अलाव की लकड़ी के फर्जीवाड़े के आरोपी चीफ इंजीनियर और जेई पर कार्रवाई नहीं

लोकायुक्त और कमीश्नर के आदेश पर भी नहीं जागे नगर आयुक्त, सालों लटकाई कार्रवाई

मेयर ने नगर आयुक्त को दिए निर्देश, दागियों के खिलाफ हो विभागीय कार्रवाई और रिकवरी

BAREILLY: नगर निगम के बंद फाइलों से एक बार फिर विवाद उठ खड़ा हुआ है। सालों पुरानी धूल फांकती फाइलों से इस बार निगम के दागियों से रिकवरी का जिन्न बाहर आया है। दागी भी ऐसे जो अब निगम की जद से बाहर कहीं और अपने कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। मेयर डॉ। आईएस तोमर ने निगम में तैनात रहे जेई सुशील सक्सेना के खिलाफ शासकीय पैसा वसूले जाने को लेकर नगर आयुक्त को लेटर जारी किया है। निगम में अलाव की लकड़ी खरीद में अनियमिता बरतने में एई के साथ ही निगम में पूर्व चीफ इंजीनियर और एक एई का नाम भी शाि1मल हैं।

लोकायुक्त का आदेश्ा ठेंगे पर

निगम के सीआई गैराज में अलाव की लकड़ी खरीद में निगम के इन पुराने दागियों के खिलाफ ठेकेदार ने जांच के लिए लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया था। जिसकी जांच के बाद साल ख्007 में तात्कालीन लोकायुक्त ने उस समय निगम के चीफ इंजीनियर जीतेन्द्र केन, जेई डीडी शर्मा, अपर नगर आयुक्त ए रहमानऔर जेई सुशील सक्सेना को दोषी पाते हुए तात्कालीन नगर आयुक्त को इनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। लेकिन सालों बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नही हुई।

विवादों में रही नियुक्ति

नगर निगम में क्क् साल पहले जेई पद पर नियुक्त सुशील सक्सेना पिछले म् सालों से बतौर कार्यवाहक एई बने हुए थे। निदेशक स्थानीय निकाय के निर्देशों के बावजूद तात्कालीन चीफ इंजीनियर ने कार्यवाहक एई पद से जेई सुशील सक्सेना को नहीं हटाया। इस पर लोकायुक्त ने चीफ इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई के लिए तात्कालीन नगर आयुक्त को आदेश भी दिए थें। चार साल तक कोई कार्रवाई न होने पर ख्क् मार्च ख्0क्क् को तात्कालीन कमिश्नर सुधीर एम बोवड़े ने भी नगर आयुक्त को लेटर भेजकर वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितता कहते हुए एक सप्ताह में कार्रवाई करने का आदेश ि1दया था।

ब्लैक लिस्टेड फर्म से कराया काम

अलाव की लकड़ी के घोटाले में दागियों से गठजोड़ वाली जेपी भाटिया वाली फर्म के खिलाफ भी कमिश्नर ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। कमिश्नर ने कॉन्ट्रैक्ट की शर्तो को पूरा न करने पर फर्म को तीन साल तक ब्लैक लिस्टेड किए जाने के आदेश दिए थे। आरोप हैं कि दागी अधिकारियों ने फाइलों में फर्म को ब्लैक लिस्ट कर रिपोर्ट कमिश्नर को भेज दी। लेकिन बाद के सालों में भी इसी फर्म के ओनर को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।

7भ् हजार की रिकवरी फंसी

मेयर ने नगर आयुक्त को अलाव की लकड़ी की आंच में फंसे दागियों से 7भ् हजार रुपए की रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं। इसमें स्टॉक से लकड़ी लेने में फर्जीवाड़ा करने में ख्फ्म्.ख्भ् रुपए पर क्विंटल क दर से क्क्,क्0फ् रुपए की रिकवरी के अलावा फर्जी अलाव जलाने के नाम पर ली गई लकड़ी की क्8,भ्8क् की वसूली भी शामिल हैं। कुल ख्9,म्8ब् रुपए की इस रिकवरी पर ख्8 फरवरी ख्0क्ब् तक क्ख् फीसदी ब्याज के साथ यह रिकवरी 7भ् हजार रुपए हो गई है। मेयर ने दागियों से इस पैसे की रिकवरी के निर्देश तो दे दिए, लेकिन निगम को अलविदा कह चुके इन शातिरों से पैसे वसूलना निगम के लिए अब टेढ़ी ख्ाीर है।

पहले क्यों न हुई रिकवरी

निगम को काफी समय पहले ही जितेन्द्र केन और डीडी शर्मा अलविदा कह चुके हैं। वहीं सुशील सक्सेना भी तीन दिन पहले ही निगम से रिलीव हो हापुड़ में सिटी बोर्ड में जा चुके हैं। दागियों के जाने के बाद ही इनके खिलाफ रिकवरी की कार्रवाई शुरू किए जाने पर जिम्मेदारों की नीयत और कूवत पर सवाल खड़े करती है। लोकायुक्त और कमिश्नर के आदेश के बावजूद न तो दागियों से रिकवरी हुई और न ही कार्रवाई न होने पर इस पर हो हल्ला मचा।

अलाव की लकड़ी की खरीद में हुई अनियमितता पर रिकवरी के लिए नगर आयुक्त को लेटर लिखा गया है। लोकायुक्त व कमिश्नर की जांच में दोषी इन पूर्व अधिकारियों से वसूली की जाएगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

निगम के पुराने अधिकारियों से किसी भी तरह की रिकवरी के निर्देश मुझे नहीं मिले हैं। मेयर की ओर से लेटर मिलते ही इसका जवाब दिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। - उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त