बरेली(ब्यूरो)। ट्रांसपोर्ट व्यापार से जुड़े लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब वाहनों की फिटनेस के लिए उन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। यदि आपके वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो रहा है तो भी आपका सफर जारी रहेगा। ऐसे में जिस राज्य या जिले में आपके वाहन का फिटनेस खत्म हुआ है, अब उस राज्य या जिले के आरटीओ ऑफिस जा कर ही आप वाहन की फिटनेस दुरुस्त करा सकेंगे।

एटीएस का मांगा प्रस्ताव
आरटीओ-ई दिनेश कुमार ने बताया कि पिछले दिनों परिवहन विभाग की कैबिनेट बैठक में मोटर नियमावली 1998 के नियम 39 में संशोधन कर इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद इस सुविधा को धरातल पर उतारने के लिए ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं, लेकिन अभी तक जिले से किसी ने प्रस्ताव नहीं दिया है। एटीएस बनने के बाद इस सुविधा का लाभ कॉमर्शियल वाहन स्वामियों को मिलना शुरू हो जाएगा।

यह होगी अनिवार्यता
आरटीओ अधिकारियों के अनुसार यदि एक बार किसी दूसरे जिले या राज्य में फिटनेस टेस्ट कराया तो अगली बार अपने मूल पंजीकृत जिले में ही यह परीक्षण करवाना अनिवार्य होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि यह सुविधा शुरू होने के बाद से आरटीओ अधिकारियों के कार्य का बोझ भी कुछ कम होगा। वहीं आरटीओ अधिकारियों पर लगने वाले फिटनेस के लिए घूस लेने के आरोपों से भी राहत मिल सकेगी।

मिलेगी यह सुविधा
इस सुविधा का लाभ सिर्फ कॉमर्शियल वाहनों को ही मिल सकेगा, क्योंकि कॉमर्शियल वाहन ही दूसरे जिलों और राज्यों में जाते हैं। दरअसल कॉमर्शियल वाहनों का तीन-तीन और दो-दो वर्ष में फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है। उन की परेशानी दूर करने के लिए वाहनों को रजिस्ट्रेशन वाले जनपद के अलावा किसी दूसरे जिले और राज्य में भी फिटनेस टेस्ट कराने की सुविधा देने के लिए यह नियम लागू किया है।

स्क्रैप कराने पर मिलेगी छूट
आरटीओ-ई दिनेश कुमार ने बताया कि अब पुराने निजी व व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप कराने पर उस के बकाया शुल्क में छूट मिलेगी। इस छूट का लाभ तभी मिलेगा, जब छूट के बाद बची देय धनराशि को एकमुश्त जमा किया जाएगा। ऐसे वाहनों पर लगे जुर्माने पर शत-प्रतिशत छूट का प्रस्ताव पहले ही मंजूर किया जा चुका है.यदि पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सेंटर में कोई अपने वाहन को कबाड़ कराता है तो उस वाहन के बकाया शुल्क पर छूट दी जाएगी।


यह सुविधा ट्रांसपोर्टरों के लिए काफी अच्छी है। ट्रक दूसरे राज्यों में फंस जाते हैं। यदि ऐसे में फिटनेस एक्सपायर हो जाती थी तो सफर के दौरान आरटीओ द्वारा पकड़े जाने पर चालान कट जाता था। साथ ही हादसा होने पर क्लेम भी नहीं मिल पाता था। ऐसे में इस सुविधा का काफी लाभ मिल सकेगा।
रविंद्र सिंह, ट्रांसपोर्टर, दीपक ट्रांसपोर्ट एजेंसी

दस दिन पहले फिटनेस की एडवांस लेने पड़ती थी। लेकिन अब इस सुविधा से ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को काफी लाभ मिल सकेगा। साथ ही समय और पैसे की भी बचत होगी।
अंकुर सहगल, ट्रांसपोर्टर, बरेली सहगल रोडवेज

परिवहन विभाग की कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। जल्द ही प्रस्ताव को लागू किया जाएगा। विभाग ने एटीएस के प्रस्ताव मांगे हैं। एटीएस बनने के बाद जिले में यह सुविधा मिल सकेगी।
दिनेश कुमार, आरटीओ-ई,