तीन माह से तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य चल रहा है। करीब 60 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यहां बरेलियंस के बैठने के लिए बेंच, बोटिंग करने के लिए नाव, पानी रिसाईकल करने के लिए पंप, बॉश रूम, कैंटीन, पाथ-वे, टाइल्स आदि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
यह है हकीकत
निगम अफसरों के दावों की जमीनी हकीकत यह है कि अभी सिर्फ पार्क में बॉश रूम बनकर तैयार हुआ है वहीं, इसमें टाइल्स आदि लगाने का कार्य अधूरा है। तालाब का पानी रिसाईकल करने के लिए न तो पंप लगा है न ही वोटिंग संबंधी कोई इंतजाम नजर आ रहे हैं। वहीं कैंटीन संचालन के लिए दो रूम का निर्माण कार्य चल रहा है जिसे पूर्ण होने में करीब एक माह का समय लगेगा। ऐसे में निगम अफसरों की ओर से 60 फीसदी वर्क पूर्ण होने का दावा खोखला नजर आ रहा है।
तो बजट खपाने को तो नहीं किए जा रहे दावे
वित्तीय वर्ष खत्म होने को महज 20 दिन शेष बचे हुए हैं। ऐसे में सभी सरकारी विभाग बजट खपाने में लगे हुए हैं ऐसे में निगम अफसरों पर भी सवालिया निशान लगना लाजमी है। हालांकि निगम अफसर शहर के विकास तेजी से हो इस बाबत तर्क देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
अक्षर विहार तालाब में सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। बजट देरी से जारी होने के चलते कार्य अधर में लटका रहा। जल्द लोग इसका आनंद लें इसलिए समय-समय पर निरीक्षण कर दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त