बरेली(ब्यूरो)। प्रधानमंत्री की उड़ान की परिकल्पना को साकार करने के लिए बरेली एयरपोर्ट हर संभव प्रयास कर रहा है। &उड़ान&य अर्थात उड़े देश का आम नागरिक योजना के तहत ही बरेली एयरपोर्ट चार दशक के बाद 8 मार्च 2021 को वजूद में आ पाया। दो साल के भीतर ही यहां से दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू और जयपुर को नियमित फ्लाइट संचालित हो रही है। इसमें अब जल्दी देश के दूसरे बड़े शहर भी जुडऩे वाले हैं। इसके लिए बरेलियंस को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एयरपोर्ट के डायरेक्टर के अनुसार उन्हें यहां से चेन्नई, हैदराबाद, पूणे और सूरत जैसे बड़े शहरों को भी एयर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी।

टैक्सी-वे से होगा विस्तार
बरेली एयरपोर्ट से उड़ान का दायरा बढ़ाने की प्रक्रिया पर तेजी से अमल भी हो रहा है। एयर फोर्स के रन-वे पर उतरने वाले सिविल प्लेन के यहां तैयार हो रहा टैक्सी-वे इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। यह टैक्सी-वे एयरबस-320 व 321 जैसे बड़े पैसेंजर प्लेन्स के स्टैंडर्ड का बन रहा है। इस
टैक्सी-वे काम बारिश के बाद पूरा होगा। इसके बाद एयरफोर्स के रन-वे पर उतरने वाले सभी सिविल प्लेन इस टैक्सी-वे से होकर एयर पोर्ट के एप्रिन में पार्क होने लगेंगेे। इससे पैसेंजर्स को अपने डेस्टिनेशन के प्लेन में सवार होने में मात्र आधा घंटा ही लगेगा।

बढ़ेगी स्टेट कनेक्टिविटी
बरेली को उड़ान की सौगात मिलने के बाद बरेलियंस के लिए दिल्ली, जयपुर, मुंबई और बैंगलुरू जैसे अदर स्टेट के बड़े शहर बहुत दूर नहीं रह गए। यही वजह है कि इन शहर को संचालित नियमित उड़ान पूरी तरह सफल है। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी का पूरा फोकस स्टेट कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। इसमें चेन्नई, आन्ध्रप्रदेश, गुजरात के बड़े शहर जल्दी ही शामिल हो जाएंगे।

सभी को होगा फायदा
बरेली एयरपोर्ट से हैदराबाद, चेन्नई, पूणे और सूरत को फ्लाइट सर्विस शुरू होने का फायदा हर वर्ग के लोगों को मिलेगा। बरेली से हैदराबाद और पूणे आईटी सेक्टर के प्रोफेशनल्स अधिक ट्रैवल करते हैं। इसके अलावा आईटी, मेडिकल या दूसरे प्रोफेशनल कोर्सेस की स्टडी करने वाले स्टूडेंट्स भी इन शहरों का रुख करते हैं। चेन्नई और सूरत से कारोबारियों और नौकरीपेशा लोगों का ज्यादा वास्ता रहता है। रोजगार के लिए यहां से हजारों युवक गुजरात के अलग-अलग शहरों को जाते हैं। बरेली एयरपोर्ट से इन शहरों को सीधी फ्लाइट होने से सभी को फायदा होगा।

शॉर्ट डेस्टिनेशन पर उड़ान की उम्मीद कम
बरेली से दिल्ली को उड़ान शुरू होने के बाद ही लखनऊ और प्रयागराज को भी यहां से उड़ान शुरू कराने की मांग उठ रही थी। लखनऊ को तो जल्दी ही उड़ान शुरू होने की बात भी कही जा रही थी, पर दो साल बाद भी यह संभव नहीं हो सका। अब इसकी उम्मीद भी नहीं है। इसके पीछे मुख्य वजह रोड कनेक्टिविटी बेहतर होना है। दिल्ली-बरेली-लखनऊ हाईवे सिक्स लेन होने से बाई रोड इन शहरों की दूरी अब चार घंटे तक में पूरी हो जा रही है। हाई-वे बेहतर होने से बाई रोड स्टेट के दूसरे शहरों तक पहुंचना भी आसान हो गया है। यही वजह है कि अब शॉर्ट डेस्टिनेशन पर उड़ान संचालित करना कंपनियों के लिए भी फायदे का सौदा नहीं है।

पैसेंजर्स ऑक्यूपेंसी 85 परसेंट
बरेली एयरपोर्ट से उडऩे वाली फ्लाइट्स को भरपूर पैसेंजर्स मिल रहे हैं। इन फ्लाइट्स की पैसेंजर्स ऑक्यूपेंसी 85 परसेंट तक पहुंंच रही है। हवाई सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां इससे खासी उत्साहित हैं। यही वजह है कि इंडिगो के अलावा दूसरी कंपनियां भी यहां उड़ान में संचालित करने में दिलचस्पी ले रही हैं।

बोले अधिकारी
बरेली एयरपोर्ट से अभी तक चार डेस्टिनेशंस पर फ्लाइट सर्विस कंटिन्यू है। यहां से अब हैदराबाद, चेन्नई, पूणे और सूरत को भी फ्लाइट्स सर्विस शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए टैक्सी-वे भी तैयार हो रहा है। उम्मीद है जल्दी ही इन शहरों तक एयर कनेक्टिविटी मिल जाएगी।
अवधेश अग्रवाल, डायरेक्टर, बरेली एयरपोर्ट