- ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भी बर्थ डेथ सर्टिफिकेट के लिए लगा रहे विभाग के चक्कर
- हास्पिटल्स की लापरवाही और विभाग के सुस्त रवैये से नहीं हो रही डाटा फीडिंग
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- ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भी बर्थ डेथ सर्टिफिकेट के लिए लगा रहे विभाग के चक्कर
- हास्पिटल्स की लापरवाही और विभाग के सुस्त रवैये से नहीं हो रही डाटा फीडिंग
BAREILLY: BAREILLY: 'प्रमाण पत्र ऑनलाइन मिलते हैं। इसकी तो हमें कोई जानकारी नहीं है। हास्पिटल की ओर से भी कोई जानकारी नहीं मिली। काम न करना पड़े इसलिए कर्मचारी कल आना, परसों आना का बहाने बताते हैं। ऐसे में लोगों को हर दिन विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बता दें कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की ऑनलाइन फीडिंग होनी है। लेकिन पिछले करीब दो वर्षों से चल रही ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी तरह से लागू नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से लोग विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक के दौरान लोगों ने सुनाई आपबीती
हास्पिटल्स बन रहे रोड़ा
नगर स्वास्थ्य महकमे की ओर से क्भ् सितंबर ख्0क्फ् से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई। ताकि लोगों को विभाग के चक्कर लगाने के बजाय हास्पिटल्स से डिस्चार्ज के दौरान ही बर्थ अथवा डेथ सर्टिफिकेट अवेलेबल हो जाए। साथ ही दलाली पर भी अंकुश लग सके। इसके लिए विभाग की ओर से शहर के 89 हास्पिटल्स को नोटिस भेजकर डाटा ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए थे। करीब दो वर्ष गुजरने के बाद केवल म्8 हास्पिटल्स ने डाटा ऑनलाइन करना शुरू किया। दूसरी ओर ख्क् हास्पिटल्स की ओर से डाटा ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। फिलहाल विभाग में प्रतिदिन सैकड़ों लोग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
मुनाफे के लिए नहीं बन रहे सर्टिफिकेट
दो वर्षो से ऑनलाइन डाटा फीडिंग न होने के पीछे हास्पिटल्स की लचर कार्यप्रणाली भी जिम्मेदार हैं। क्योंकि विभाग के ही सूत्रों के मुताबिक ऑनलाइन डाटा सौंपने वाले हास्पिटल्स में कुछ ऐसे भी हैं, जो मैनुअल ही सर्टिफिकेट बना रहे हैं। ताकि परिजनों से रुपए ऐंठे जा सकें.तो दूसरी ओर कुछ हास्पिटल्स डाटा फीडिंग न करने के लिए कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड और ऑपरेटर का खर्च उठाने के नाम पर हाथ ढीले कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए फर्जी बिल बनाकर परिजनों से रुपए वसूल रहे हैं।
कई बार लगाते हैं विभाग के चक्कर
नगर स्वास्थ्य विभाग में प्रतिदिन करीब ख्भ् प्रमाण पत्र जारी होते हैं.ये प्रमाण पत्र भी यूं ही नहीं जारी होते। यह वह लोग हैं जो कई बार विभाग के चक्कर लगाकर और कर्मचारियों की मनौती कर चुके होते हैं। इसी ढीले-ढाले रवैया की वजह से प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए पहुंच रही पब्लिक निराश लौट रही है। कर्मचारियों की लेटलतीफी से दफ्तर खुलने पर पहुंचे लोगों को देर शाम तक रुकना पड़ता है।
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए करीब तीन बार आ चुका हूं। कर्मचारी बता रहे हैं कि करीब हफ्ते बाद प्रमाण पत्र मिलने की संभावना है। ऐसे में एक बार फिर दौड़-भाग करनी होगी।
इमरान, परतापुर
ऑनलाइन प्रमाण पत्र मिलने के बारे में सुना जरूर है। लेकिन किसी को मिलते नहीं देखा। हास्पिटल्स की ओर से मैनुअल रसीद दी गई है। वही लेकर विभाग में प्रमाण पत्र बनवाने आया हूं।
राजीव गौड़, मढ़ीनाथ
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सुबह से खड़ा हूं। लेकिन कर्मचारी व्यस्तता जाहिर कर रहे हैं। कहते हैं बाद में आना। पिछले हफ्ते फार्म जमा हो गया। था। अब कह रहे हैं कि हास्पिटल से बर्थ सर्टिफिकेट लेकर आओ।
जोगिंदर, संजय नगर
हॉस्पिटल्स को डाटा फीडिंग के लिए रिमांइडर भेजा जा चुका है। कुछ हास्पिटल्स द्वारा लोगों से रुपए वसूलने के बारे में सूचना मिली है। जांच में दोषी पाए जाने पर ऐसे हास्पिटल्स पर सख्त कार्रवाई होगी।
डॉ। एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारी