- पोस्टल डिस्पेंसरी का ऑफिसर्स ने किया निरीक्षण
- 6 महीने से डिस्पेंसरी में नहीं है मेडिसिंस
BAREILLY: चौपुला स्थित पोस्टल डिस्पेंसरी पिछले कई महीनों से दवाइयों की कमी से बीमार पड़ी है। पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों के लिए बनी इस डिस्पेंसरी से उन्हें बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है। दरअसल पोस्टल डिपार्टमेंट द्वारा जिस फार्मसिस्ट को मेडिसिंस का टेंडर दिया गया है, वह मेडिसिन की सप्लाई नहीं कर रहा है। जबकि फार्मसिस्ट के खिलाफ नोटिस भी जारी किया जा चुका है, लेकिन मामला सिफर है। वेडनसडे को पीएमजी और सुपरिटेंडेंट पोस्टमास्टर ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। ऑफिसर्स को देखते ही पेशेंट्स ने शिकायतों का अंबार लगा दिया। ऑफिसर्स ने जल्द ही डिस्पेंसरी में मेडिसिन अवेलेबल कराने का आश्वासन दिया।
पेन किलर्स के अलावा कुछ नहीं
पोस्टल डिस्पेंसरी में पिछले म् महीने से दवाइयों का टोटा है। सर्दी-जुखाम और पेन किलर्स मेडिसिंस को छोड़कर एक भी दवाई नहीं है। पोस्टल डिपार्टमेंट ने बीआई बाजार स्थित विनोद फार्मासिस्ट को क्फ् जुलाई ख्0क्फ् को टेंडर दिया था। स्टार्टिग में तो मेडिसिन की सप्लाई ठीक रही लेकिन कुछ वक्त बाद फार्मासिस्ट ने प्रॉपर सप्लाई बंद कर दी। इस संबंध में कई बार नोटिस देने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा।
ब्लैक लिस्ट के लिए लिखा लेटर
डिस्पेंसरी की इंचार्ज डॉ। रश्मि दुरेजा ने पीएमजी एमएल कालिया को फार्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक लेटर लिखा है, ताकि मेडिसिन सप्लाई करने का टेंडर की दूसरे फार्मसिस्ट को दिया जा सके। डॉ। रश्मि दुरेजा ने बताया कि फार्मसिस्ट को ब्लैक लिस्ट करने के लिए ऑफिसर्स को लिखा गया है। विनोद फार्मासिस्ट के खिलाफ नोटिस भी जारी किया गया है।
डिस्पेंसरी का किया निरीक्षण
पेशेंट द्वारा कंप्लेन मिलने के बाद वेडनसडे को एमएल कालिया और सुपरिटेंडेंट अशोक सक्सेना ने पोस्टल डिस्पेंसरी का निरीक्षण किया। ऑफिसर्स ने पेशेंट्स की परेशानियों को जाना। डिस्पेंसरी के आस-पास फैली गंदगी पर नाराजगी जाहिर करते हुए पीएमजी एमएल कालिया ने डिस्पेंसरी इंचार्ज को साफ-सफाई पर ध्यान देने का निर्देश दिया।
मेडिसिन सप्लाई नहीं करने वाले फार्मसिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डिस्पेंसरी के निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली है, जिसको दूर करने के लिए इंचार्ज को कहा गया है।
एमएल कालिया, पोस्टमास्टर जनरल
इलाज के नाम पर हर महीने फ्00 जमा होता है, लेकिन डॉक्टर मेडिसिन का स्टॉक न होने की बात कहते हैं।
बीपी सिंह, शांति बिहार
कई बार डिस्पेंसरी के चक्कर लगा चुका हूं, लेकिन यहां मेडिसिन ही नहीं है। इतनी दूर से आने पर भी इलाज नहीं मिलता।
महेंद्र प्रसाद, बजरिया