- थर्सडे को प्रिंसिपल ने किया इंस्पेक्शन, पेरेंट्स से की बच्चों को कैंपस भेजने की अपील

BAREILLY: बरेली कॉलेज के यूजी कोर्सेस में एडमिशन प्रोसेस अपने आखिरी चरण पर है। काउंसलिंग प्रोसेस बस कुछ और दिन चलेगी। पिछले एक महीने से चली आ रही काउंसलिंग में हजारों स्टूडेंट्स के एडमिशन हो चुके हैं, लेकिन क्लासरूम में क्0 स्टूडेंट्स भी पढ़ाई करने नहीं आ रहे। थर्सडे को प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने जब क्लासरूम का इंस्पेक्शन किया तो उन्हें टीचर्स तो पढ़ाते मिले लेकिन स्टूडेंट्स की संख्या ना के बराबर थी। इस पर उन्होंने पेरेंट्स से अपने बच्चों को कैंपस में भेजने की अपील की है।

किसी में दो तो कहीं चार स्टूडेंट्स

बीसीबी के बीए, बीकॉम और बीएससी में एडमिशन के लिए काउंसलिंग शुरू हुए एक महीने का समय बीत चुका है। काउंसलिंग अभी चल रही है लेकिन करीब ब्,000 स्टूडेंट्स के एडमिशन हो चुके हैं। फ‌र्स्ट ईयर के क्लासेस शुरू हुए एक वीक हो चुका है, लेकिन अभी से स्टूडेंट्स ने क्लासेस से दूरी बना ली है। प्रिंसिपल ने थर्सडे को क्लासेस का इंस्पेक्शन किया तो एक-दो स्टूडेंट्स ही क्लास में पढ़ते मिले। बाकी क्लासेज खालीं थीं। बीएससी फ‌र्स्ट ईयर में जूलॉजी के डॉ। अंजु महेंद्रू क्लास में पढ़ाते मिले। इस क्लास में महज दो ही स्टूडेंट्स बैठे थे। वहीं एमएससी फ‌र्स्ट ईयर की एक क्लास में केवल ब् स्टूडेंट्स ही टीचर्स का लेक्चर सुन रहे थे। यह देखकर प्रिंसिपल शॉक हो गए। जब साइंस की क्लास में यह हाल है तो बाकी कोर्सेस की क्लासेस का हाल तो और बुरा होगा।

कार्रवाई हुई तो स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी

प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने इस सिचुएशन पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि जब टीचर्स क्लास में आने को तैयार हैं तो स्टूडेंट्स को भी दिलचस्पी लेनी होगी। यदि स्टूडेंट्स आते हैं और टीचर नहीं आते तब वे उनसे कंप्लेन कर सकते हैं। उन्होंने पेरेंट्स से अपील की है कि वे अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करें और स्टूडेंट्स को कॉलेज भेजें। क्लासेज में नहीं आने पर उन पर कार्रवाई भी हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी केवल स्टूडेंट्स पर होगी।

मंगाया टाइम टेबल

प्रिंसिपल ने सभी डिपार्टमेंट के हेड से क्लासेस का टाइम टेबल मांगा है। साथ ही उनको डिपार्टमेंट के बाहर चस्पा करने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे जब वह इंस्पेक्शन पर जाएं तो उन्हें मालूम हो सके कि उस वक्त कोई क्लास है कि नहीं और किस सब्जेक्ट की है।

सेशन के शुरुआत में ही स्टूडेंट्स का कैंपस में ना आना बहुत ही गंभीर स्थिति है। पेरेंट्स को यह सोचना होगा कि उन्हें अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कैंपस में भेजना चाहिए। तब टीचर्स क्लास में नहीं मिलते हैं तो मुझसे कंप्लेन कर सकते हैं।

- डॉ। सोमेश यादव, प्रिंसिपल, बीसीबी