5 महीने, 25 लगन
बैंड, बाजा और बैंक्वेट हाल already booked
कहने को तो इस सीजन में सहालग की शुरुआत 24 नवंबर को हो रही है। पर इस सीजन के शुरू होने के 6 महीने पहले से ही सिटी के बैंक्वेट हॉल, बैंड, बग्घी की बुकिंग हो चुकी है। खास बात यह है कि अब तो वेटिंग भी खत्म हो चुकी है। देवोत्थानी एकादशी से शुरू हो रही सहालग मार्च तक चलेगी। देवोत्थानी एकादशी के अबूझ सहालग होने की वजह से इस दिन तो सिटी में 500 से ज्यादा शादियां होनी हैं। वहीं, इस दिन तो बैंक्वेट हॉल तो दूर की बात है, मोहल्ले के ग्राउंड्स का खाली मिलना भी
मुश्किल होगा।
पंडित जी भी हैं busy
अब एक दिन में 500 शादियां होनी हैं तो मंत्र पढऩे के लिए पुरोहित तो जरूरी ही है। पर सिटी में इतने पुरोहित नहीं हैं कि वह एक दिन में ही इतनी शादियां अकेले करवा सकें। पुरोहितों की मानें तो उन्होंने इन शादियों क ो मैनेज करने के लिए वह आस-पास के क्षेत्रों में क ार्यरत उनके असिस्टेंट्स क ो भी बुला रहे हैं, ताकि जो भी यजमान उनसे शादी करवाना चाहते हैं, सभी जगह वह पहुंच सकें। वहीं पुरोहित जी का कहना है कि वह फेरों के समय मंडप में पहुंचने की कोशिश जरूर करेंगे। इसके अलावा अन्य रस्में उनके शिष्य ही पूरी करवा देंगे।
40 percent महंगी हुई शादी
बढ़ती महंगाई के बीच में शादी करना भी 40 परसेंट तक महंगा हो गया है। फिर चाहे वह बैंक्वेट हॉल की बुकिंग हो, केटरिंग या फिर वेडिंग ड्रेसेज और ज्वैलरी की खरीदारी। बिजनेस ओनर्स के मुताबिक , सिलेंडर्स के दाम अचानक बढऩे, किराने के सामान, सब्जियों के दाम बढऩे से सबसे ज्यादा इफेक्ट शादियों में होने वाली केटरिंग पर पडऩे वाला है। डीजल, लेबर आदि की कास्ट बढऩे से बैंक्वेट हाल या टेंट हाउस की बुकिंग कॉस्ट भी बढ़ी है। आंकड़ों में बात करें तो अब तक जिस बैंक्वेट हॉल की कैटरिंग के साथ कॉस्ट एक लाख रुपये थी, वह अब बढ़कर कैटरिंग के साथ तकरीबन 1.5 लाख रुपए हो गई है।
Market में भी हो रही तैयारियां
वेडिंग सीजन के लिए मार्केट भी तैयार है। जो लोग शादी की तैयारियों में लगे हैं, वह जल्द से जल्द अपनी तैयारियां पूरी कर रहे हैं। दूल्हे जहां अपने वेडिंग ड्रेस को फाइनल टच देने में लगे हैं वहीं दुल्हन का लहंगा भी तैयार हो रहा है। प्रिंटिंग प्रेस पर भी इस समय कार्ड छपवाने वालों की लाइन लगनी शुरू हो गई है। ज्वैलरी मार्केट में भी दुल्हन के लिए डिजायनर गहने मौजूद हैं। इस वेडिंग सीजन में शगुन के लिए तो गोल्ड खरीदा जा रहा है पर ऑन डिमांड तो डायमंड ही है।
इस सीजन में महंगाई काफी बढ़ चुकी है, वहीं शादी के लिए छह महीने पहले से ही टेंट और बैंक्वेट हॉल बुक हो चुके हैं। ऐसे में, इस समय तो बुकिंग हो ही नहीं सकती।
-गोपेश अग्रवाल, प्रेसीडेंट, बैंक्वेट एंड टेंट हाउस एसोसिएशन
इस बार 5 महीने में केवल 25 ही लगन हैं। ऐसे में हम लोगों की व्यस्तता काफी ज्यादा रहेगी। सभी यजमानों के घर जाना मुश्किल होगा, इसके लिए हम शिष्यों की सहायता लेंगे।
-डॉ। संजय सिंह, पुरोहित
बग्घी, लाइट, बैंड की बुकिंग पहले ही हो चुकी है। दूसरी बुकिंग केे चांस नहीं हैं। क्योंकि नई बग्घी तैयार कर पाना बहुत मुश्किल है। इसके लिए कुछ लोग दिन में बुकिंग कर रहें हैं।
-राजकुमार, लाइट एंड बग्घी ओनर