- ऑफर्स नहीं क्वालिटी का ध्यान देकर करें शॉपिंग

- फेस्टिव सीजन में भारी पड़ सकता है ऑफर्स का फायदा उठाना

BAREILLY: ब्रांडेड हो या फिर नॉन ब्रांडेड फेस्टिव सीजन में हर शॉप में ऑफर्स की झड़ी लगी हुई है। ऑफर्स को भुनाने के लिए शहरवासियों के बीच काफी होड़ है। दशहरा-दीपावली स्पेशल ऑफर्स की आड़ में शॉप ओनर्स मोटी कमाई कर रहे हैं। इसका अंदाजा हर रोज मार्केट में हो रहे करोड़ों रुपए के टर्न ओवर से लगाया जा सकता है, मगर ये मोटा मुनाफा कई बार कस्टमर्स का 'घाटा' कराकर किया जाता है। अक्सर शॉप ओनर्स ऑफर्स की आड़ में घटिया माल कस्टमर्स को थमा देते हैं। ऐसे में ऑफर्स के चक्कर में कहीं आप अपनी मेहनत की कमाई वेस्ट न कर दें, इसके लिए बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। शॉपिंग करते वक्त टीआईएन, मॉडल नंबर जैसी छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर ऑफर्स के मोह में आकर ठगने से बच सकते हैं।

ऑफर्स के टैग में लुट न जाए

फेस्टिव सीजन में कंपनियां और शॉप ओनर्स डिफरेंट प्रोडक्ट्स की खरीद पर 20 से 50 परसेंट तक डिस्काउंट दे रहे हैं। इसके साथ की अट्रैक्टिव गिफ्ट, स्क्रैच कार्ड, एक्सचेंज जैसे तमाम ऑफर्स कस्टमर्स को लुभाने के लिए चल रहे हैं। लेकिन असल में ऑफर्स की आड़ में दुकानदार अलग ही खेल खेलने में लगे हैं। ओनर्स मार्केट में पुराना सामान, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस, सर्विस में कमी, प्राइस से ज्यादा पैसे लेना या फिर सब स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को बेच रहे हैं। कस्टमर्स भी ऑफर्स के मोह में आकर सामान की क्वालिटी पर उतना ध्यान नहीं देते। इसका खामियाजा उन्हें प्रोडक्ट्स खरीदने के बाद भुगतना पड़ता है। सिटी में जिस तेजी से ब्रांडेड कंपनियों के शोरूम ने आकार लिया है उतनी ही तेजी से हूबहू प्रोडक्ट वाले आउटलेट्स ने भी पैर पसारे हैं। ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के बढ़ते दाम की वजह से मार्केट में सस्ते और नकली प्रोडक्ट्स को पिछले कुछ सालों में काफी हवा मिली है।

TIN नंबर है जरूरी

किसी भी शॉप से शॉपिंग करते समय कस्टमर को टैक्स आईडेंटीफिकेशन नंबर (टीआईएन) पर बेहद ध्यान देने की जरूरत है। प्रत्येक रजिस्टर्ड शॉप का अपना एक टीआईएन होता है। प्रोडक्ट्स की खरीद पर शॉप ओनर जो रसीद काट कर देते हैं, उस पर टीआईएन लिखा होता है। इस नंबर को नेट पर सर्च कर शॉप के बारे में पूरी डिटेल मालूम की जा सकती है। यह टीआईएन उन्हीं शॉप को प्रोवाइड कराए जाते हैं, जो सेल टैक्स डिपार्टमेंट से रजिस्टर्ड होते हैं। जबकि अनऑथोराइज्ड शॉप द्वारा दिए जाने वाले रसीद पर यह नंबर नहीं होता है। अगर होता भी है तो नेट पर शॉप की कोई डिटेल मौजूद नहीं होती है।

मॉडल नंबर भी मस्ट

ऑफर्स के आड़ में गलत प्रोडक्ट्स बेच रहे शॉप ओनर प्राय: कस्टमर्स को पक्की रसीद देने से बचते हैं। ऐसे में फर्जी रसीद पर टीआईएन मैच नहीं करने पर मॉडल नंबर से भी प्रोडक्ट की हकीकत जानी जा सकती है। मॉडल नंबर से भी रिलेटेड कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर पता किया जा सकता है कि प्रोडक्ट ओरिजनल है कि नहीं।

कई पर हो चुकी है कार्रवाई

मानक के अनुरूप प्रोडक्ट्स न बेचने पर लीगल मैट्रोलॉजी डिपार्टमेंट कई शॉप ओनर्स के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। इस वित्तीय वर्ष में लीगल मेट्रोलॉजी ऑफिसर्स द्वारा पैकेज्ड कम्युडिटी रूल्स के तहत टोटल क्क्8 लोगों पर कार्रवाई की गई। जबकि भ्ब् शॉप और शोरूम ओनर्स से जुर्माना वसूल किया जा चुका है। इनमें ब्रांडेड और नॉनब्रांडेड दोनों ही कंपनियां शामिल हैं।

इन बातों का ध्यान दें

- भरोसेमंद शॉप से से ही किसी प्रोडक्ट की खरीदारी करें।

- पक्की स्लिप लेना ना भूलें।

- ऑफर्स के चक्कर में न पड़कर प्रोडक्ट की क्वॉलिटी को परखें।

- प्रोडक्ट की मदर कंपनी चेक करें।

- एक्सपायरी डेट, मैनुफैक्चरिंग डेट, रेट-वेट, एड्रेस और कोई भी प्रोडक्ट वेट कर देखा जा सकता है।

जांच में कई ब्रांडेड कंपनियों के प्रोडक्ट भी मानक से कम पाए गए हैं। कस्टमर्स को सावधान रहने की जरूरत है। कस्टमर्स को प्रोडक्ट की जांच कर सामान की शॉपिंग करनी चाहिए। संदेह होने पर इसकी कंप्लेन विभाग में करें।

बीके जिज्ञासु, सीनियर इंस्पेक्टर, लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट

कस्टमर्स को बेहद अवेयर होने की जरूरत है। टीआईएन और मॉडल नंबर के जरिए प्रोडक्ट्स और शॉप के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।

-अनुराग अग्रवाल, सेक्रेटरी, भ्ब् सिविल लाइंस मार्केट