बरेली(ब्यूरो)। बचपन का प्यार मुकाम पाने को तैयार था। इस बीच धर्म आड़े आ रहा था। लडक़ी व लडक़े ने स्वजन को प्रेम की बात बताई तो अलग-अलग संप्रदायों का होने के चलते रिश्ता होने से इन्कार कर दिया गया। फिर दोनों ने एक होने का फैसला कर दिया और घर छोड़ दिया। ङ्क्षहदू धर्म में आस्था जताकर नाजिश ने नीलेश संग सात फेरे ले लिये और अपना नया नाम निहारिका गंगवार रख लिया।


हिंदू धर्म में जताई आस्था

नाजिश बी व नीलेश गंगवार हाफिजगंज के एक गांव के रहने वाले हैं। नाजिश का नवाबगंज में भी एक घर है। दोनों बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं। धीरे-धीरे दोनों में प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। यह बात दोनों के घर वालों को खटकने लगी। दोनों की बातचीत बंद करा दी गई। इस पर बात शादी की आई जिससे घरवालों ने इन्कार कर दिया। 10 मई को नाजिश एक वैवाहिक कार्यक्रम में स्वजन संग गई थीं। यहीं से वह नीलेश संग चलीं गईं। नाजिश के स्वजन ने नवाबगंज थाने में नीलेश के विरुद्ध अपहरण की धारा में रिपोर्ट लिखाई। इधर, नीलेश नाजिश को लेकर छोटी बमनपुरी स्थित आर्य समाज के अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचे। महंत पंडित केके शंखधार से पूरा वाक्या बताया। बालिग बताते हुए विवाह कच् इच्छा जताई। इसी के बाद ङ्क्षहदू रीति-रिवाज से दोनों का ब्याह कराया गया। ब्याह के बाद आशीर्वाद लेकर दोनों चले गए। निहारिका गंगवार ने कहा कि दोनों बालिग हैं। ङ्क्षहदू धर्म में वह आस्था रखती हैं। खुद की मर्जी से शादी की है। किसी का दबाव नहीं है। हर पल साथ रहने की बात कही। विवाह समारोह में परशुराम सेना, राष्ट्रीय जागरूक ब्राह्मण महासंघ, ङ्क्षहदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।