हजरत फातिमा जहरा की याद में हुई महफिल

महफिल में दूर-दराज से पहुंचे मोमनीन कराम

>BAREILLY: कारवाने तहजीब के तत्वावधान में ट्यूजडे रात छीपी टोला स्थित काला इमामबाड़ा मे पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की बेटी और हजरत फातिमा जहरा की विलादत के मौके पर जश्ने इस्मत महफिल का आयोजन हुआ। इस दौरान शायरों ने कसीदाख्वानी करके अपनी अकीदत पेश की। महफिल के दौरान दो किताबें भी जारी की गई। आखिरी में मोमनीन में तबर्रुक बांटे गए।

दो किताबों का हुआ विमोचन

जश्न इस्मत के दौरान मौलाना काजिम मेहदी उरूज जौनपुरी की लिखी गई दो किताब जमील मजहरी हयात और कारनामे व बयान का विमोचन ईरान से आए मौलाना जनाब अली अब्बास रिजवी ने किया। उन्होने हजरत फातिमा जहरा की जिंदगी पर रोशनी डाली। कहा कि महिलाएं हजरत फातिमा के किरदार को अपनाएं तो सामाजिक बुराइयों से बच सकती हैं।

शायरों ने पेश की खिराजे अकीदत

महफिल की शुरुआत में मौलाना तकी सज्जाद ने तकरीर की। इसके बाद शायर मीर नजीर बाकरी ने रसूल ए पाक तो रहमत है आलम के लिए

रसूल के लिए रहमत है फातिमा जहरा की खूब तारीफ हुई। दिलकश गाजीपुर के शेर सियाह चहरे है जिनके कही ंवह छुप जाएं, अली की मदह का सूरज निकलने वाला है को लोगों ने खूब सराहा। इसके अलावा अदील जाफरी डा। इफहाम उतरौलवी और सामिन सिरसवी ने भी शेर पेश्ा किए।

देश में अमन चैन की हुई दुआ

महफिल के अंत में मौलाना शमशुल हसन खां साहब देश में अमन-खुशहाली के लिए दुआएं कराई। महफिल को कामयाब करने में जिया मेहदी, गौहर अब्बास रिजवी, मो। असकरी, समर अब्बास जैदी, रेहान अख्तर, जिया अब्बास आदि मौजूद रहे।