--जंक्शन के पार्सल घर में नहीं है सुरक्षा के इंतजाम

-- पार्सल ब्लास्ट मामले में जीआरपी इंचार्ज मुरादाबाद तलब

BAREILLY: जंक्शन का पार्सल घर आंतकी हमलों को अंजाम देने के लिए एक बेहतरीन जरिया बना हुआ है। पार्सल घर में बेतरतीब पड़े पार्सल कभी भी एक बड़े ब्लास्ट का रूप ले सकता है और किसी को इसकी हवा तक नहीं लगेगी। यहां पहुंचने वाले पार्सल की जांच और रखरखाव की कोई भी व्यवस्था नहीं है। पार्सल घर में काम करने वाले कर्मचारी भी मौत के मुहाने पर बैठकर अपनी नौकरी करने को मजबूर है। वहीं रेलवे का आला कमान इन खतरों से बेपरवाह किसी हादसे के बाद ही अपनी नींद से जगने का इंतजार कर रहा है।

स्कैनिंग मशीन नहीं

बरेली जंक्शन पार्सल भेजने के लिए नेशनल हब का दर्जा पाया है। जहां से करीब पूरे देश को पार्सल भेजा जाता है। यहां से हर रोज फ्00 से ज्यादा पार्सल बुक किए और भेजे जाते हैं। किसी भी पोस्ट ऑफिस से बुक होने वाले पार्सल रेलवे मेल सर्विस के जरिए पार्सल घर में लाए जाते हैं। वहीं पार्सल घर में भी कोई भी स्कैनिंग मशीन नहीं, जिससे पार्सल के अंदर रखे सामान को देखा जा सकें। कर्मचारियों को भी इन सामानों की जांच करने का अधिकारी नहीं, जिससे पार्सल की शक्ल में भेजा गया कोई बम पकड़ में नहीं आ सकता।

पार्सल घर की हालत देख िबफरे जीएम

जंक्शन के दौरे पर आए जीएम ने पार्सलघर की हालत देख चीफ पार्सल सुपरवाइजर को फटकार लगाई। पार्सलघर के बाहर बिखरे पड़े पार्सल को देख जीएम ने नाराजगी जताई। इस दौरान वेडनसडे की रात पार्सल में ब्लास्ट के सवाल पर एसएस ने उसे बच्चों का पटाखा कह अपनी जवाबदेही बचाई। वहीं इस मामले को लेकर फ्राइडे की सुबह ही जीआरपी इंचार्ज अयूब हसन को मुरादाबाद जांच के लिए तलब कर लिया गया। पार्सल भेजने वाले का नाम पता फर्जी पाए जाने के बाद अब सुराग तलाशने को नए सिरे से जांच की जा रही है।

जंक्शन पर पहुंचे ब्लास्ट वाला पार्सल आरएमएस का था इसके लिए रेलवे ही जिम्मेदार नहीं। सभी जगह से रेलवे के पास पार्सल पहुंचते है जिनकी जांच नहीं होती। इस मामले में अन्य विभागों से जांच की बात चल रही है। - वीके गुप्ता, जीएम, नॉर्दर्न रेलवे