- एक लाख से ज्यादा की खरीदारी पर अभी पैन कार्ड अनिवार्य नहीं
- एक्ट व कानून बनाए जाने के बाद ही प्रभावी होगी पैन कार्ड की अनिवार्यता
- पैन कार्ड के भ्रम से अप्रैल माह में करीब 40 परसेंट तक की सेल में गिरावट
BAREILLY:
अक्षय तृतीया पर ज्वैलरी की शॉपिंग का मूड बनाए हैं तो बिदांस होकर परचेजिंग की तैयारी कर लीजिए। एक लाख से अधिक की ज्वैलरी खरीद पर पैन कार्ड देने की बाध्यता लागू होने में फिलहाल समय है।
कश्मकश में कस्टमर
आम बजट में क् अप्रैल से एक लाख से ज्यादा कीमत की ज्वैलरी परचेजिंग पर पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में अक्षय तृतीया पर ज्वैलरी पर खरीदारी को लेकर लोग कश्मकश में उलझे हुए हैं। यही वजह है कि अप्रैल शुरू होते ही ज्वैलरी की बिक्री में करीब ब्0 परसेंट की गिरावट आ गई है।
पैन कार्ड महज प्रपोजल
एक लाख रुपए की खरीदी पर पैन कार्ड अनिवार्य नहीं किया गया है, यह केवल एक प्रस्ताव भर है, जिसे सर्वसम्मति से लागू किया जाना है। सर्राफा बाजार में इसकी अनिवार्यता तभी होगी, जब प्रपोजल को एक्ट बना दिया जाएगा। यह कहना है यूपी सर्राफा एसोसिएशन के अनिल पाटिल का। उन्होंने बताया कि कैश काउंटर्स से पैन कार्ड नम्बर तभी मांगा जाएगा जब इसे कानूनी रूप देते हुए लागू कर दिया जाएगा।
भ् लाख से ज्यादा पर पैन कार्ड
सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक बरेलियंस को भ्रम में रहने की कोई जरूरत नहीं है। ज्वैलरी की दिल खोलकर शॉपिंग कर सकते हैं। लेकिन भ् लाख से ज्यादा की खरीदारी करने पर पैन कार्ड अनिवार्य होगा। ऐसे में लाख रुपए तक की खरीदी पर टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। उनके मुताबिक लास्ट इयर इलेक्शन के बावजूद करीब 70 करोड़ ज्वैलरी की शॉपिंग हुई थी। लेकिन इस बार केवल भ्0 करोड़ की बिक्री की ही संभावना है।
एक्ट बनने पर क्या होगा
एक लाख से ज्यादा की ज्वैलरी शॉपिंग के लिए घर से निकले ज्यादातर लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होता। ऐसे में लाख रुपए अथवा उससे ज्यादा की शॉपिंग करने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए पैन कार्ड हर एक व्यक्ति को पास होना आवश्यक होगा।
सोना होगा मंहगा
कस्टम ड्यूटी नहीं घटने से पब्लिक को नुकसान होगा। इससे गोल्ड की फॉरेन प्राइस और लोकल प्राइस में काफी अंतर होने से पब्लिक को मंहगी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
टैक्स देना अनिवार्य
लाख से ज्यादा की खरीदारी का मतलब वह लोग भी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। जो अभी तक बिना टैक्स अदा किए ही ज्वैलरी की परचेजिंग कर रहे थे।
रसीद देने से परहेज
सर्राफा व्यापारी टैक्स बचाने की जोड़ तोड़ में और कस्टमर्स पैन कार्ड न देने के लिए रसीद देने और लेने से बचेंगे। इसका सीधा नुकसान सरकार को रेवेन्यू के रूप में होगा।
बढ़ेगी तस्करी
फिलहाल ज्वैलर्स पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। ऐसे में तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने की संभावना है।
अक्षय तृतीया के मौके पर पैन कार्ड की अनिवार्यता नहीं रहेगी। कस्टमर्स को भ्रमित होने की कोई जरूरत नहीं है। पब्लिक बेझिझक खरीदारी कर सकते हैं।
विवेक अरोड़ा, तनिष्क शोरूम मैनेजर
ज्यादातर लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होता है। आम बजट में लाख रुपए से ज्यादा की खरीद पर पैन कार्ड अनिवार्य किया जाने को लेकर टेंशन थी।
शोभा, वर्किंग वीमेन
अक्षय तृतीया पर ज्यादातर लेडीज ही ज्वैलरी की शॉपिंग करती हैं। ऐसे में पैन कार्ड लागू करने से परचेजिंग कम होगी। जेंट्स के पास पैन कार्ड होता है पर लेडीज के पास हो यह जरूरी नहीं।
श्वेता छाबड़ा, हाउस वाइफ