पोस्टर, बैनर और झंडों से पटा
ओथ सेरेमनी के लिए कैंपस के क्रिकेट ग्राउंड में बड़े पैमाने पर पंडाल बनाया गया था। पंडाल के अंदर और बाहर बड़े पैमाने पर स्टूडेंट्स लीडर्स और सपा के नेताओं के पोस्टर, बैनर और पार्टी के झंडे लगाए गए। यही नहीं कैंपस के बाहर सिटी के प्रमुख एरियाज का भी यही हाल था। एक बारगी नजर डालें तो यह किसी राजनीतिक पार्टी की बड़ी रैली सरीखा ही था।
डॉ। बीबी लाल ने दिलाई शपथ
ओथ सेरेमनी में चुनाव अधिकारी डॉ। बीबी लाल ने जनरल सेक्रेट्री हृदेश यादव, वाइस प्रेसीडेंट विनोद जोशी समेत बाकी फैकल्टी के रिप्रेजेंटेटिव्ज को पद और गेपनीयता की
शपथ दिलाई। इस दौरान चीफ गेस्ट के रूप में सपा के जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव,
सपा नेता अनिल शर्मा, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह, चीफ प्रॉक्टर डॉ। जोगा सिंह समेत कॉलेज का स्टाफ और सपा के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
5 को भी होगा शपथ ग्रहण
अब एक और ओथ सेरेमनी ऑर्गनाइज करने की तैयारी है। 5 दिसम्बर को एसएफआई की मंजीत कौर पुस्तकालय मंत्री के पद की शपथ लेंगी। मंडे को उन्होंने शपथ ग्रहण का बहिष्कार कर दिया। इससे पहले फस्र्ट टाइम हुई ओथ सेरेमनी में केेवल यूनियन केे प्रेसीडेंट जवाहर लाल ने शपथ ली थी। जिसमें बाकी किसी भी इलेक्टेड कैंडीडेट्स को इंवाइट नहीं किया गया था। अब तीसरी बार की ओथ सेरेमनी में केवल मंजीत को ही शपथ दिलाई जाएगी। एसएफआई ने प्रिंसिपल से मंजूरी भी ले ली।
SFI ने किया boycott
यूनियन के पुस्तकालय मंत्री के पद पर एसएफआई की मंजीत कौर को भी शपथ ग्रहण करना था। इस दौरान एसएफआई के कई मेंबर्स भी मौजूद थे। लेकिन जिस तरह से ओथ सेरेमनी को राजनीतिक रंग दिया गया उस पर एसएफआई के मेंबर्स ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने प्रिंसिपल से अपना विरोध जताया। बाद में उन्होंने ओथ सेरेमनी का बायकॉट करते हुए शपथ ग्रहण करने से मना कर दिया। मंजीत समेत सभी एसएफआई मेंबर्स सेरेमनी स्थल से अपने गेस्ट्स के साथ वापस लौट गए।
'कॉलेज की है पॉलिटिक्स'
कई स्टूडेंटस लीडर्स ने कॉलेज मैनेजमेंट पर ही राजनीति करने का आरोप लगाया। एसएफआई, एबीवीपी समेत दूसरे लीडर्स ने ओथ सेरेमनी को राजनीतिक रंग देने पर कड़ी आपत्ति जताई। यूनियन के प्रेसीडेंट व एबीवीपी के जवाहर लाल ओथ सेरेमनी का बहिष्कार करते हुए उसमें शामिल नहीं हुए। प्रदेश मंत्री दीपक ऋषि, यशवंत सिंह, दुष्यंत समेत दूसरे मेंबर्स ने सेरेमनी को स्टूडेंट्स के साथ भद्दा मजाक बताया। उन्होंने कहा कि यूनियन फंड के रुपयों से ऐसी सेरेमनी पर फिजूल खर्चा किया जा रहा है। वहीं एसएफआई के विराट कन्नौजिया ने कहा कि कॉलेज प्रिंसिपल ने इसे यूनियन का फंक्शन न बनाकर राजनीतिक आखाड़ा बना दिया। स्टूडेंट लीडर ओमकार पटेल ने प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह इस तरह की राजनीति पहले से ही करते आए हैं और स्टूडेंट्स लीडर्स में फूट डालते हैं।