- ट्रांसफार्मर से तेल चोरी करने का चल रहा खेल
- तेल के अभाव में ट्रांसफार्मर हीट होकर हो रहे खराब
BAREILLY: शहर में आए दिन सेंट्रल रोस्टिंग का शेड्यूल जारी किया जाता है लेकिन शायद ही ऐसा कोई दिन हो जिस दिन बिजली इसके अकॉर्डिग आए। सेंट्रल रोस्टिंग के साथ लोकल फॉल्ट के चलते बिजली का कोई भी फिक्स टाइम नहीं रहता है। पर जब सेंट्रल रोस्टिंग होती है तो ये लोकल फॉल्ट का लोचा आखिर क्यों होता है। दरअसल इसके पीछे हैं 'तेल चोर', ये तेल चोर इनडायरेक्टली बरेलियंस के घरों की बिजली चुरा रहे हैं। जी हां, आए दिन ट्रांसफार्मर से तेल चोरी होने की वजह से ही ट्रांसफार्मर समय से पहले ही धड़ाम हो रहे हैं। पिछले कुछ समय से सिटी में तेल चोरी का ये खेल खेला जा रहा है। मार्केट में अच्छा भाव मिलने से ये घटनाएं दिनों दिन बढ़ रही हैं। हैरत की बात तो ये है कि इस खेल में बाहरी ही नहीं विभाग के कर्मचारियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
एक दर्जन से अधिक मामले
पिछले दो महीने में ट्रांसफार्मर से तेल चोरी होने की एक दर्जन से अधिक घटनाएं सामने आई हैं। सबसे अधिक घटनाएं विभाग के थर्ड डिविजन के अंतर्गत आने वाले एरिया में हो रही हैं। जगतपुर, कांकड़ टोला, सीबीगंज, करगैना, संजयनगर, नकटिया ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर आए दिन ट्रांसफार्मर से तेल चोरी होने का पता चलता है।
अच्छे रेट में बिक जाता है
ट्रांसफार्मर में इस्तेमाल होने वाला तेल मार्केट में अच्छे भाव में बिक जाता है। मार्केट में ट्रांसफार्मर के तेल की अच्छी खासी डिमांड है क्योंकि कुछ लोग अवैध रूप से इसका इस्तेमाल जोड़ों के दर्द के तेल और इत्र बनाने में करते हैं। कुछ साल पहले कुतुबखाना के पास एक व्यापारी के यहां की गई छापेमारी में ट्रांसफार्मर के तेल से इत्र बनाने की घटना सामने भी आ चुकी है। पुराना तेल फ्0 रुपए प्रति लीटर तक बिक रहा है। वहीं रिजेक्टेड तेल ख्0 रुपए प्रति लीटर तक सेल हो जाता है। ऑफिसर्स ने बताया कि ब्00 केवीए के एक ट्रांसफार्मर में करीब ख्भ्0 लीटर तेल होता है। फ्रेश तेल का प्राइस 70 से 80 रुपए प्रति लीटर है।
अपने ही हैं 'दुश्मन'
इस खेल में बाहरी लोगों का ही हाथ नहीं होता है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रांसफार्मर से तेल चोरी का खेल विभाग के कर्मचारियों की शह पर होता है। बिना इनकी मिलीभगत के तेल चोरी संभव नहीं है। तेल चोरी के चलते ट्रांसफार्मर धड़ल्ले से खराब हो रहे हैं। एक ही महीने में सिर्फ पुराना शहर में ही 80 से अधिक ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं, मगर इसका बात का सारा ठीकरा रेजिडेंट्स पर फोड़ दिया जाता है कि ओवरलोड और इल्लीगल बिजली इस्तेमाल करने के चलते ट्रांसफार्मर खराब हो रहे हैं जबकि हकीकत कुछ और ही है।
करता है कूलिंग का काम
बेसिकली तेल का काम कूलिंग और एंसुलेशन का होता है, जो ट्रांसफार्मर के बढ़ते टेम्प्रेचर को कंट्रोल कर सेफ रखता है। अगर तेल की मात्रा पर्याप्त रहे तो ट्रांसफार्मर के खराब होने की संभावना न के बराबर हो जाती है, मगर ट्रांसफार्मर से तेल चोरी होने की घटना ने लोकल फॉल्ट की घटनाओं में काफी इजाफा कर दिया है।
ट्रांसफार्मर से तेल चोरी एक गंभीर समस्या है। तेल चोरी की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज करायी जाती है। इस तरह की घटना न हो इसके लिए स्थानीय लोगों का सपोर्ट भी मिलना जरूरी है।
-संदीप कुमार, एक्सईएन, बिजली विभाग