-- सीबीएसई के इंटरनेशनल करिकुलम को यूजीसी ने दी मान्यता

- -यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज में एडमिशन के लिए कोर्स को करना होगा रिकगनाइज्ड

BAREILLY: सीबीएसई के इंटरनेशनल करिकुलम को अब यूजीसी से भी रिकगनिशन मिल गई है। इस कोर्स से पासआउट स्टूडेंट्स देश के किसी भी यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज में एडमिशन ले सकते हैं। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को लेटर जारी कर इस कोर्स को एडमिशन के लिए रिकगनाइज्ड करने का निर्देश जारी किया है। साथ ही इस कोर्स के प्रति सभी कॉलेजेज में अवेयर करने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे इस कोर्स से पासआउट किसी भी स्टूडेंट को देश के किसी भी यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज में एडमिशन के समय रूल्स को लेकर प्रॉब्लम ना हो।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू

सीबीएसई ने यह इंटरनेशनल कोर्स पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया था। अभी पहले चरण में केवल अब्रोड स्कूल्स में ही इस कोर्स को लागू किया गया। एकेडमिक सेशन ख्0क्0-क्क् से मिडल ईस्ट और साउथ एशिया के ख्भ् स्कूल्स में यह कोर्स शुरू किया गया। इस कोर्स का पहला बैच अब पासआउट होने वाला है।

किस तरह का है कोर्स

सीबीएसई का इंटरनेशनल कोर्स काफी अलग तरह का है। यह स्कि्ल बेस्ड करिकुलम पर आधारित है, जिसमें रिसर्च ओरिएंटेशन और सोशल इम्पॉवरमेंट पर ज्यादा जोर दिया गया है। इस कोर्स में प्रैक्टिकल मैथड को एप्लिकेबल बना गया है, जिससे स्टूडेंट्स विश्व के सोशल, पॉलीटिकल इकोनॉमिक और एनवायरमेंट इश्यूज के प्रति सोचने, समझने और परखने की स्किल्स डेवलप कर सकें।

रिकगनिशन पॉलीसी में करें शामिल

यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को यह निर्देश दिया है कि वे अपनी रिकगनिशन पॉलिसी में इस कोर्स के करिकुलम में शामिल कर लिया जाए, जिससे इस कोर्स से पासआउट स्टूडेंट्स को आसानी से एडमिशन दिया जा सके। इससे पहले ऑल इडिया एसोसिशन ऑफ यूनिवर्सिटी ने भी इस कोर्स को एडमिशन के लिए अपनी तरह से मान्यता प्रदान कर दी थी।

मान्यता के बाद अब इंडियन स्कूल्स

यूजीसी से मान्यता मिलने और पायलट प्रोजेक्ट के तहत विदेशों के स्कूल्स में कंडक्ट करने के बाद सीबीएसई अब इंडियन स्कूल्स में भी इस कोर्स को लागू करने जा रही है। जल्द ही इसके बारे में नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा। धीरे-धीरे चार चरणों में इस कोर्स को इंटर तक लागू किया जाएगा।