-लखनऊ स्थित परिवारिक परामर्श केंद्र में भेजने के डीजीपी ने दिए निर्देश
-महिला उत्पीड़न के सीरियस केस भेजे जाएंगे लखनऊ
-परामर्श केंद्र में ट्रेनिंग प्राप्त ही रखे जाएं काउंसलर
BAREILLY: घरेलू कलह के मामले में महिला का घर बसाने का पुलिस हर संभव प्रयास करेगी। डिस्ट्रिक्ट में बने परिवार परामर्श केंद्र में सुलह ना होने पर केसेस को लखनऊ में बने परामर्श केंद्र में भी भेजा जाएगा। यही नहीं एफआईआर दर्ज करने के बाद उसे जांच के लिए महिला थाना में ही भेजा जाएगा। जब तक मामला सीरियस नहीं होगा तब तक पति या ससुराल वालों की गिरफ्तारी भी नहीं की जाएगी। डीजीपी ने इस संबंध में सभी जिलों के पुलिस मुखिया को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
महिला की लाइफ बचाना प्रिऑरिटी
पुलिस के पास महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा व दहेज के कई केस पहुंचते हैं। कई केस में पुलिस एफआईआर दर्ज कर पति व अन्य की गिरफ्तारी कर जेल भेज देती है। ऐसा होने पर महिला का पति के साथ वापस रहना मुश्किल हो जाता है और उसकी पूरी लाइफ खराब हो जाती है। अगर पुलिस दोनों के बीच मीडियेशन कराए तो रिश्ते बन भी जाते हैं। ऐसा पुलिस लाइन में चल रहे परिवार परामर्श केंद्र भी देखने में आया है.हाईकोर्ट में भी इस तरह के केस में सबसे पहले सुलह कराने के ही निर्देश दिए हैं।
सादी वर्दी में रहें महिला पुलिस अधिकारी
डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि अक्सर महिलाएं दो तरह की शिकायतें करती हैं जिनमें एक फैमिली डिस्प्यूट से जुड़े होते हैं, लेकिन इसमें कोई क्राइम नहीं होता और दूसरे क्राइम से जुड़े होते हैं। जो केस क्राइम से जुड़े नहीं होते हैं ऐसे केसेस में महिला केवल हेल्प और सहारा चाहती है। ऐसे केसेस हर हाल में परिवार परामर्श केंद्र में भेजे जाएं। परामर्श केंद्र में दो एनजीओ से जुड़े लोगों को काउंसलर बनाया जाए या फिर दो महिला पुलिस अधिकारियों को अप्वाइंट किया जाए। काउंसलर की ट्रेनिंग पुलिस हेड क्वार्टर लखनऊ में बने परिवार परामर्श केंद्र में करायी जाए। महिला पुलिस अधिकारी सादी वर्दी में ही रहें।
केस न सुलझने पर दर्ज करें एफआईआर
अगर परामर्श केंद्र में सुलह हो जाए तो उसका रिकॉर्ड रखा जाए। पति-पच्ी के बीच अच्छे संबंध बनाने के लिए जरूरत पड़ने पर पति व उसके परिवार के खिलाफ क्07/क्क्म् के तहत कार्रवाई भी कर सकती हैं। अगर किसी केस में ऐसा लगता है कि परामर्श केंद्र में सुलह नहीं हो पा रही है तो ऐसे केस को लखनऊ में बने परामर्श केंद्र में भेजा जाए। इसके बाद भी अगर केस नहीं सुलझता है और महिला चाहती है कि उसे एफआईआर दर्ज करानी है तो एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।
गंभीर मामले में तुरंत दर्ज करें केस
अगर किसी थाना में महिला पारिवारिक कलह की सूचना देती है जिसमें उसके ज्यादा चोटें आयी हों तो उसका तुरंत मेडिकल कराया जाए। उसके बाद एफआईआर दर्ज कर केस जांच के लिए महिला थाना ट्रांसफर किया जाएगा। केस को परामर्श केंद्र में ट्रांसफर किया जाए। वहां से पति व परिवार वालों को नोटिस भेजकर 7 दिन का समय देकर बुलाया जाए। ख् महीने में अगर समझौता नहीं होता है तो आईओ को इस बारे में बताएं और आगे की जांच शुरू करें। अगर समझौता हो जाता है तो कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगाएं। सीरियस केस होने पर ही पति व परिवार की गिरफ्तारी हो।