बरेली कॉलेज के नॉन परमानेंट टीचर्स ने किया विरोध
नियुक्तियों को लेकर गवर्नमेंट के जीओ को बताया असंवैधानिक
BAREILLY: डिग्री कॉलेजेज में खाली पड़े टीचर्स के पदों पर रिटायर्ड टीचर्स की नियुक्ति पर अब विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। बरेली कॉलेज के नॉन परमानेंट टीचर्स इन नियुक्तियों के विरोध में उतर आए हैं। वे गवर्नमेंट के जीओ को असंवैधानिक बता रहे हैं। रिटायर्ड टीचर्स को मौजूदा में पढ़ाने वाले नॉन परमानेंट टीचर्स से ज्यादा मानेदय मिलेगा, इसका भी मौजूदा नॉन परमानेंट टीचर्स विरोध कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में इस जीओ के खिलाफ विरोध के स्वर बरेली से ही उठे हैं। नॉन परमानेंट टीचर्स ने हायर एजुकेशन ऑफिसर को ज्ञापन सौंप कर इसका विरोध किया है। साथ ही इसकी कॉपी प्रमुख सचिव व डायरेक्टर, उच्च शिक्षा को भी भेजी है।
क्या है पूरा मसला
स्टेट के गवर्नमेंट और एडेड डिग्री कॉलेजेज में सैकड़ों टीचर्स के पद खाली पड़े हैं। हर वर्ष टीचर्स रिटायर्ड होते हैं, लेकिन उनके सापेक्ष आयोग की तरफ से टीचर्स की नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। इसका नतीजा यह है कि वर्षो से टीचर्स के पद खाली पड़े हैं। कई कॉलेजेज ने अपने स्तर से नॉन परमानेंट टीचर्स की नियुक्तियां कर किसी तरह से काम चला रहे हैं। इन टीचर्स को 11 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है, लेकिन निर्धारित मानदेय से आधे से भी कम दिया जाता है। यही नहीं इनको पूरे 11 महीने की भी सैलरी नहीं दी जाती। हाल ही में स्टेट गवर्नमेंट ने एक जीओ पास किया है, जिसके अंतर्गत डिग्री कॉलेजेज में रिटायर्ड टीचर्स 70 वर्ष की एज तक पढ़ा सकते हैं। फिलहाल टीचर्स 62 वर्ष में रिटायर हो जाते हैं। अब वे 8 वर्ष तक और पढ़ा सकते हैं। उन्हें पद के अनुसार 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से मानदेय भी दिया जाएगा।
90 रिटायर्ड टीचर्स का अप्रूवल
संडे को बीसीबी में हायर एजूकेशन ऑफिसर एके गोयल की अध्यक्षता में मीटिंग की गई। इसमें बीसीबी के प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह भी मौजूद रहे। मीटिंग में रिटायर्ड टीचर्स के प्रपोजल मांगे गए। मीटिंग में रिटायर्ड टीचर्स भी मौजूद रहे। एक अनुमान के मुताबिक बरेली मंडल में करीब 90 रिटायर्ड टीचर्स का प्रपोजल तैयार किया गया है, जिनको अप्रूवल के लिए शासन को भेज दिया जाएगा। अप्रूवल के बाद वे पूर्व की भांति अपने पुराने कॉलेज में ही फिर से पढ़ाने लग जाएंगे। इसमें अकेले बरेली कॉलेज के करीब 60 रिटायर्ड टीचर्स शामिल हैं।
मीटिंग के दौरान ही शुरू हो गया विरोध
बीसीबी के कंप्यूटर हॉल में मीटिंग चल रही थी, तो दूसरी तरफ बीसीबी के नॉन परमानेंट टीचर्स विरोध पर उतर आए। यह विरोध के स्वर उसी दिन से भड़कने लगा था जब रिटायर्ड टीचर्स की नियुक्ति की बात चलने लगी थी। संडे को जब इसे अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया चल रही थी तो विरोध के स्वर मुखर हो गए। मीटिंग खत्म होने के बाद कॉलेज के नॉन परमानेंट टीचर्स डॉ। वाईके सिंह, डॉ। ओमकार पटेल, डॉ। राजीव यादव, डॉ। विकास पांडेय, डॉ। राजेश कुमार, डॉ। अश्विनी कुमार, डॉ। राजेश कुमार दुबे, डॉ। जयप्रकाश समेत कई टीचर्स ने हायर एजूकेशन ऑफिसर को ज्ञापन सौंप कर इनकी नियुक्तियों को असंवैधानिक बताया। उन्होंने बताया कि उनका प्रकरण हाईकोर्ट में है, ऐसे में यह नियुक्तियां वैध नहीं हो सकतीं। वहीं जो निर्धारित मानदेय रिटायर्ड टीचर्स के लिए तय की गई है वही मानदेय उन्हें भी मिलना चाहिए। जबकि उन्हें निर्धारित मानदेय कभी नहीं दिया जाता।
UGC के नियमों के खिलाफ है नियुक्तियां
कई रिटायर्ड टीचर्स की नियुक्तियां यूजीसी के नियमों के खिलाफ हैं। जो नियम परमानेंट टीचर्स की नियुक्तियों के लिए निर्धारित हैं वही नियम नॉन परमानेंट टीचर्स के लिए भी लागू होते हैं। लेकिन इनकी नियुक्तियों में यूजीसी के नियमों की घोर अनदेखी की जा रही है। यूजीसी के अनुसार टीचर के लिए नेट व जेआरएफ अनिवार्य है। यदि टीचर की पीएचडी यूजीसी रेगुलेशंस ख्009 के अनुरूप है तो ऐसी सूरत में नेट व जेआरएफ अनिवार्य नहीं हैं। लेकिन अधिकांश रिटायर्ड टीचर्स ना तो नेट पास हैं और ना ही उनके पास पीएचडी की डिग्री है।