बरेली (ब्यूरो)। 300 बेड कोविड अस्पताल में लंबे समय से वेंटिलेटर आईसीयू में बंद पड़े हुए हैैं। इससे जीवन बचाने में सहायक यह उपकरण मरीजों के लिए भी बेकार हैं और इन पर खर्च हुई करोडों की लागत भी बेकार जा रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इससे जुड़ी न्यूज फ्राइडे के अंक प्रमुखता से पब्लिश की थी। इसके बाद अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया और बंद पड़े आईसीयू का ताला खोलकर वहां साफ-सफाई करवा दी। इसके साथ ही दूसरे वाड्र्स की भी सफाई करवाई गई। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही यहां सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई जाएंगी।
नहीं है प्रॉपर स्टाफ
300 बेड अस्पताल में ट्रीटमेंट के नाम पर सिर्फ खानापूरी हो रही है। यहां यूं तो ओपीडी शुरू कराई गई है, पर इसका लाभी सभी मरीजों को नहीं मिल रहा है। यहां एक फिजिशियन के अलावा ईएनटी, आई और डेंटल के डॉक्टर ही बैठते हैं। यहां मरीजों को भर्ती कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे यहां की सुविधाएं मरीजों के किसी काम की नहीं हैं। विभागीय जिम्मेदारों का कहना है कि इस अस्पताल में भी प्रॉपर स्टाफ नहीं है। स्टाफ पूरा होने पर ही अस्पताल का संचालन होगा।
सीएमओ पर सारा दारोमदार
300 बेड हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। भानू प्रकाश ने बताया यहां की व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों को बताया गया है। शासन से स्टाफ की नियुक्ति होने पर ही इस हॉस्पिटल का सही से संचाल होगा। यहां आईसीयू तो खोल दिया गया है, पर अभी उसमें पेशेंट्स को भर्ती नहीं किया जा सकता है।
सिर्फ एंटीजन की ही सुविधा
300 बेड हॉस्प्टिल में कोविड की जांच के लिए तीन से चार मरीज ही आ रहे हैं। यहां उनका एंटीजन टेस्ट ही हो रहा है। इसके अलावा आरटीपिसीआर के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं लैब टेक्निशियन का कहना हैै कि अभी कोविड की जांच के लिए कॉमन पीपल नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा शहर में अभी कोई कोविड पेशेंट नहीं हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए अभी कोई आदेश नहीं आए हैैं।
नहीं चल रही है लिफ्ट
300 बेड हॉस्प्टिल में पेशेंट्स की सुविधा के लिए दो लिफ्ट लगाई गई हैं, पर यह बेकार पड़ी हैं। प्रॉपर मैंटिनेंस नहीं होने से यह खराब हो गई और फिर इनकी सुध ही नहीं ली गई।