बरेली (ब्यूरो)। घर-घर पाइप लाइन से गैस सप्लाई की सुविधा बरेलियंस को खासी भाई है। यही वजह है कि वर्ष 2007 से शहर में शुरू हुई पीएनजी की सर्विस अब शहर के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच गई है। वर्तमान में शहर के 40 हजार घरों के किचन में इसी नेचुरल गैस से चूल्हा जल रहा है। इस गैस ने एक तरफ जहां लोगों को एलपीजी की शॉर्टेज की समस्या से निजात दिलाई है वहीं शहर के एनवायरमेंट में पॉल्यूशन को भी काफी हद तक कंट्रोल किया है। शहर में सीएनजी सप्लाई की सर्विस देने वाली कंपनी अब इस सर्विस का शहर से बाहर भी विस्तार करने जा रही है। इस तरह 15 साल बाद यह गैस सर्विस शहर की सीमा को लांघेघी।
फरीदपुर तक है कंपनी का एरिया
बरेली में सीएनजी सप्लाई का कांटे्रक्ट सीयूजीएल कंपनी के पास हैै। इस कंपनी को सीधे गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) से गैस की सप्लाई पहुंचती है। यही वजह है कि कंपनी बरेली शहर में अपने कंज्यूमर्स को निर्बाध गैस सप्लाई उपलब्ध करा पाती है। कंपनी को गैस सप्लाई के लिए जो एरिया आवंटित है, उसमें बरेली शहर के साथ फरीदपुर भी शामिल है। इससे कंपनी फरीदपुर तक ही अपनी पीएनजी सप्लाई का विस्तार कर सकती है। शहर में अपनी सर्विस के 15 साल पूरा करने बाद कंपनी अब पीएनजी को फरीदपुर में घर-घर पहुंचाने की कवायद कर रही है।
एनएचएआई से एनओसी का इंतजार
बरेली सैटेलाइट से फरीदपुर तक गैस लाइन बिछाने में नेशनल हाईवे सबसे बड़ी बाधा है। हाईवे किनारे ही कंपनी को अपनी पाइप लाइन बिछाकर फरीदपुर तक गैस पहुंचानी है। इसके लिए कंपनी से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी मांगी है। एनओसी मिलते ही कंपनी गैस पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर देगी। काम पूरा होने के बाद फरीदपुर में घरों तक पाइप लाइन के जरिए गैस पहुंचाने का काम शुरू होगा। इसके बाद जल्द ही यहां भी लोगों के घरों में इसी नेचुरल गैस से चूल्हे जलने लगेंगे।
जहां नहीं पहुंंच सकती फायर ब्रिगेड वहां कनेक्शन नहीं
पीएनजी सप्लाई के लिए कंपनी हंड्रेड परसेंट मानक को फॉलो करती है। यही वजह है कि कंपनी उन एरिया में अपनी पीएनजी लाइन नहीं डालती है, जहां आग लगने की घटना होने पर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच सकती है। शहर में भी ऐसी घनी आबादी वाली बस्तियों में पीएनजी की सप्लाई नहीं है। फरीदपुर कस्बे में भी कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां फायर ब्रिगेड तो छोड़ो फोर व्हीलर तक आसानी से नहीं जा सकता है। ऐसे में यहां के लोग चाह कर भी पीएनजी की सुविधा का लाभ नहीं ले सकेंगे। यहां के लोगों के घरों में हमेशा ही एलपीजी से ही चूल्हे जलेंगे।
पीएनजी अधिक सुरक्षित
एक्सपट्र्स का मानना है कि पीएनजी एलपीजी से अधिक सुरक्षित है। पीएनजी के अधिक सुरक्षित होने का कारण इस गैस का हवा से हल्का होना है। हल्की होने से यह गैस हवा में ऊपर को उड़ जाती है। इससे घरों में गैस लीकेज होने पर भी आग लगने आशंका कम रहती है। इसके इतर एलपीजी को हवा से भारी बताया जाता है। इसके चलते लीकेज होने पर यह गैस हवा में नीचे बैठ जाती है। इससे आग लगने की आशंका भी अधिक रहती है।
पीएनजी होने पर एलपीजी की जरूरत
पीएनजी से जिन घरों में चूल्हे जलते हैं, वहां कभी गैस सप्लाई बंद होने पर खाने के भी लाले पड़ जाते हैं। ऐसे में एलपीजी से ही चूल्हा जलता है। शहर में गैस पाइप लाइन डैमेज होने की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। इससे घंटों सप्लाई बंद होने का अनुभव भी कनेक्शन होल्डर्स ले चुके हैं। यही वजह है कि शहर में पीएनजी कनेक्शन होल्डर्स भी अपने घरों में एक एलपीजी सिलेंडर और इसका चूल्हा स्टैंडबाय में रखते हैं।
शहर में कामर्शियल व इंडस्ट्रियल कनेक्शन
नेचुरल गैस सप्लाई करने वाली कंपनी ने शहर में अपना नेटवर्क रेसिडेंशिल एरिया के साथ इंडस्ट्रियल एरिया तक फैलाया है। यही वजह है कि कंपनी के शहर में 40 हजार डोमेस्टिक कनेक्शन होल्डर्स के साथ ही 120 कामर्शियल और 20 इंडस्ट्रियल कनेक्शन होल्डर हैं। कंज्यमर्स को यह गैस एलपीजी से सस्ती पड़ रही है। इससे उन्हें गैस पर हर महीने खर्च होने वाली रकम में थोड़ी राहत जरूर मिल जाती है।
फैक्ट एंड फिगर
40 हजार डोमेस्टिक पीएनजी कनेक्शन
120 कामर्शियल कनेक्शन धारक
20 इंडस्ट्रियल कनेक्शन होल्डर्स हैं शहर में
वन विभाग और एनएचएआई से परमिशन मांगी है। परमिशन की प्रक्रिया पूरी होते ही फरीदपुर में पीएनजी की लाइन बिछाई जाएगी। ताकि फरीदपुर के निवासियों को भी पीएनजी की सप्लाई मिल सके।
मंसूर अली, जीएम सीयूजीएल