काम में लापरवाही के चलते एसएसपी दो विंग कर चुके हैं भंग

अब पांच सदस्यी कमेटी के प्रॉपर टेस्ट के बाद बनेगी नई विंग

BAREILLY: क्राइम ब्रांच की पूरी इंटेलीजेंस विंग को सैटरडे को एसएसपी ने भंग कर दिया। वहीं इससे पहले भी क्राइम ब्रांच की ऑपरेशनल विंग यानी स्वेट को भी एसएसपी ने बंद कर दिया था। बड़ी वारदातों को सॉल्व न कर पाने और काम में लापरवाही के चलते इन दोनों विंग पर गाज गिरी। लेकिन अब खास बात ये है कि नई विंग में इंट्री करने के लिए पुलिसकर्मियों को काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। इस बार फिर से क्राइम ब्रांच में 'कच्चे खिलाड़ी' ना आ जाएं, इसके लिए एसएसपी ने नई विंग में पुलिसकर्मियों को सेलेक्ट करने के लिए बाकायदा पांच सदस्यी कमेटी बनाई है। ये कमेटी पुलिसकर्मियों का एक प्रॉपर टेस्ट लेगी, जिसके आधार पर उन्हें सेलेक्ट किया जाएगा।

वारदातों के खुलासे में नाकामयाब

क्राइम ब्रांच की ऑपरेशनल ग्रुप विंग यानी स्वेट टीम को एसएसपी ने ज्वॉइन करने के कुछ दिनों बाद मार्च माह में भंग कर दिया था और सभी पुलिसकर्मियों को लाइन में भेज दिया था। अब इंटेलीजेंस विंग को भी पूरी तरह से भंग किया गया है। इंटेलीजेंस विंग क्राइम ब्रांच की सबसे अहम विंग है क्योंकि किसी भी बड़ी घटना पर इसी विंग में तैनात पुलिसकर्मी ही मौके पर पहुंचते हैं। वहां से थाना पुलिस से अलग सबूत व अन्य इनपुट कलेक्ट करते हैं। बड़े केसेस को ओपन करने की भी जिम्मेदारी भी इसी विंग पर होती है। लेकिन डिस्ट्रिक्ट में पिछले कई महीनों से लगातार हो ही चोरी, लूट, मर्डर व रेप की वारदातें हो रहीं हैं, जिनमें से एक-दो को छोड़कर किसी का खुलासा नहीं हो पा रहा है।

अब पास करना हाेगा टेस्ट

पिछली विंग के ऊपर लगे आरोपों के चलते अब इस बार विंग में प्रॉपर टेस्ट के बाद पुलिसकर्मियों को रखा जाएगा। क्राइम ब्रांच में पुलिसकर्मियों का सेलेक्शन पांच सदस्यी कमेटी के द्वारा किया जाएगा, लेकिन इसमें सेलेक्ट होना आसान नहीं होगा। इसके लिए बाकायदा एक टेस्ट पास करना होगा। जैसे उससे पूछा जाएगा कि कि वह क्राइम ब्रांच में क्यों आना चाहता है, क्राइम ब्रांच के बारे में वह क्या जानता है, इससे पहले उसने कहां-कहां काम किया है, उसने कितने केसेस को वर्कआउट किया है, यही नहीं उससे बड़े बदमाशों व गैंग की हिस्ट्री के बारे में भी सवाल-जबाव किए जाएंगे। सेलेक्ट होने के बाद भी उसे काम करके दिखाना होगा नहीं तो उसे बाहर कर दिया जाएगा।

कुछ लोगों का ट्रांसफर होना है। इसके अलावा कुछ मठाधीश भी जमे हुए थे, इसलिए क्राइम ब्रांच की इंटेलीजेंस विंग का दोबारा गठन जरूरी हो गया था। अब कमेटी के टेस्ट में पास होने के बाद ही विंग में पुलिसकर्मियों का सेलेक्शन होगा। नई टीम आएगी तो परफॉमर्ेंस भी अच्छा होगा।

-जे रविंद्र गौड़, एसएसपी बरेली