कभी होता था छुट्टी का दिन
लम्बी लाइन में खड़े होकर वोट देने को टाइम का वेस्टेज मानने वाली यूथ ब्रिगेड ने इस बार इलेक्शन में जोरदार भूमिका निभाने की तैयारी कर ली है। शहर के तमाम युवाओं ने 4 फरवरी को होने वाले इलेक्शन में वोट डालने का निर्णय कर लिया है। यही नहीं उन्होंने अपने आसपास के लोगों को भी इससे अवेयर करने का सोचा है। यह डेमोक्रेटिक कंट्री के लिए अच्छा है और यूथ की जवाबदेही को दर्शाता है।
मौका मत चूको
यूथ ब्रिगेड का मानना है कि करप्ट रिप्रेजेंटेटिव्ज इसलिए इलेक्ट हो जाते हैं क्योंकि कभी 100 परसेंट वोटिंग नहीं होती। कॉमन पीपुल्स को रिप्रेजेंट करने वाला कैसा हो, यह जिम्मेदारी उन पर ही होती है। जरूरी है कि लोग घर से बाहर आएं और वोट डालें। वोटिंग अगर सही और ज्यादा होगी तो फिर बरेलियंस को अपने लिए सही लीडर मिलेगा। यूथ ब्रिगेड ने तो यहां तक प्लान बना लिया है कि घर-घर जाकर लोगों को वोट डालने के लिए अवेयर करेंगे। यह मौका चूका तो फिर पांच साल बाद ही नंबर लगेगा। इसलिए यही मौका है.
चल रहे कई awareness program
-जीआरएम में पेरेंट्स के वोट डालने पर स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट में मिलेंगे माक्र्स।
-शहर के ग्रेविटी रॉकबैंड ने लोगों को अवेयर करने के लिए सॉन्ग प्रिपेयर किया है।
-अन्ना के सपोर्ट में उतरा यूथ घर-घर जा कर करेगा लोगों को वोट डालने के लिए जागरूक।
-यह सही मौका है बेस्ट कैंडिडेट्स को संसद में भेजना का।
Vote जरूर डालूंगा
अगर इस बार हम वोट ना डालकर पिकनिक मनाने में बिजी हो गए तो हमारी मेहनत की कमाई पर एक करप्ट इंसान पिकनिक मनाएगा। इतना ही नहीं वह देश के विकास में भी रुकावट बनेगा। इसलिए मैं तो वोट जरूर डालूंगा और अपने आसपास रहने वाले लोगों को भी वोटिंग करने के लिए अवेयर करूंगा। हमारा फैसला ही हमें देश के विकास से जोड़ेगा।
-सलभ शर्मा, बिजनेसमैन
पहले voting फिर honeymoon
बरेली में 4 फरवरी को वोटिंग होगी। मेरी शादी 3 फरवरी को है। मैंने तो अभी से डिसाइड कर लिया है कि शादी के बाद अपनी वाइफ को साथ लेकर वोट डालने जरूर जाऊंगा। हनीमून तो कुछ दिन बाद प्लान किया जा सकता है लेकिन वोटिंग का मौका 5 साल बाद मिलेगा। हमने अन्ना बैंड भी बनाया है, जिसके जरिए लोगों को वोटिंग के लिए अवेयर करेंगे।
-डॉ। अतुल शर्मा, प्रोफेशनल
ईमानदार को जाएगा vote
मैं हमेशा वोट करने जाता हूं। जहां तक बात है घूमने-फिरने की तो हम और किसी दिन भी आउटिंग प्लान कर सकते हैं लेकिन एक बार वोट डालने से चूके तो फिर पांच साल बाद ही मौका मिलेगा। राजनीति में ज्यादातर करप्शन से लिप्त लोग शामिल हैं। इसलिए जाति, धर्म से ऊपर उठकर ईमानदार व्यक् ित को वोट दूंगा। वोट सही कैंडिडेट को मिले, यह भी मेरी ड्यूटी है।
-देवेन्द्र डंग, प्रोफेशनल
Voting से बदलाव
इलेक्शन डे को आउडिंग या फिर छुट्टी का दिन मानना बिल्कुल गलत है। युवा अब जागरूक हो चुका है और अच्छी तरह से जान चुका है कि वोट से हम बहुत कुछ पॉजिटिव बदलाव ला सकते हैं। मैं बेस्ट कैंडिडेट को ही वोट दूंगा ताकि देश में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने में अपनी भूमिका निभा सकूं।
-डॉ। राघव, प्रोफेशनल