-48 घंटे में बोकारो से बरेली पहुंचे दो कैप्शूल
-पहले कैप्शूल में आई 16 टन में आधी मुरादाबाद भेजी गई, दूसरे कैप्शूल में बरेली पहुंची 24 टन ऑक्सीजन
बरेली : अस्पतालों में पैदा हुई ऑक्सीजन की किल्लत को पूरा करने के लिए 48 घंटे में बोकारो से दो कैप्शूल लिक्विड ऑक्सीजन बरेली पहुंचे। इनमें 32 टन लिक्विड ऑक्सीजन आई, जिसे तीन रिफ¨लग यूनिट को दिया गया। बता दें कि 24 घंटे पहले एक ऑक्सीजन रिफ¨लग यूनिट ड्राई हो चली थी। सि¨लडर लिए ऑक्सीजन लेने पहुंचे लोगों को मायूसी के साथ वापस लौटना पड़ रहा था। इसके बाद आई ऑक्सीजन की अगली खेप ने काफी राहत दी।
लोगों को मिली राहत
प्रशासकीय सूत्रों के मुताबिक पहले कैप्शूल में 16 टन लिक्विड ऑक्सीजन पहुंची थी, जिसमें आधी ऑक्सीजन को मुरादाबाद भेजा गया। बाकी आठ टन को बरेली की रिफ¨लग यूनिट को दिया गया। इसके बाद 24 टन की नई खेप भी बरेली पहुंची। परसाखेड़ा स्थित यूनिट करीब 1500 सि¨लडर प्रतिदिन रिफिल कर रही है। वहीं फरीदपुर वाली यूनिट करीब 1200 सि¨लडर प्रतिदिन रिफिल कर रही है।
सड़कों पर फिर भी लोग दौड़ रहे
ऑक्सीजन की कमी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते सप्ताह भर से परसाखेड़ा ऑक्सीजन प्लांट के बाहर गाडि़यों की कतारें लगी रहीं। दिन भर गाडि़यां खड़ी होने के बाद भी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हालांकि अब सवाल भी उठने लगे कि लगातार ऑक्सीजन आपूर्ति के बावजूद होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए लोग ऑक्सीजन के सि¨लडर लिए दौड़ लगाने को मजबूर हो रहे है। बता दें कि परसाखेड़ा स्थित ऑक्सीजन प्लांट के बाहर अस्पताल से ऑक्सीजन लेने आई गाडि़यों की लंबी कतारें बीते एक हफ्ते से जारी है। दिन भर गाडि़यां खड़ी होने के बाद भी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। तो वहीं अब घर में आइसोलेट लोगों को प्लांट से ¨सगल सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है। परसाखेड़ा प्लांट से केवल हॉस्पिटलों की सप्लाई की जा रही है। लेकिन ऑक्सीजन की किल्लत के चलते वह भी पूरी नहीं हो पा रही। ऑक्सीजन की किल्लत के चलते गंभीर मरीज आए दिन दम तोड़ रहे हैं। शुक्रवार शाम को भी ऑक्सीजन प्लांट के बाहर गाडि़यों की कतारें लगी हुई थी।