बरेली(ब्यूरो)। शहर की सरकार को एक बार फिर अपने मुखिया की दरकार है। यह मुखिया कौन होगा, इसका पता भले ही 13 मई को चल जाएगा, पर कैसा होगा इसके लिए उसके कार्यकाल का इंतजार करना होगा। इस बार के चुनाव मैदान में महापौर पद के लिए उतरे दो प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जो अपना महापौर कौन होगा और कैसा होगा जैसे प्रश्नों का खुद-ब-खुद जवाब हैं। इन दो डॉक्टर प्रत्याशियों में से एक पास नया रिकार्ड बनाने की अपॉन्र्युनिटी है तो दूसरे के पास कार्यकाल दोहराने की। यह अपॉच्र्युनिटी इनके लिए चैलेंज भी है। महापौर पद की दौड़ में शामिल यह दो डॉक्टर प्रत्याशी हैं डॉ। आईएस तोमर और डॉ। उमेश गौतम।

तोमर ही दोहरा पाए कार्यकाल
नगर निगम में अब तक छह महापौर का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इनमें से एक महापौर ही ऐसे रहे हैं जिनको बरेलिएंस ने कार्यकाल दोहराने का अवसर दिया। यह महापौर रहे हैं डॉ। आईएस तोमर। डॉ। तोमर सबसे पहले वर्ष 2000 में महापौर के लिए चुनावी मैदान में उतरे। तब वह बतौर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। बरेली के वोटर्स ने उन्हें अपना भरपूर प्यार दिया और बड़े अंतर से जिताकर महापौर बनाया। इसके बाद वह वर्ष 2006 में महापौर सीट महिला आरक्षित हो गई। इसके बाद वर्ष 2012 में सीट अनारक्षित होने पर उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी इस सीट के लिए ताल ठोकी। यह बात अलग है कि तब वह सपा समर्थित प्रत्याशी भी रहे। इस बार उनके सामने बीजेपी प्रत्याशी गुलशन आनंद को हराने का चैलेंज था। चुनाव के बाद डॉ। आईएस तोमर के सामने यह चैलेंज बौना साबित हुआ और वह बड़े वोट अंतर से चुनाव जीत गए। इस तरह डॉ। आईएस तोमर अकेले ऐसे महापौर बन गए जिन्हें अपना कार्यकाल दोहराने का अवसर मिला।

जीते तो तोडेंगे रिकार्ड
महापैर पद का कार्यकाल दोहराने के बाद डॉ। आईएस तोमर वर्ष 2017 के चुनाव में एक बार फिर मैदान में उतरे। इस बार उनके सामने भाजपा प्रत्याशी डॉ। उमेश गौतम ने ताल ठोकी भी। चुनाव में भाजपा की रणनीति के सामने डॉ। तोमर का जोर ज्यादा नहीं टिक सका। इस बार भी डॉ। तोमर सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे। चुनाव के बाद डॉ। उमेश गौतम करीब 13 हजार वोटों से जीत गए और डॉ। तोमर के हाथ से तीसरी बार महापौर बनने का चांस फिसल गया। इस बार डॉ। तोमर फिर सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने फिर भाजपा प्रत्याशी डॉ। उमेश गौतम को हराने का चैलेंज है। अगर डॉ। तोमर इस चैलेंज से पार पा लेते हैं तो वह कार्यकाल दोहराने वाले महापौर अपना ही रिकार्ड तोडक़र तीसरी बार महापौर बनने का रिकार्ड बनाने में सफल हो जाएंगे।

डॉ। उमेश गौतम के पास रिपीट का चांस
बसपा से भाजपा में शामिल हुए डॉ.उमेश गौतम वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में बतौर मेयर प्रत्याशी मैदान में उतरे। उनके सामने जीत हासिल करने के लिए दो बार मेयर रहे डॉ। आईएस तोमर को हराने का चैलेंज था। भाजपा वोट बैंक के सहारे वह सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ। आईएस तोमर को हराने में सफल रहे। इस चुनाव में डॉ। गौतम को 1,39,127 वोट मिले थे तो डॉ। तोमर को 1,27,343 वोट हासिल हुए। इस तरह डॉ। उमेश गौतम 12,784 वोटों से जीत हासिल करने में सफल रहे। इस बार डॉ। उमेश गौतम लंबी जद्दोजहद के बाद एक बार फिर मेयर पद के लिए बतौर भाजपा प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इस बार भी चुनाव में उनका सामना सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ। आईएस तोमर के साथ कांग्रेस प्रत्याशी डा। केबी त्रिपाठी, बसपा प्रत्याशी यूसुफ व अन्य प्रत्याशियों से है। डॉ। उमेश गौतम के पास भाजपा वोट बैंक के सहारे एक बार फिर से जीत हासिल कर मेयर बनने का चांस है। अगर वह जीत जाते हैं तो अपना कार्यकाल दोहराने वाले डॉ। आईएस तोमर के बाद दूसरे मेयर हो जाएंगे। जीतने पर वह लगातार अपना कार्यकाल दोहराने वाले पहले मेयर भी बन जाएंगे।

अब तक इनको मिला शहर की सरकार का मुखिया बनने का मौका
वर्ष --- मेयर
1989 राजकुमार अग्रवाल
1995 सुभाष पटेल
2000 डॉ। आईएस तोमर
2006 सुप्रिया ऐरन
2012 डॉ। आईएस तोमर
2017 डॉ। उमेश गौतम

वर्ष 2023 में वोटर्स का आंकड़ा
8,47,763- कुल वोटर्स
4,55,954 पुरुष वोटर
3,91,809 महिला वोटर
162 पोलिंग सेंटर
640 पोलिंग स्टेशन