-आंसरशीट के साथ लगी कई ओएमआर शीट पर डिस्ट्रिक्ट प्रिंट नहीं

-डिप्टी कंट्रोलर के लिए डिस्ट्रिक्ट कोड पता करना बना मुसीबत

BAREILLY: यूपी बोर्ड की छोटी सी लापरवाही के चलते जहां कॉपी चेकिंग में जुटे टीचर्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। दरअसल इंटरमीडिएट के कुछ सब्जेक्ट्स की ओएमआर शीट से डिस्ट्रिक्ट कोड ही गायब है। सोर्सेज के अनुसार कॉपी के साथ लगी ओएमआर शीट पर डिस्ट्रिक्ट कोड प्रिंट ना होने से टीचर्स को पता नहीं चल पा रहा है कि वह इस ओएमआर शीट को किस बोर्ड ऑफिस के लिए भेजें। अगर किसी स्टूडेंट्स की कॉपी की ओएमआर शीट इधर-उधर होती है तो हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। हालांकि डिप्टी कंट्रोलर्स सही डिस्ट्रिक्ट कोड पता करने के लिए फाइलों को खंगाल रहे हैं पर इसमें उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

डिस्ट्रिक्टवाइज कलेक्ट करना मुश्किल

डिस्ट्रिक्ट में इंटर की कॉपी चेकिंग के लिए दो सेंटर बनाए गए हैं। यहां कई सब्जेक्ट्स की कुछ ओएमआर शीट पर जहां सीरियल नंबर नहीं है। वहीं हजारों ओएमआर शीट में डिस्ट्रिक्ट कोड भी प्रिंटेड नहीं है। इनमें शिकोहाबाद, फैजाबाद, मैनपुरी, फतेहपुर, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, वाराणसी की ड्राइंग, हिस्ट्री, संस्कृत, जूलॉजी, बॉटनी व बाकी सब्जेक्ट्स की कॉपी के साथ लगी ओएमआर शीट से डिस्ट्रिक्ट कोड गायब है। कॉपी चेकिंग में लगे टीचर्स का कहना है कि अगर किसी सब्जेक्ट की ओएमआर शीट इधर-उधर हो जाती है तो डिस्ट्रिक्ट कोड ना प्रिंट होने से उसे डिस्ट्रिक्टवाइज कलेक्ट करना मुश्किल होगा। हो सकता है कि किसी और डिस्ट्रिक्ट की शीट दूसरे डिस्ट्रिक्ट के बंडल में पहुंच जाए।

प्रिंटिंग प्रेस की चूक

चेकिंग के बाद नंबर चढ़ाने के लिए कॉपीज से लगी ओएमआर शीट की प्रिंटिंग बोर्ड प्राइवेट प्रेस से करवाता है। बोर्ड आफिसर्स का कहना है कि बोर्ड से सभी डिस्ट्रिक्ट के कोड जारी किए गए लेकिन प्रिंटिंग प्रेस की चूक की वजह से कोड प्रिंट होने से रह गया। गौरतलब है कि ओएमआर शीट पर लेफ्ट साइड में सब्जेक्ट कोड, सेंटर कोड और राइट साइड में डिस्ट्रिक्ट कोड लिखा होता है। इसी डिस्ट्रिक्ट कोड के बेस पर ही ओएमआर शीट का बंटवारा होता है। एक ही डिस्ट्रिक्ट कोड के सभी आंसरशीट को एक जगह पर कलेक्ट करके रीजनल ऑफिस भेजा जाता है। वहां से मुख्यालय और फिर रिजल्ट बनाने वाली एजेंसी को दे दिया जाता है।

फाइलों में खंगाल रहे कोड

ओएमआर शीट पर डिस्ट्रिक्ट कोड न होने से डिप्टी कंट्रोलर्स की भी प्रॉब्लम बढ़ गई हैं। कॉपी चेकिंग के बाद वे सही डिस्ट्रिक्ट के बंडल में ही कलेक्ट हों, इसके लिए वे डिस्ट्रिक्ट कोड की तलाश में फाइलें खंगालने में लगे हैं। डिप्टी कंट्रोलर्स का कहना है कि ओएमआर शीट पर कोड लिखना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। ओएमआर शीट गुम ना हो जाएं, इसके लिए वे केंद्रीय मूल्यांकन हाईस्कूल फॉर्म 7 पर लिखे कोड के सहारे डिस्ट्रिक्ट कोड का पता लगा रहे हैं। जीआईसी इंटर कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल एसआर शाक्य ने बताया कि कुछ ओएमआर शीट पर डिस्ट्रिक्ट कोड न होने की शिकायत मिली है, लेकिन सेंटर इंचार्ज सेंटर कोड के हिसाब से डिस्ट्रिक्ट कोड तलाश कर ओएमआर शीट कलेक्ट कर रहे हैं।

ओएमआर शीट पर डिस्ट्रिक्ट कोड न होने की शिकायत बरेली के अलावा मुरादाबाद जीआईसी से भी आई थी। यह प्रॉब्लम प्रिंटिंग प्रेस की लापरवाही की वजह से हुई है। हमनें सेंटर्स इंचार्ज को कहा है कि वह बाकी डाक्यूमेंट्स से डिस्ट्रिक्ट कोड ढूंढकर उसे लिफाफे के ऊपर लिख दें।

-संजय उपाध्याय, रीजनल सेक्रेटरी, यूपी बोर्ड