-निगम नहीं आरओ देता है शुद्ध पानी
-मैक्सिमम लोग नहीं पीते नगर निगम का पानी
BAREILLY: नगर निगम प्योर वाटर पिलाने का दम भरता है, लेकिन क्या वह इस वायदे को पूरी तरह खरा उतरता है। इसका सच सिटी के गवर्नमेंट ऑफिसेज बखूबी बयां करते हैं। आई नेक्स्ट की टीम ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि ज्यादातर ऑफिसेज में लोग निगम का नहीं, आरओ का पानी पी रहे हैं। निगम द्वारा शुद्ध जल पिलाने के नाम पर एनुअल रेंटल वैल्यू (एआरवी) का 9.भ् परसेंट लेता है। गवर्नमेंट ऑफिस के अधिकारियों, कर्मचारियों समेत शहर के लोगों की मानें तो निगम का पानी हेल्थ के लिए पूरी तरह प्योर नहीं है।
आरओ नहीं तो ऑप्शनल अरेंजमेंट
शुद्ध पानी पीने के लिए मैक्सिमम ऑफिसेस में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। शहर के ज्यादातर ऑफिसेज जैसे बीडीए, पीडब्ल्यूडी, एसएसपी ऑफिस, विकास भवन और डीआईजी ऑफिस में आरओ लगा है। मौके पर मौजूद बीडीए और विकास भवन वर्कर्स के अनुसार निगम की ओर से सप्लाई किए जाने वाले पानी में केवल पानी की गारंटी है, स्वच्छ पानी की कोई गारंटी नहीं है।
नहीं आता शुद्ध पानी
अधिकारियों की मानें तो निगम की ओर से जो पानी प्रोवॉइड कराया जाता है लोग मजबूरी में ही यूज करते हैं, क्योंकि निगम के पानी में हल्की बदबू और पीलापन सा रहता है। ऐसा पानी का पीना हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता है। आरओ लगने से पहले ऑफिस के कुछ लोगों को पीलिया, गले, पेट संबंधी बीमारियां अक्सर हो जाया करती थीं। वहीं कुछ लोगों को निगम के पानी के कारण बाल झड़ने, बॉडी एकेन व अन्य समस्याएं हो गई। डॉक्टर से कंसर्ट करने के बाद ऑफिसेज में आरओ लगाना ही बेहतर समझा।
पब्लिक क्या करे
ऑफिसेज में तो प्यूरिफाईड पानी के अरेंजमेंट कर लिए गए, लेकिन शहर के 8ब् हजार घरों की क्या स्थिति होगी, जिनसे एआरवी के नाम पर निगम की ओर से वाटर टैक्स वसूला जाता है। ज्यादातर लोग हैंडपंप से तो कुछ लोग पानी को उबालकर शुद्ध करते हैं। दूसरी ओर कुछ पास पड़ोस के घरों में लगे आरओ से भी पानी लेकर गला तर करते हैं। सुभाषनगर निवासी जयप्रकाश ने बताया कि निगम की ओर से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पड़ी पाइपलाइन अक्सर नालों से होकर गुजरती है। ऐसे में पाइप फट जाने से नाली का भी पानी घरों में पहुंचता है।