कार्यकारिणी बैठक में जलकल एई की हैंडपंप स्टोर में होने की बात निकली झूठी

मंजूरी के 6 महीने बाद भी खरीदे ही नहीं गए हैंडपंप, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

BAREILLY: जनता से ठगी करने में उस्ताद नगर निगम के अधिकारी कार्यकारिणी को भी गुमराह करने में अव्वल साबित हुए हैं। निगम से मंजूर शहर में क्00 इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। जलकल विभाग के अधिकारियों ने ट्यूजडे को हुई कार्यकारिणी की बैठक में जिन क्00 हैंडपंप के स्टोर में होने की दलील दी थी। वह सफेद झूठ साबित हुई। जनवरी में निगम से क्00 हैंडपंप खरीदे जाने की मंजूरी मिलने के बावजूद विभाग ने खरीद नहीं की। वेडनसडे को निगम के जलकल स्टोर में मेयर डॉ। आईएस तोमर के इंस्पेक्शन में इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। मेयर ने इस फर्जीवाड़े में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने और इस पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजे जाने की बात कही।

एई का फर्जीवाड़ा

निगम की ओर से सर्दियों में ही शहर में क्00 हैंडपंप लगवाने के प्रपोजल को मंजूरी दी गई थी, जिससे गर्मियों में जनता को पानी की किल्लत और प्यास से निजात मिल सके। लेकिन जलकल विभाग के एई व जीएम की ओर से जनवरी से जून बीतने तक इन हैंडपंप की खरीद ही नहीं की गई। जानकारों के मुताबिक इस एक हैंडपंप की खरीद में करीब फ्0 हजार रुपए खर्च होते हैं। ऐसे में विभाग के एई आरवी राजूपत की मिलिभगत से लाखों रुपए के फर्जीवाड़े की बात सामने आई है।

8 दिन पहले खरीदे पाइप

स्टोर में मेयर के इंस्पेक्शन के दौरान स्टोर इंचार्ज ताहिर कमाल नदारद दिखे। पंपिंग सुपरवाइजर अतुल सक्सेना ने बताया कि स्टोर में हैंडपंप की मशीनें ही खरीद कर नहीं आई हैं। वहीं हैंडपंप के पाइप जिन्हें एई ने सबस्टैंडर्ड बताकर बदले जाने की जरूरत बताई थी, वह भी महज 7-8 दिन पहले ही खरीद कर स्टोर में रखे गए थे। इन्हें भी अब तक वापस भिजवाने और क्वालिटी पाइप लाने की कवायद ठंडे बस्ते में पड़ी है।

-हैंडपंप की खरीद में हुई देरी पर बड़ी लापरवाही हुई है। खरीद न होने के बावजूद स्टोर में हैंडपंप होने की बात बड़ी खामी है। दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार एई व जीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर