परचम कुसाई से उर्स-ए-रजवी का आगाज

इस्लामियां ग्राउंड में परचम कुसाई के साथ 94वें उर्स-ए-रजवी का आगाज हो गया। परचम कुसाई का जुलूस दरगाह-ए-आला हजरत के नायब सज्जादानशीन एहसन मियां के नेतृत्व में आजमनगर की हरी मस्जिद से शुरू हुआ। इसके बाद यह अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ, दरगाह-ए-आला हजरत पहुंचा। यहां से फिर यह जुलूस इस्लामियां ग्राउंड पहुंचा, जहां सज्जादानशीन हजरत मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां ने परचम कुसाई करके उर्स क ा आगाज किया। इस मौके पर 21 तोपों से फूलों की सलामी दी गई।

दरगाह-ए-आला हजरत के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स-ए-रजवी के दूसरे दिन की शुरुआत नमाज-ए-फज्र और कुरानख्वानी से होगी। सुबह 9:58 बजे रेहान-ए-मिल्लत के 28वें कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। दूसरे दिन देश-विदेश के उलेमाओं की तकरीर नमाज-ए-इशां के बाद होगी। रात में 1:40 मिनट पर मुफ्ती आजम हिंद के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद रात भर तकरीर का सिलसिला जारी रहेगा।

दिन भर चला चादरपोशी, गुलपोशी का सिलसिला

उर्स के पहले दिन दरगाह-ए-आला हजरत पर पूरे दिन अकीदतमंदों की आवाजाही का सिलसिला जारी रहा। पूरे दिन बरेली शरीफ पहुंचने वाले जायरीन का तांता लगा रहा। देश-विदेश से बरेली शरीफ पहुंचे जायरीन ने दरगाह पर गुलपोशी और चादरपोशी की। दरगाह की चादरपोशी के लिए दिन भर जुलूसों की आमद भी लगी रही। पहले दिन ठिरिया निजावत खां के अकीदतमंदों ने 786 चादरों का जुलूस निकाल कर चादरपोशी की। अंजुमनों की ओर से सबील लगाकर जायरीन के खान-पान की व्यवस्था की गई।

अभी जेहन में बसे हैं 'हातिमताई'

'अलिफ लैला' और 'हातिमताई' की कहानियां आज भी लोगों के जेहन में हैं। तभी तो उर्स के मौके पर इस्लामिया ग्राउंड में लगे बुक स्टॉल्स में जायरीन इन नॉवेल्स की खूब डिमांड कर रहे हैं। यहां सुबह से ही खरीदारों की खूब भीड़ जुट रही है। इस्लामिया ग्राउंड में सबसे ज्यादा दुकानें इस्लामी लिट्रेचर की हैं। इनमें धार्मिक किताबों के साथ-साथ एकेडमिक बुक्स भी मौजूद हैं। वहीं बरेली का सुरमा और काजल व दरगाह वाले कॉफी मग भी जायरीन को खूब अट्रैक्ट कर रहे हैं।

'अल्लाह के 99 नाम' की पेंटिंग  

उर्दू में आए नॉवेल्स 'अलिफ लैला' और 'किस्सा-ए-हातिमताई' की काफी खरीद हो रही है। शॉप ओनर राशिद ने बताया कि यूथ में इनका सबसे ज्यादा क्रेज है। इसके अलावा मेरठ से आई 'अल्लाह के 99 नामÓ वाली पेंटिंग भी उर्स में जायरीन को अट्रैक्ट कर रही है। इसकी कीमत 350 रुपये रखी गई है। इसके अलावा यहां चाइना, इंडोनेशिया की खास कारीगरी वाली पेंटिंग्स भी मौजूद हैं। दिल्ली से आए रेहान अहमद ने बताया कि रिलीजियस बुक्स में अरबी से उर्दू में अनुवादित होकर आई बुक 'अल अल्बुद मुफरीदÓ की सुबह से सबसे ज्यादा प्रतियां बिकी हैं।

कॉफी मग भी डिमांड में

बाजार में सहारनपुर का पान जायरीन को खूब पसंद आ रहा है, काजल की स्टॉल लगाने वाले मो। जफर ने बताया कि यह काजल पहली बार खास उर्स के मौके पर बनाया गया है। मजार और दरगाह वाले कॉफी मग भी खूब डिमांड में हैं। इनकी कीमत 120 रुपए है। अफगानी टोपी और कश्मीरी सदरियां भी बाजार में मौजूद हैं। वहीं हुक्के के स्टॉल पर लगा 2500 रुपए क ा हुक्का सभी क ो खूब भा रहा है।

ताकि न हो असुविधा

उर्स-ए-रजवी में पहुंचने वाले जायरीन के लिए उर्स ग्राउंड में मोबाइल एटीएम वैन और बीएसएनएल की ओर से पीसीओ की व्यवस्था की गई है। साथ ही मेडिसिन स्टॉल्स और इंक्वायरी काउंटर भी खोले गए हैं।

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Bareilly: बरेली शरीफ में दिख रही उर्स-ए-रजवी की रौनक वर्चुअल वल्र्ड में भी छाई हुई है। फेसबुक में जहां देश ही नहंीं विदेश में भी पेज क्रिएट करके उर्स का प्रोग्राम जारी किया गया है। वहीं ट्विटर पर भी उर्स के दौरान आला हजरत के फॉलोअर्स के नंबर में कुछ बढ़त हुई है। वहीं आला हजरत की तकरीर, नात, मसलक की जानकारी भी सोशल साइट्स पर मौजूद है। दरगाह-ए-आला हजरत की ओर से भी फेसबुक, ट्विटर पर अपने पेज, कम्युनिटी क्रिएट की गई हैं।

ट्विटर पर भी हैं फॉलोअर्स

ट्विटर पर बने आला हजरत के अकाउंट पर अब तक 1,095 ट्वीट्स किए गए हैं। हालांकि, ट्विटर पर फॉलोअर्स की संख्या 290 ही है। इनकी संख्या में उर्स के दौरान काफी बढ़त हुई है। इसके अलावा आला हजरत वेबसाइट पर भी उर्स के प्रोग्राम्स और सोशल साइट्स के एड्रेस इंट्रोड्यूस किए गए हैं।

फॉरनर्स ने बनाए पेज

उर्स-ए-रजवी के लिए फारनर्स ने भी  फेसबुक पर पेजेज क्रि एट किए है। इन पेजेज पर लाइक्स तो हुए ही हैं साथ ही उर्स में आने के लिए इन्विटेशंस भी डाले गए हैं, वहीं कुछ ने इसमें उर्स से रिलेटेड अपने एक्सपीरिएंस शेयर किए हैं, तो कोई उर्स के लिए प्रोग्राम

क ो डिस्क्लोज कर रहा है। लोगों ने आला हजरत से रिलेटेड नई कम्युनिटीज  हैं।

पेज पर 10,697 लाइक

फेसबुक पर बने पेज आला हजरत इमाम अहमद रजा खां बरेलवी के पेज पर अब तक 10,700 लाइक्स हो चुके हैं। वहीं तीन दिन पहले ही बनाया रजा न्यूज का पेज भी जायरीन की पसंद बना हुआ है। इस पेज पर लोकल मीडिया क वरेज पोस्ट की जाती है। वहीं मसलक-ए-आला हजरत की ओर से बने फेसबुक पेज पर 2,075 ज्वाइनिंग हो चुकी हैं।

सोशल साइट्स पर आला हजरत के कई फॉलोअर्स डेली एड हो रहे हैं, वहीं फेसबुक के डिफरेंट पेजेज पर उर्स की जानकारी मांगी जा रही है।

-नासिर कुरैशी, प्रवक्ता, दरगाह-ए-आला हजरत