यूजीसी ने नए इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज को एफिलिएशन देने से किया मना
इस बार पुराने कॉलेजेज की ही सीटों को भरे जाने पर रहेगा जोर
BAREILLY: नए एकेडमिक सेशन में स्टूडेंट्स को नए इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज का तोहफा नहीं मिलेगा। उन्हें पहले से अवेलेबल कॉलेजेज में ही एडमिशन लेना होगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी)ने 2014-15 में किसी भी नए कॉलेज को एफिलिएशन देने से मना कर दिया है। सभी यूनिवर्सिटीज को जारी एक लेटर में उसने नए एकेडमिक सेशन से इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज खोलने के लिए नए एप्लीकेशन रिसीव करने से मना किया है। साथ ही जिनकी एप्लीकेशन पेंडिंग हैं उनको भी अप्रूव करने से मना कर दिया है। यही नहीं ना तो कोई नए ब्रांच खोली जाएगी और ना ही किसी भी ब्रांच की सीट्स बढ़ेंगी। यूजीसी के ये सब करने का मकसद करंट कॉलेजेज में ही स्टूडेंट्स के एडमिशन परसेंटेज को बढ़ाने के लिए है। इस डिसीजन से पहले से मौजूद कॉलेजेज में ही ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकेंगे।
30 परसेंट सीटें खाली
लास्ट ईयर सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) के पर कतरते हुए यह आदेश पारित किया कि उसे किसी भी यूनिवर्सिटी या फिर इंस्टीट्यूट के कोर्सेज को रेगुलेट करने की अथॉरिटी नहीं है। ऐसे में एमएचआरडी ने यूजीसी को रेगुलेशंस का काम सौंपते हुए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यूजीसी ने यह डिसीजन लिया। रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज की 30 परसेंट सीटें खाली रह जाती हैं। इन सीटों पर कोई एडमिशन लेने नहीं आता।
बिखराव को रोकने की कवायद
नए कॉलेजेज ना खोलना और सीटें ना बढ़ाने का यह आदेश फिलहाल एक वर्ष का ही है। सिचुएशन नहीं बदली तो इस आदेश को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। यूजीसी के इस आदेश का मकसद है कि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के बिखराव को रोका जाए। इससे जो सीट्स पहले से अवेलेबल होंगी, उन्हीं पर स्टूडेंट्स एडमिशन लेंगे। नए कॉलेजेज खुलने से स्टूडेंट्स डायवर्ट हो सकते हैं।
2 हजार से ज्यादा एडमिशन हुए कम
यूपीटीयू के इंजीनियरिंग कॉलेजेज के हालात का जायजा लें तो इस बार एडमिशन ग्राफ काफी तेजी से गिरा है। यूपीटीयू (तब जीबीटीयू) के इंजीनियरिंग कॉलेजेज में साल ख्0क्ख् में फ्8,ब्0भ् स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया। जबकि ख्0क्फ्-क्ब् सेशन में एडमिशन लेने वालों में ख्,ख्क्0 स्टूडेंट्स घट गए। इस सेशन में फ्म्,क्9भ् स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया। यूपीटीयू की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस सेशन में ओवरऑल एडमिशन रेट करीब क्0 परसेंट गिरा है। स्टेट के करीब क्ब्क् इंजीनियरिंग और क्ख्0 मैनेजमेंट कॉलेजेज में क्0 परसेंट से ज्यादा एडमिशंस कम हुए हैं।
बरेली की हालत भी जुदा नहीं
यूपीटीयू की रिपोर्ट पर गौर करें तो वेस्टर्न यूपी के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज में ख्0 परसेंट तक एडमिशन गिरे हैं। सिटी में करीब ख् दर्जन इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज हैं। कुछ को छोड़ दिया जाए तो बाकी की हालत काफी बदत्तर है। इसकी मेन वजह एक्सपीरिएंस्ड फैकल्टी ना होने के साथ प्लेसमेंट फैसिलिटी का ना होना है। वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी कई कॉलेज दोयम दर्जे के हैं।