पढ़ाई नहीं होनी चाहिए disturb
लिंगदोह कमेटी ने इस बात का भी अहम ख्याल रखा है कि स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन की वजह से किसी भी तरह से एकेडमिक्स इफेक्ट न हो। इसलिए कमेटी ने सेशन की शुरुआत में ही इलेक्शन को संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं। सिफारिशों के अनुसार एकेडमिक सेशन स्टार्ट होने के 6 से 8 हफ्तों में इलेक्शन पूरी तरह से खत्म हो जाना चाहिए।
सिफारिशों का उल्लंघन
लिंगदोह कमेटी की तय समय सीमा का आरयू उल्लंघन कर रहा है। यूं तो अधिकांश यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के एकेडमिक सेशन जुलाई में ही स्टार्ट हो जाते हैं। आरयू का एकेडमिक सेशन अगस्त में स्टार्ट होता है। इस लिहाज से सितम्बर एंड तक इलेक्शन खत्म हो जाना चाहिए। वहीं नॉमिनेशन के पहले दिन से लेकर 10 दिनों के अंदर पूरी इलेक्शन प्रक्रिया समाप्त करने के भी सख्त निर्देश हैं। जबकि आरयू ने अभी तक इलेक्शन की डेट तक डिक्लेयर नहीं की है और न ही उसकी कोई संभावित प्रक्रिया। नियमों के अनुसार अब सितम्बर में इलेक्शन कराना नामुमकिन है और 1 अक्टूबर से इम्प्रूवमेंट एग्जाम स्टार्ट हो रहे हैं। ऐसे में इलेक्शन या तो अक्टूबर के लास्ट वीक में होंगे या फिर नवम्बर में। दोनों ही सूरत में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी की जा रही है।
BCB में भी फंसा पेंच
आरयू की तैयारी न होने से बरेली कॉलेज में भी इलेक्शन को लेकर असमंजस है। दोनों ही कैंपस में एक ही समय पर इलेक्शन कंडक्ट कराने का डिसीजन लिया गया है, जिससे बाहरी स्टूडेंट्स एक दूसरे के कैंपस में घुसपैठ न कर सकें। पर आरयू के डेट डिक्लेयर न करने की वजह से बीसीबी में भी इलेक्शन की सारी तैयारियां ठप पड़ी हैं।