- भारत-पाक का कल्चर सेम होने से मिलता है फायदा
- दोनों देशों की सरकार से मिले मदद तो बने कुछ बात
BAREILLY: भारत-पाक के आपसी रिश्ते में भले ही सरहद की दूरियां हैं लेकिन, बिजनेस के लिहाज से पाकिस्तानियों की पहली पसंद इंडिया ही है। ये लफ्ज उन पाकिस्तानी बिजनेसमैन के हैं, जिन्होंने सिटी में चल रहे इंडो-पाक एग्जिबिशन के अंतिम दिन अपनी राय रखी। उनका मानना है कि भारत-पाक भले ही अलग-अलग देश हैं, लेकिन कल्चर तकरीबन सेम है। सेम कल्चर के नाते बिजनेस को इंडिया में ज्यादा रिस्पॉन्स मिलता है। वे लोग अब तक वर्ल्ड के डिफरेंट कंट्रीज में स्टॉल लगा चुके हैं, लेकिन भारत जैसा रिस्पांस कहीं नहीं मिला।
लखनऊ में बेहतरीन रहा बिजनेस
प्रदर्शनी में आए पाक के लोगों ने बताया कि, अब तक लखनऊ, पटना, कानपुर सहित भारत के तमाम शहरों में हम लोग जा चुके हैं। सभी जगह लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला है। राजनीतिक पहलुओं के चलते कानपुर में थोड़ा बहुत विरोध का सामना करना पड़ा था। फिर भी चार दिन तक चले प्रदर्शनी में अच्छा बिजनेस हुआ था। लखनऊ जैसा माहौल कही नहीं मिला। लखनऊ में लोगों का लैंग्वेज हिन्दी और उर्दू मिक्स है, जिसके चलते बिजनेस को एक नई ऊंचाई मिलती है।
ट्रेंड है लगभग सेम
इंडिया में हाथ से तैयार किए गए कढ़ाईदार सूट और साड़ी की काफी डिमांड है। पाकिस्तान के लोगों के बीच भी कढ़ाईदार सूट काफी लोकप्रिय है, जिसका फायदा बिजनेस में मिलता है। पाक में मैक्सिमम कपड़े हाथ से ही तैयार किए जाते हैं। कपड़ों के पहनने का कल्चर एक जैसा होने से भारत में बिजनेस करना आसान हो जाता है। जबकि, अन्य देशों अमेरिका, जापान, जर्मनी, चीन जैसे देश के साथ इस मामले में दिक्कत आती है। पाकिस्तानी मेहमानों का यहां तक मानना है कि, इंडिया डेवलप्ड कंट्री की राह पर बढ़ रहा है। पहले के मुकाबले आर्थिक स्थिति भारत की सुदृढ़ हुई है। ऐसे में, आने वाला वक्त बिजनेस के लिहाज से भारत में और भी अच्छा होने वाला है।
सरकार से मिले मदद
दोनों देशों के गवर्नमेंट से हेल्प नहीं मिलने के कारण पाक से आए लोग थोड़ा मायूस भी हैं। पाकिस्तानी मेहमानों ने बताया कि, पाकिस्तान की ट्रेड एंड फेयर थोड़ी बहुत मदद करती है, लेकिन बाकी खर्च खुद ही उठाना पड़ता है। कभी-कभी वीजा के चक्कर में इंडिया आना मुश्किल हो जाता है। यदि दोनों ही देशों की सरकार इस ओर अग्रसर हो तो कुछ बात बनें। सरकार को दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना चाहिए। पाकिस्तान से आई हिजाब अख्तर ने बताया कि, इंडिया आने के बाद हम लोग जैसा फीडबैक अपने देश जाने के बाद देते है, उसके अकॉडिंग ही बिजनेस के लिहाज से लोग अदर कंट्री जाना पसंद करते हैं। भारत का फीडबैक बहुत अच्छा होता है, जिस वजह से यहां बिजनेस करने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि मैं खुद क्997 से इंडिया आ रही हूं।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स करती है पहल
दोनों देशों की चैम्बर ऑफ कॉमर्स बिजनेस के लिए पहल करती है। चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स ही दोनों देशों के दूतावास से कांटैक्ट करती है, जो कि वीजा देने का काम करती है, जिनको भी अदर कंट्री जाना होता है वह अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं। या फिर कोई संस्था जो कि बिजनेस को बढ़ावा देने का काम करती है। यही संस्था दूसरे देश के लोगों को प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए ऑफर भी करती है।
इंडिया आने में ट्रांसपोर्ट का करीब ख्भ् हजार तक का खर्च आता है। इंपोर्ट और एक्सपोर्ट में कुछ छूट मिले तो, दोनों देशों के बीच बिजनेस को बढ़ावा मिल सकता है।
मोहम्मद यूसुफ, पाकिस्तान
हम लोग अब तक कई देश में स्टॉल लगा चुके हैं, लेकिन भारत जैसा रिस्पॉन्स कहीं नहीं मिला। भारत बिजनेस के लिहाज से बेस्ट है। सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है।
शादिया सैय्यद, पाकिस्तान
पाकिस्तान में कॉटन के कपड़े काफी सस्ते और अच्छे क्वॉलिटी के मिलते है। ट्रांसपोर्ट खर्चा मिलाकर भी भारत से सस्ता पड़ता है। दोनों देशों के बीच बिजनेस को बढ़ावा देने की जरूरत है। जीत, इंडिया