हिमांशु अग्निहोत्री (बरेली)। जिले में जोर-शोर से प्रधानमंत्री जन औषिधि केंद्र खोले गए थे, लेकिन जेनेरिक दवाओं को लेकर फैले भ्रम की वजह से इनकी संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। जन औषिधि केंद्र पर जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं से बहुत कम कीमत में मिलती हैैं। इनको लेकर फैली भ्रांतियों और जागरुकता के अभाव में मरीजों को मजबूरी में महंगी दवाओं का यूज करना पड़ रहा है। जबकि ब्रांडेड दवाओं की तरह ही जेनेरिक दवाएं भी कारगर हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने साफ कहा कि दोनों के साल्ट सेम हैैं और दोनों में बीमारी से लडऩे की क्षमता भी एक ही है।
क्या है जेनेरिक दवाएं
विशेषज्ञों के मुताबिक जेनरिक और ब्रांडेड दवा में एक जैसा ही सॉल्ट होता है। हालांकि जेनेरिक दवाओं के प्रति फैली भ्रांतियों के कारण लोग इनके इस्तेमाल से बचते हैैं। इनको लेकर अधिकांश लोग भ्रम की स्थिति में रहते हैैं कि कम कीमत होने के कारण इनका असर भी कम होता होगा। जबकि जेनेरिक दवाओं के साथ ऐसा कुछ नहीं हैै।
ब्रांडेड कंपनियां भी बनाती हैैं जेनेरिक दवाएं
जेनेरिक दवाओं के विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोग जानबूझकर जेनेरिक दवाओं को लेकर भ्रम फैलाते हैैं। हकीकत यह है कि देश की तमाम ब्रांडेड और बड़ी कंपनियां भी जेनेरिक दवाएं बना रही हैैं। यही नहीं यह कंपनियां अपनी दवाओं दूसरे देशों में भी सप्लाई करती हैैं।
जेनेरिक दवाएं हैैं सस्ती
पेटेंट ब्रांडेड मेडिसिन का प्राइस कंपनीज डिसाइड करती हैं। इनके रिसर्च, मार्केटिंग, डेवलपमेंट आदि पर रुपए खर्च किया जाता है। जेनेरिक दवाएं पेटेंट फ्री होती हैैं। इस वजह से जेनेरिक दवाओं की सीधे मैन्यूफैक्चिरिंग की जाती है। इनकी कीमतें सरकार के हस्तक्षेप से डिसाइड की जाती हैैंं। इनके एड पर खर्च नहीं किया जाता है। न इसमें कमीशन का खेल होता है। इस वजह से जेनेरिक दवाएं सस्ती बिकती हैैं। क्वालिटी में ये दवाएं ब्रांडेड से कमतर नहीं होती हैैं।
साल्ट से होती है दवा की पहचान ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं की क्वालिटी समान होती है। जेनेरिक कम मूल्य पर मिल जाती है। यह भी ब्रांडेड दवाओं की तरह ही असरदार होती हैैं। ब्रांडेड कंपनियां भी जेनेरिक दवाओं का प्रोडक्शन करती हैैं।
-दुर्गेश खटवानी, अध्यक्ष, केमिस्ट एसोसिएशन
जेनेरिक दवाओं के प्रति फैली भ्रांतियों के कारण लोग इनका कम यूज कर रहे हैैं। मरीज को बरगलाया जाता है कि जेनेरिक दवाएं असरदार नहीं होती हैैं। इनका भी ब्रांडेड दवा के समान प्रभाव होता है।
-एसएन चौबे, प्रॉपेराइटर, पीएम जन औषिधि केंद्र
बेहतर क्वालिटी है जेनेरिक की
ब्रांडेड और जेनेरिक दवाएं एक जैसे साल्ट से, एक जैसी मशीन पर और एक जैसे तरीके से तैयार होती हैैं। दोनों में जर्रा बराबर भी फर्क नहीं है। कई मामलों में जेनेरिक दवाओं की क्वालिटी ब्रांडेड से ज्यादा बेहतर होती है। लोग किसी भ्रम में न आएं। सरकार इसी वजह से इसे प्रमोट भी कर रही है।
संदीप कुमार
असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग लाइसेंस अथारिटी